दुनिया चाहे जहां पहुंचे, पर कुछ लोग ऐसे है कि वे अपनी कुत्सित मानसिकता नहीं छोड़ेंगे। हाल ही में अपनी साम्राज्यवादी मानसिकता का परिचय देते हुए द गार्जियन ने प्रीती पटेल को ना केवल अपमानित किया, अपितु उन पर एक बेहद नस्लभेदी कार्टून भी बनाया।
द गार्जियन ने महिला दिवस के अवसर पर वर्तमान ब्रिटिश सरकार की आलोचना करते हुए एक कार्टून निकाला, जिसमें प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और गृह मंत्री प्रीती पटेल को दो पागल सांड के तौर पर दिखाया। इस छवि में आप देख सकते हैं कि कैसे सरकार की आलोचना के नाम पर प्रीती पटेल की हिन्दू आस्था पर द गार्जियन ने प्रहार किया है।
Good grief, I hadn't seen this derogatory caricature of a 'sacred cow', lampooning Priti Patel's Indian/Hindu heritage. Why does @KathViner @guardian not consider this to be an expression of religious/racial 'hate'? https://t.co/haM68t5pRQ
— Adrian Hilton (@Adrian_Hilton) March 7, 2020
हालांकि यह कोई नई बात नहीं है। जब से प्रचंड बहुमत के साथ बोरिस जॉनसन ने सरकार बनाई है, तब से ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार अपने निडर और अक्खड़ स्वभाव के कारण वामपंथियों के निशाने पर है। ना केवल सरकार कट्टरपंथियों को ब्रिटेन से हटाने के लिए प्रतिबद्ध है, अपितु उनके मंत्री हिन्दू संस्कृति से कोई द्वेष नहीं रखते।
https://twitter.com/SocialM85897394/status/1236259285086191617?s=20
इतना ही नहीं, ब्रिटेन के दो सबसे अहम मंत्रालय – गृह और वित्त – भारतीय मूल के अंग्रेज़ी नागरिकों के पास है। यह ना केवल भारतीय समुदाय के ब्रिटेन में बढ़ते प्रभुत्व का परिचायक है, अपितु ब्रिटेन को तोड़ने वाले समूह के लिए किसी दुस्वप्न से कम नहीं है।
चूंकि प्रीती पटेल ब्रिटेन में हो रहे घुसपैठ और यौन तस्करी के विरुद्ध सख्त रुख अपनाई हैं, इसलिए वामपंथी मीडिया उनकी एक नकारात्मक छवि ब्रिटेन की जनता के समक्ष पेश करना चाहती है। शायद इसी उद्देश्य से द गार्जियन ने प्रीती पटेल की इतनी आपत्तिजनक छवि पेश की है।
परन्तु यह पहली बार नहीं हुआ है, जब किसी राजनीतिज्ञ को हिन्दू धर्म में उसकी आस्था के लिए वामपथियों का जहर झेलना पड़ा हो। जब वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने भगवद गीता को साक्षी मानकर शपथ ली, तो वामपंथियों ने काफी विवाद खड़ा किया था। इस पर ऋषि सुनक ने स्पष्ट किया कि वे भले ही ब्रिटेन के नागरिक है, परन्तु वे हिन्दू भी हैं।
https://youtu.be/_oj0dI6Kvsg
इसके अलावा अभी हाल ही में अमेरिकी राजनीतिज्ञ और सांसद तुलसी गाबार्ड ने हिन्दू समुदाय के प्रति विद्वेष पर प्रकाश डालते हुए ट्वीट किया, “बदकिस्मती से हिंदूफोबिया एक सच है। मैंने USA कांग्रेस और राष्ट्रपति उम्मीदवारी के अपने अभियान के दौरान हर बार इसे प्रत्यक्ष तौर पर महसूस किया है। ये तो सिर्फ़ एक उदाहरण है कि हमारे देश में हिंदुओं को क्या झेलना पड़ता है। दुखद तो ये है कि इसके बावजूद हमारे नेता और मीडिया इसे न केवल बर्दाश्त करते हैं, बल्कि इसे और भड़काते हैं”।
Unfortunately, Hinduphobia is very real. I've experienced it directly in each of my campaigns for Congress & in this presidential race. Here's just one example of what Hindus face every day in our country. Sadly, our political leaders & media not only tolerate it, but foment it. https://t.co/60MDtszQHf
— Tulsi Gabbard 🌺 (@TulsiGabbard) March 5, 2020
तुलसी गबार्ड ने ये बात हाल ही में अमेरिका में एक उबर ड्राईवर द्वारा धर्म के आधार पर एक हिन्दू महिला के साथ बदतमीजी करने को लेकर कही। एक ओर जहां विश्व में हिंदू धर्म के लोग धीरे-धीरे अपनी खोई प्रतिष्ठा पुनः प्राप्त कर रहे हैं, तो वहीं इस प्रगति से तिलमिलाए कुछ लोग अपनी कुंठा का परिचय दे रहे हैं, जिसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण द गार्जियन का आपत्तिजनक कार्टून भी है।