देश में दिन प्रतिदिन कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने इससे निपटने में अपनी जी जान लगा दी है और स्वयं पीएम मोदी इस लड़ाई का नेतृत्व कर रहे है। परंतु इस लड़ाई में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों का सहयोग भी जरूरी है जिससे इस वायरस से निपटा जा सके। अभी तक सभी राज्यों के मुख्यमंत्री ने तो लगभग सहयोग दिया है लेकिन ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्र सरकार का बढ़-चढ़ कर समर्थन किया है और इस बार तो ऐसा लग रहा है कि वह भी केंद्र के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहे हैं। एक ओर जहां अन्य मुख्यमंत्री अपनी पार्टी के हितों को आगे रख कर देश के बारे में सोचते है तो वहीं नवीन पटनायक ने वैचारिक मतभेद से पहले देश की जनता के हितों को आगे रखा है। यही कारण है कि कोरोना जैसी महामारी के समय में भी ओडिशा ने बेहतरीन काम किया है।
दरअसल, प्रधानमंत्री के जनता curfew के आह्वान का समर्थन करते हुए नवीन पटनायक ने भी अपने आवास के छत से थाली बजाई। एक ओर जहां दूसरी पार्टियों के मुख्यमंत्री थाली बजाने के कार्यक्रम से दूरी बनाते दिखाई दिये तो वहीं नवीन पटनायक ने अपने ट्विटर से वीडियो पोस्ट करते हुए यह संदेश दिया कि वे प्रधानमंत्री के हर कदम पर साथ हैं।
Deep gratitude to millions of frontline warriors working relentlessly to contain #COVID19. I clap for all the doctors, nurses, health and sanitation workers, transport personnel, policemen, media persons & people providing basic necessities as partners to knockdown the pandemic. pic.twitter.com/zqwn1hS7HJ
— Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) March 22, 2020
इससे पहले भी ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कोराना महामारी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर एक अप्रैल से शुरू होने वाली जनगणना और अन्य संबद्ध गतिविधियों को स्थगित करने का शुक्रवार को अनुरोध किया था। यही नहीं उन्होंने 13 मार्च को इस वायरस को आपदा घोषित कर दिया था और राज्य में कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिये 200 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की थी।
Odisha declares coronavirus as 'disaster', orders closure of schools, cinemas
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— ANI Digital (@ani_digital) March 13, 2020
इससे पहले भी नवीन पटनायक कई मौकों पर केंद्र सरकार के साथ देकर अन्य मुख्यमंत्रियों के लिए मिसाल पेश की थी। जब चक्रवात फनी ने ओडिशा में तबाही मचाई थी तब भी PM मोदी और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मिल कर काम किया था। PM मोदी ने तूफान से तबाही के समय में मदद के लिए एक हजार करोड़ रुपये की तत्काल मदद का ऐलान किया था और मीडिया से बात करते हुए पीएम मोदी ने नवीन पटनायक के अच्छे काम के लिए उनकी सराहना की थी। उस दौरान नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि मैं फोणी और इसके बाद की स्थिति से असरदार तरीके से निपटने में राज्य का सहयोग करने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूं।
बीते पांच साल में मोदी सरकार को नवीन के सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में समर्थन किया है। यही नहीं, विमुद्रीकरण (डीमॉनटाइजेशन), उत्पाद एवं सेवा कर (जीएसटी), आर्टिकल 370 और CAA पर बीजेडी के सांसदों का लोक सभा और राज्य सभा दोनों में ही केंद्र को समर्थन रहा है। और तो और राज्यसभा उपसभापति चुनाव में भी नवीन के सांसद मोदी के साथ खड़े दिखे हैं।
बता दें कि बीजू जनता दल के गठन के बाद, भाजपा और BJD दोनों ही दल साथ-साथ थे। नवीन पटनायक अटल सरकार में केंद्रीय मंत्री थे। तब वह जनता दल से आसका लोस क्षेत्र से चुने गए थे। फिर उन्होंने अपने स्वर्गीय पिता के नाम पर बीजू जनता दल बनाया। बीजेपी के साथ गठजोड़ करके ओडिशा में सरकार बनायी। पांच साल बाद गठबंधन टूट गया था। लेकिन फिर भी नवीन पटनायक ने केंद्र की बीजेपी सरकार को राष्ट्रीय हितों के मामलों पर साथ दिया है। अब कोरोना पर भी उन्होंने PM मोदी के आह्वान पर अपने छत से थाली बजा कर यह संदेश दे दिया है कि वह अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री जैसे नहीं जो तुष्टीकरण की राजनीति कर देश के लिए संकट पैदा करे। उन्होंने स्पष्ट बता दिया है कि वह हर परिस्थिति में केंद्र के साथ हैं। किसी भी संघीय देश के विकास के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि उसके राज्य केंद्र के साथ मिल कर काम करे और समर्थन करे। नवीन पटनायक ने भी वही किया है और अन्य मुख्यमंत्रियों के लिए मिसाल कायम की है।