स्वरा भास्कर: बेरोजगार, लिबरलों की सस्ती प्रवक्ता, एक चुनी हुई सांसद को आतंकी कहने वाली तुम कौन?

जनादेश का अपमान करने वाली तुम कौन हो?

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स्वरा भास्कर एक बार फिर सुर्खियों में हैं, और इस बार भी गलत कारणों से। मोदी सरकार और हिंदुत्व को कोसे बिना जिनका खाना नहीं पचता, वहीं स्वरा भास्कर आज दो कदम आगे जाकर भोपाल की जनता का मज़ाक उड़ाती है, सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को लोकसभा से सांसद के तौर पर भेजा।

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आयोजित एक समारोह में हिस्सा लेने आई स्वरा कहती हैं, “अगर मैं सवाल उठाती हूं तो मुझ पर एंटीनेशनल होने का आरोप लगता है, लेकिन जिन सांसद पर आतंकवादी होने का आरोप लगता है उन पर कोई कुछ नहीं बोलता है।”

मोहतरमा आगे यह भी बोलती हैं, “अब हम ऐसे वक्त में आ गए हैं जहां सवाल करने पर आप पर एंटीनेशनल होने के आरोप लगते हैं। मेरे ऊपर भी एक केस कानपुर में दर्ज हो चुका है और हो सकता है कि यहां भी केस दर्ज हो जाए”।

बुज़ुर्ग लोग सही कह गए थे, खाली दिमाग शैतान का घर। स्वरा भास्कर किस तरह से सफेद झूठ बोलने में माहिर हैं, यह सर्वविदित है। स्वरा ने बार-बार यह दोहराया है, इस देश ने लोकतांत्रिक तरीके से संसद के लिए एक आतंकी को चुना है, लेकिन जब मैंने सत्तारूढ़ दल को लेकर सवाल पूछा, तो मुझे राष्ट्र-विरोधी करार दिया गया हैऐसा क्यों?”

मोहतरमा कहती हैं कि उनका सवाल उनका एंटी नेशनल हो गया है, परन्तु वो यह नहीं बताएंगी की उन्होंने ऐसा क्या कहा था , जिसके कारण स्वयं दिल्ली हाई कोर्ट तक को संज्ञान लेना पड़ा और केंद्र सरकार को भी नोटिस भेजना पड़ा। पर इस बारे में बाद में।

पहले तो स्वरा के बयान पर प्रकाश डालते हैं। जिस व्यक्ति की उन्होंने बात की है, वह कोई और नहीं, भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर हैं। प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर मालेगांव में 2008 में बम विस्फोट कराने का आरोप लगाया गया था, और उनके जरिए तत्कालीन केंद्र सरकार हिन्दू आतंकवाद के झूठे आरोप को सच सिद्ध करना चाहती थी।

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के विरुद्ध कोई ठोस प्रमाण ना मिलने के कारण उन्हें 2017 आते-आते ज़मानत भी मिल गई, और  2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने उसी दिग्विजय सिंह को भारी मतों से हराया, जिसने इन्हें झूठे साक्ष्यों के आधार पर दोषी सिद्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

ऐसे में स्वरा भास्कर ना केवल साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को अपमानित कर रही हैं अपितु भोपाल के जनादेश का भी अपमान कर रही हैं, जिन्होंने भारी मतों के साथ साध्वी प्रज्ञा को लोकसभा पहुंचाया। परन्तु ये स्वरा भास्कर है, जिनकी दिन की शुरुआत होती है मोदी सरकार को तानाशाही कहकर और खत्म होती है फेक न्यूज पर फेक न्यूज फैलाकर। उल्टा चोर कोतवाल को डांटे ऐसे हो लोगों के लिए कहा जाता है।

स्वरा भास्कर खुद देशद्रोही गतिविधियों को समर्थन देती फिरती हैं और फिर दूसरों को आतंकी और देशद्रोही का टैग देती फिरती हैं। CAA के विरोध के नाम पर जिस तरह से इन्होंने अपने बयानों से  पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगे भड़काए थे, उसके लिए स्वयं दिल्ली हाई कोर्ट को एक्शन लेना पड़ा और उन्हें केंद्र सरकार को नोटिस भेजना पड़ा।

स्वरा भास्कर किस तरह से पूरे देश को दंगों की आग में झोंकना चाहती हैं, उसका उदाहरण आप इस एक वीडियो से देखकर समझ सकते हैं, जहां वो कहती हैं, “हम उस मुहाने पर हैं जब वर्दीधारी लोग, जो संविधान की शपथ लेते हैं, वे निहत्थे मुसलमानों पर वार करते हैं, उनकी संपत्ति नष्ट करते हैं, कारण मुझे भी नहीं पता पर शायद वो मांस-मच्छी खाते हैं इसलिए? मुझे पता भी नहीं असली वजह क्या है?” –

परन्तु ठहरिए, यदि आपको ऐसा लगता है कि स्वरा यह सब केवल वामपंथी एजेंडे को प्रसारित करने के लिए ये सब कर रही हैं, तो आप पूर्णतया गलत हैं। स्वरा के हालिया बयानों से साफ पता चलता है कि काम ना मिलने के कारण उनकी कुंठा निकल रही है। बेरोजगारी के कारण अब मोहतरमा को वामपंथी गुट की अघोषित प्रवक्ता बनने से लेकर दंगे भड़काने तक ना जाने क्या क्या करना पड़ता है, और भोपाल के जनादेश का मज़ाक उड़ाना उसी अभियान का एक हिस्सा है।

सलमान भाई से एक विनम्र निवेदन है, यदि बिग बॉस के अगले सीज़न में जगह खाली हो तो भर्ती करा लें, वरना स्वरा भास्कर ऐसे ही देश के कलेक्टिव IQ का मज़ाक उड़ाती रहेंगी।

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