शाहीन बाग़ ने दिल्ली चुनावों से पहले देश की राजनीति में बड़ा भूचाल खड़ा किया था और शाहीन बाग़ की तर्ज पर देश के कई इलाकों में भी ऐसे ही प्रदर्शनों को जन्म दिया जा रहा था। हालांकि, अब सामने आया है कि अलीगढ़ में हो रहे ऐसे प्रदर्शनों में महिलाओं को जबरदस्ती उनके पति और घरवालों द्वारा भेजा जा रहा था। दरअसल, अलीगढ़ की एक मुस्लिम महिला ने अपने पति के खिलाफ शिकायत भी की है और पुलिस से कहा है कि उसका पति उसे CAA के खिलाफ प्रदर्शनों में जाने के लिए बाध्य कर रहा है।
#Breaking | Shocker from Aligarh, U.P.
Woman 'forced' by her husband to join anti-CAA protest. She has lodged a complaint against her husband.
Details by TIMES NOW's Amir Haque. pic.twitter.com/9BzK2r3tqI
— TIMES NOW (@TimesNow) March 3, 2020
पहले कहा जा रहा था कि महिलाएं अपनी मर्जी से इन प्रदर्शनों में जा रही हैं लेकिन कैमरे में जो सच कैद हुआ वो बेहद चौंकाने वाला है। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे शाहीन बाग और इस जैसे देश में हो रहे अन्य विरोध प्रदर्शनों की पोल खुल गयी है। इस वीडियो में महिला ने अपने पति पर आरोप लगाते हुए कहा, “मेरा शौहर मुझे जबरदस्ती धरने में बैठने के लिए कहता है। कहते हैं शाहजमाल में धरना हो रहा है चली जाओ… खाना मिलेगा। साहब मैं झूठ नहीं बोल रही हूं। एक हफ्ते से इन्होंने मुझे परेशान किया हुआ है।” बता दें कि अलीगढ़ में भी जनवरी के महीने से ही महिलाएं ऐसा विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। 18 जनवरी यानि शुक्रवार को महिलाएं अलीगढ़ में इकट्ठा होना शुरू हुई थीं तो पुलिस को शक हुआ था कि इनकी बाहर से फंडिंग की जा रही है। तब जमालपुर व दोदपुर में महिलाएं प्रदर्शन करते हुए अचानक सड़कों पर आ गई थीं। अचानक यह प्रदर्शन होने पर जब खुफिया इनपुट जुटाया गया तो पता चला कि शहर के कुछ बड़े नेता व उद्यमी यह धरना कराने के लिए फंडिंग कर रहे थे।
हालांकि, पिछले दो महीने से अलीगढ़ में चल रहा यह विरोध प्रदर्शन अब पुलिस द्वारा खत्म करवा दिया गया है। धरना खत्म करवाने का तरीका भी बेहद अनोखा था। दरअसल पुलिस ने धरना दे रही महिलाओं की फोटो निकाली और फिर उनके घर पहुंचकर धरने में नहीं आने का नोटिस दिया। इसी प्रक्रिया में यह सामने आया कि इन महिलाओं को तो जबरदस्ती प्रदर्शन में भेजा जा रहा था।
इससे एक बात की आशंका बढ़ गयी है कि दिल्ली में हो रहे शाहीन बाग़ के प्रदर्शनों में तो कहीं महिलाओं को इस तरह जबरदस्ती तो नहीं भेजा रहा था। और सिर्फ महिलाओं को ही नहीं, उनके साथ मासूम बच्चों को भी ऐसे प्रदर्शनों में भेजा जा रहा था जिनमें एक चार महीने के मासूम की मौत भी हो गयी थी। इसके अलावा BJP नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शाहीन बाग़ में बच्चों के शामिल होने पर कहा था “जब बच्चों को ‘हम मोदी की हत्या कर देंगे’ जैसे नारे लगाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, तो आप क्या कहेंगे? तब आप क्या कहेंगे जब लोग ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ के नारे लगाते हैं। आप उन्हें क्या कहेंगे जो ये कहते हैं कि हम 15 करोड़ हैं…..?”
अलीगढ़ की उस मुस्लिम महिला के इस खुलासे से यह भी स्पष्ट हो गया है कि ये प्रदर्शन किसी भी नज़र से स्वाभाविक नहीं थे, बल्कि इन्हें बाहर से समर्थन देकर, फंडिंग कर और धर्म के नाम पर लोगों को बरगलाकर वहाँ बैठने के लिए मजबूर किया जा रहा था। हालांकि, अब अलीगढ़ की मुस्लिम महिला ने मीडिया के सामने आकर इन सब के एजेंडे पर पानी फेर दिया है।