राणा अय्यूब ने CoronaVirus को लेकर इतना जहरीला Tweet किया कि उनकी वामपंथी सहेलियां उन पर टूट पड़ी

स्वाति चतुर्वेदी

राणा अय्यूब एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार भी, गलत कारणों से। मोहतरमा ने अभी हाल ही में एक ट्वीट किया है, जिसके कारण उन्हें न केवल देशभर से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, परंतु उन्हीं के गुट के सदस्य अब उन्हे इस आपत्तिजनक ट्वीट के लिए आड़े हाथों लेते हुए उन्हे इस ट्वीट के लिए जमकर धोया, और उनका नेतृत्व किया स्वाति चतुर्वेदी ने, जो कभी राणा अय्यूब जैसों को बचाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाती थी।
राणा अय्यूब ने वुहान वायरस में भी प्रोपगैंडा ढूंढते हुए एक भारत विरोधी पोस्ट डाला, जिसमें कहा गया था, “जो राष्ट्र नैतिक रूप से मर चुका है, उसका एक वायरस क्या कर लेगा?।” 

इस पर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें आड़े हाथों लिया, और आश्चर्यजनक रूप से वामपंथी पत्रकार पल्लवी घोष ने भी राणा को आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया, “केवल एक घटिया मानसिकता वाली व्यक्ति ही ऐसा ट्वीट कर सकती है।”

परंतु पल्लवी घोष के ट्वीट से प्रेरित होकर एक पत्रकार ने राणा अय्यूब की वो पोल खोली, जिसे देख आप भी बोल उठेंगे – यह सूरज किस दिशा से उगा है आज? हम बात कर रहे हैं वामपंथी पत्रकार और राणा अय्यूब की करीबी माने जाने वाली स्वाति चतुर्वेदी की, जिनका और राणा अय्यूब का विवादों के साथ गहरा नाता रहा है। परंतु राणा अय्यूब के विरुद्ध स्वाति ने ट्वीट्स की ऐसी झड़ी लगाई, कि कोई भी व्यक्ति देख के खिलखिला पड़ेगा।

सर्वप्रथम तो स्वाति ने ट्वीट किया, “कैसी अवसरवादी है यह? अवसरवादी छोड़िए कितनी गिरी हुई इंसान है यह?” –

पर रुकिए, यह तो सिर्फ शुरुआत थी। इसके बाद स्वाति चतुर्वेदी ने राणा की जो बखिया उधेड़ी, उसे आप आराम से पॉपकॉर्न खाते हुए देख सकते हैं। स्वाति ने ट्वीट करती हैं,  “लोग मर रहे हैं, भारत एक महामारी से जूझ रहा है, और यहाँ यह इस बीमारी का उपहास बना रही हैं”।

अभिसार शर्मा ने स्वाति की बातों का समर्थन किया जिसमें राणा की पोल खोलते हुए स्वाति ने ट्वीट कर कहा था कि, “राणा अय्यूब गुजरात दंगों को एक्स्पोज़ करने का दावा करती हैं। परंतु ‘तहलका’ की इस पत्रकार की माने तो सीबीआई गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करती हैं। जब मैंने बताया कि सीबीआई गृह मंत्रालय को रिपोर्ट नहीं करती है, तो उसने मुझे ब्लॉक कर दिया”

परंतु स्वाती अकेली नहीं थी। वामपंथी पत्रकार निखिल वागले ने भी राणा के इस घटिया ट्वीट की धुलाई करते हुए ट्वीट किया, “यह तो बहुत ही घटिया ट्वीट है। आपके सेक्युलर वैल्यू में मानवता का कोई स्थान नहीं?” –

इसके अलावा एक व्यक्ति के जवाब में रोहिणी सिंह ने ट्वीट कर कहा, “एक 3 साल का बच्चा कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। क्या वो नैतिक रूप से भ्रष्ट है? जब लोग मर रहे हों, तो ऐसे स्टेटमेंट देना काफी निर्दयी प्रतीत होता है!” –

स्वाति चतुर्वेदी ने राणा अय्यूब के पुस्तक ‘गुजरात फाइल्स’ का मज़ाक उड़ाने का अवसर भी हाथ से नहीं जाने दिया। सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से राणा के दलीलों की धुलाई की, उसे ट्वीट के रूप में स्वाति ने पोस्ट कर कहा, “बुक रिव्यू” –

परंतु यह पहली बार नहीं है जब किसी वामपंथी पत्रकार को उसके ओछे वक्तव्य के लिए सोशल मीडिया के कोपभाजन का सामना करना पड़ा हो। दो वर्ष पहले स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के शुभारंभ पर जब नरेंद्र मोदी पधारे, तो काँग्रेस आईटी सेल की हेड और पूर्व अभिनेत्री दिव्या स्पंदाना ने पीएम मोदी का अपमान करते हुए एक आपत्तिजनक ट्वीट लिखा, जिसके पीछे उनकी निधि राज़दान, शेखर गुप्ता जैसे वामपंथी पत्रकारों से काफी तीखी झड़प हुई। सच कहें तो राणा अय्यूब अब उस मुकाम पर पहुँच गयी हैं, जहां पर  उन्हें आम जनता का तो क्या, खुद वामपंथियों का भी समर्थन नहीं प्राप्त है। अब मोहतरमा न घर की रही, न घाट की।

 

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