कोई Quarantine-isolation नहीं, कोई lockdown नहीं, कोरोना के समय पाकिस्तान दुनिया का सबसे chill देश है

एक से बढ़कर एक नमूनों का देश

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एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना के प्रकोप से जूझ रही है, तो वहीं एक देश ऐसा भी है जो इस गंभीर समय में अपनी अलग ही दुनिया में जी रहा है। उस देश को ना तो कोरोना की चिंता है और ना ही किसी और बीमारी की। वहां की सरकार को अपनी जनता की बजाय अपने पड़ोसी देश की पड़ी है और उस देश के प्रधानमंत्री अभी भी पैसों का ही जुगाड़ करने में लगे हैं। ऐसा देश कोई और नहीं बल्कि भारत का पड़ोसी पाकिस्तान ही है।

पाकिस्तान में कोरोना के खिलाफ लड़ाई इस प्रकार लड़ी जा रही है कि आज के समय यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति भी इस देश में चला जाए, तो वो भी कोरोना समेत कई खतरनाक बीमारी अपने साथ लेकर आएगा। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तबाह हो चुकी है, स्वस्थ लोग बीमार पड़ रहे हैं, दवा-मास्क की कमी हो गयी है, कोरोना के मामले 500 पार कर गए हैं और पाकिस्तान की जनता समेत सरकार एक दम chill हैं, मानो उनके लिए ऐसी स्थिति कोई आम बात हो!

पाकिस्तान एक देश और एक सिस्टम के तौर पर कैसा और कैसे काम करता है, इसे आप कोरोना के खिलाफ उसकी लड़ाई में भली-भांति देख सकते हैं। इस साल की शुरुआत में जब चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस के मामले मिलना शुरू हुए थे, तब वुहान में फंसे पाकिस्तानी छात्रों से उन्हें वहां से बाहर निकालने के लिए कहा था। तब पाकिस्तानी अधिकारियों से उनके कहा था “ज़िंदगी और मौत तो अल्लाह के हाथ में होती है, यहां आना हो चाहे वहां आना हो”।

पाकिस्तान ने अपने नागरिकों को वुहान से निकालने से ही मना कर दिया था। पाकिस्तान को लगा था कि इस प्रकार वह अपने देश में कोरोना की एंट्री नहीं होने देगा, लेकिन आज देश में 500 से भी ज़्यादा रिपोर्टेड केस मिल गए हैं और उनकी तो कोई संख्या ही नहीं है जो अब तक रिपोर्ट नहीं किए गए हैं।

बाद में जब पाकिस्तान सरकार की नींद खुली और उसने अपने नागरिकों को क्वारंटाइन करना शुरू किया, तो उसमें भी “पाकिस्तानीपना” खुलकर दिखाई दिया। पाकिस्तान ने अपने नागरिकों को कूड़े के ढेरों पर क्वारंटाइन किया। ऐसे क्वारंटाइन में जाकर तो कोई स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार पड़ जाता होगा।

पाकिस्तान के क्वारंटाइन से कुछ videos भी सामने आए हैं, जहां लोगों को अलग करने की बजाय उन्हें एक बड़े से कमरे में जानवरों की तरह भर रखा है। लोग फर्श पर बैठे हुए हैं और वे सब भीड़-भाड़ में एक दूसरे के ऊपर नीचे से होते हुए इधर से उधर जा रहे हैं। अब सोचिए कि पाकिस्तान के ऐसे क्वारंटाइन में जाकर कोई स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार हुए बिना कैसे रह सकता है।

https://twitter.com/MajorPoonia/status/1240554836610801665?s=20

पाकिस्तान की सरकार के मुखिया इमरान खान अपनी अलग ही दुनिया में खोये हुए हैं। उन्हें इस मौके पर या तो पैसों की फिक्र है या फिर वे ईरान की चिंता करते दिखाई दे रहे हैं। उदाहरण के तौर पर कल ही इमरान ने जियो-पॉलिटिकल बयान देते हुए ईरान पर से सभी प्रतिबंध हटाने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय में ईरान पर ऐसे प्रतिबंध लगाना अन्यायपूर्ण है”। वाह इमरान खान! क्या सही प्राथमिकताएं हैं आपकी। इसके अलावा कोरोना की आड़ में इमरान अपना कर्ज़ माफ करवाने और पैसों का जुगाड़ करने में लगे हैं।

उदाहरण के तौर पर इमरान खान ने हाल ही में कहा कि पाक की अर्थव्यवस्था ने पिछले साल उन्नति की थी, लेकिन अब कोरोना वायरस संकट के कारण वह दबाव में हैं और उन्होंने सुझाव दिया है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को देश के कर्ज भुगतान पर राहत देने पर विचार करना चाहिए।

आज कोरोना की वजह से पूरी दुनिया लॉकडाउन हुई पड़ी है। शहर के शहर, देश के देश बंद हैं लेकिन इमरान खान ने अपने यहां लॉकडाउन करने से साफ मना कर दिया। इसके बचाव में उन्होंने दलील दी कि अगर लॉकडाउन किया तो पाकिस्तानी जनता कोरोना की बजाय भूख से मर जाएगी। उन्होंने कहा “अगर शहर बंद किए जाते हैं तो लोगों को कोरोना वायरस से तो बचा लिया जाएगा, लेकिन वे भूख से मर जाएं”।

इमरान खान ही नहीं, पाकिस्तान के मंत्री भी उनकी तरह एक दम chill मोड में हैं। उदाहरण के लिए उनकी सरकार में मंत्री CH फवाद हुसैन को ही देख लीजिये। वे ट्विटर पर अपनी अजीबोगरीब अंग्रेजी लिखकर पूरी दुनिया में अपना मज़ाक बनवा रहे हैं। उन्होंने क्वारंटाइन पर ट्वीट मारते हुए लिखा “Humen क्वारंटाइन के लिए नहीं बने हैं, एक दूसरे पर उनकी निर्भरता रहती ही है। अलग रहना तो बहुत अल्प समय के लिए उपाय है, विज्ञान और डॉक्टरों को इसका इलाज़ निकालना होगा”।

पाकिस्तान में आज वो रहा है, जिसे करने से पूरी दुनिया मना कर रही है, लेकिन इसमें हैरान होने की बात नहीं है। पाकिस्तान से हम ऐसी ही उम्मीद रखते हैं। इस देश से लॉजिक और sense की उम्मीद की ही नहीं जा सकती। यही कारण है कि कोरोना से यहां किसी को खतरा नहीं महसूस होता। शायद आतंकवाद को बढ़ावा देते-देते पाकिस्तान के अंदर अब कोरोना जैसे किसी वायरस का खतरा खत्म हो गया है।

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