“CAA-NRC हटाओ, वरना वुहान वायरस फैल जाएगा”, केंद्र सरकार को बुद्धू शेहला की फर्जी चेतावनी

शेहला राशिद

(PC: Kashmir Observer)

वामपंथियों की पोस्टर गर्ल शेहला राशिद ने सीएए और एनआरसी के प्रति अपना विरोध जताने के लिए एक बड़ा ही अजीब ट्वीट पोस्ट किया। ट्वीट में शेहला राशिद ने लिखा, “भारत सरकार से अपील करती हूँ कि वो सीएए, एनपीआर और एनआरसी जैसे निर्णयों को कोरोनावायरस के चलते हटा लें। इसके कारण पूरे देश भर में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्लीज़ इन्हें रोक दें”। 

https://twitter.com/Shehla_Rashid/status/1239373111251726336?s=20

अभी जगन मोहन रेड्डी के रामबाण ‘पैरासिटामाल’ इलाज को सुर्खियों में आए 48 घंटे भी नहीं हुए थे, कि शेहला राशिद बुरा मान गयी। मन ही मन सोची होंगी, ‘हमसे पागल कोई कैसे हो सकता है भला?’ सीएए और एनआरसी को हटाने के लिए कोई ठोस कारण न मिलने पर अब मोहतरमा कोरोनावायरस का बहाना बना रही हैं।

पर जो भी कहो, शेहला राशिद और स्वरा भास्कर एक ही थैली की चट्टे बट्टे हैं। जब एनआरसी आया नहीं, उसपर चर्चा हुई नहीं, उसे संसद में लाया भी नहीं, तो फिर एनआरसी क्यों हटाना? ऐसे ही स्वरा भास्कर ने भी एनआरसी को लेकर हो हल्ला मचाया था, जब स्वरा ने एबीपी न्यूज़ के शिखर समागम में कहा, “एनआरसी में इतने डरावने प्रोविज़न हैं, जिससे हर गरीब नागरिक जिसके पास कागजात नहीं हैं, उसकी नागरिकता और जान खतरे में है”। इस पर जब पत्रकार रूबिका लियाकत ने पूछा कि एनआरसी का ड्राफ्ट कहाँ है, तो स्वरा कहती हैं, “आप सरकार से पूछिये, ये मेरा काम नहीं है”।

अब बात करें शाहीन बाग की, तो यहां विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है, प्रदर्शनकारियों की संख्या भले ही पहले से कम हो। यदि वे वास्तव में भारत के हित में सोच रहे होते, तो वुहान वायरस के घातक परिणामों के बारे में समझ कर वहाँ से अभी तक हट चुके होते। परंतु ये लोग अभी भी नहीं हटे हैं, और यदि इनका प्रदर्शन ऐसे ही जारी रहा, तो वुहान वायरस के कम्यूनिटी ट्रांसमिशन वाले घातक स्टेज को बढ़ावा देने में शाहीन बाग मुख्य रूप से जिम्मेदार रहेगी। इसके अलावा शेहला को अब दिल्ली सरकार का भी कोई अप्रत्यक्ष समर्थन नहीं प्राप्त है, क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में किसी भी क्षेत्र में 50 से ज़्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी है। यह अलग बात है की शाहीन बाग के अराजकतावादी अभी भी अपने जगह से हटने को तैयार नहीं है –

यदि शेहला राशिद वास्तव में मानवतावाद में विश्वास करती हैं, तो वो शाहीन बाग के अराजकतावादियों को समझा रही होती, मोदी सरकार को नहीं। परंतु शेहला के ट्वीट से इतना तो स्पष्ट है कि वो वास्तव में किसके प्रति वफादार हैं। परंतु मोहतरमा अकेली थोड़ी हैं। इनके बयान के बाद द वायर की पत्रकार आरफा खानुम शेरवानी ने ट्वीट कर कहा, “कोरोनावायरस के पश्चात सब लोग कह रहे हैं कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी प्रदर्शन छोड़ दे। आप इतना दबाव उन पर क्यों नहीं बनाते जो सीएए और एनआरसी जैसे दमनकारी कानून हम पर थोप रहे हैं?” –

इन बातों से साफ पता चलता है कि शेहला राशिद जैसे लोगों को इस बात की कोई चिंता नहीं है कि देश किन संकटों से जूझ रहा है। उनके लिया उनका प्रोपगैंडा सर्वोपरि है, चाहे इस कारण पूरा देश ही क्यों न खतरे में पड़ जाये। ऐसा लगता है कि शेहला राशिद अपना मानसिक संतुलन खो बैठी हैं, और अपने प्रोपगैंडा के लिए वे देश के स्वास्थ्य को भी खतरे में डाल सकती हैं।

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