तमिलनाडु में भी कोरोनावायरस के मामले आने तेजी से बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में अब तक कुल 6 मामले आ चुके हैं। जिनमें से तीन विदेशी नागरिकों को पकड़ा गया है। एक थाई नागरिक है जबकि दूसरा इटली का रहने वाला बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, थाईलैंड के दोनों ही नागरिक तबलीगी जमात के इस्लामिक धर्मगुरु हैं।
जब इन तीनों विदेशी नागरिकों का मेडिकल टेस्ट हुआ तो कोरोना पॉजिटिव आया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इनमें से दो थाई नागरिक हैं जो तमिलनाडु के दो मस्जिदों में इस्लामिक शिक्षा देने के लिए आए थे। ये दोनों ही मस्जिद इरोड जिले में स्थित है।
अधिकारियों के मुताबिक ये दोनों इस्लामिक धर्मगुरु 6 मार्च को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर उतरे इसके बाद ये दोनों किसी होटल में ठहरे। फिर 10 मार्च को मिलेनियम एक्सप्रेस से इरोड के लिए यात्रा की थी। अब इससे समझा जा सकता है कि इन दोनों ही इस्लामिक धर्मगुरुओं ने कितने लोगों की जान खतरे में डाली।
इसके बाद इन दोंनो इस्लामिक धर्मगुरुओं ने तमिलनाडु के 2 मस्जिदों का दौरा किया। इन दोनों थाई इस्लामिस्टों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद राज्य सरकार की नींद उड़ गई है। इन दोनों ने किससे-किससे संपर्क किया, उनको ट्रैक किया जा रहा है। इससे साथ ही रेलवे ने भी सलाह दिया है कि यात्रियों को ट्रैक किया जाए वरना यह राज्य के साथ साथ पूरे देश के लिए खतरनाक साबित होगा।
फिलहाल, राज्य प्रशासन ने दोनों मस्जिदों को बंद करने के आदेश दे दिए हैं। बता दें कि दोनों थाई प्रचारक जिस तब्लीगी जमात से आते हैं वो दुनिया के 213 मुल्कों में फैली हुई है। जमात से दुनियाभर में 15 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। जमात कोई सरकारी मदद नहीं लेती है। जमात की कोई बेवसाइट, अखबार या चैनल नहीं है। भारत में जमात का हेड ऑफिस दिल्ली में हज़रत निजामुउद्दीन दरगाह के पास है। जमात की एक खास बात ये है कि ये अपना एक अमीर (अध्यक्ष) चुनते हैं और उसी की बात मानते हैं।
कोरोनावायर महामारी को फैलाने में मुस्लिम धर्मगुरुओं की काफी सहभागिता रही है। देश-विदेश में अनेकों जगह मजहब के नाम पर सभाएं हुईं। इसमें तब्लीगी जमात ने भी कई सभाएं की। इनमें से एक कुआलालंपुर में पेटलिंग मस्जिद में चार दिवसीय मुस्लिम जनसभा का आयोजन किया गया, जिसमें 1500 विदेशीयों सहित 16 हजार स्थानीय लोग शामिल हुए थे। इस खबर के लिखे जाने तक मलेशिया में 1306 कोरोना के केस कंफर्म हो चुके थे। बताया जाता है कि लगभग दो तिहाई मामलों को इस जनसभा के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था, जो 27 फरवरी से 1 मार्च के बीच आयोजित की गई थी। यही वजह था कि दक्षिण पूर्व एशिया में कोरोना का प्रकोप एकाएक बढ़ा।
मलेशिया में तब्लीगी जमात ने जो महामारी फैलाया वो अब भारत के तमिलनाडु में भी फैल चुका है। तमिलनाडु में सामने आने वाले ताजा मामलों के अलावा, तेलंगाना में भी तब्लीगी जमात के 13 इंडोनेशियाई प्रचारकों ने दौरा किया, जिसके बाद कोरोना के कई मामले सामने आए।
बताया जा रहा है कि इंडोनेशिया के 13 इस्लामी प्रचारकों ने जकार्ता से उड़ान भरा और नई दिल्ली में 9 मार्च को लैंड किया। इसके बाद 13 मार्च को संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से इन्होंने रामागुंडम के लिए यात्रा की। जब 13 इस्लामिक प्रचारकों का कोरोना टेस्ट किया गया तो 9 लोग पॉजिटिव निकले। इसी के बाद से ही तेलंगाना में लगातार मामले बढ़ते जा रहे हैं। राज्य सरकार इन प्रचारकों से संपर्क साधने वाले लोगों को लगातार ट्रैक कर रही है।
बता दें कि तब्लीगी जमात के प्रचारकों के आने से पहले केरल को छोड़कर पूरे दक्षिण भारत में कोरोना के मामले नहीं थे। हालांकि जैसे ही इन इस्लामिक प्रचारकों ने तमिलनाडु, तेलंगाना जैसे राज्यों का दौरा किया वैसे ही ये राज्य कोरोना प्रभावित बन गए। ऐसे में सरकार को सख्ती के साथ उन मस्जिदों को आइसोलेट करना चाहिए जहां तब्लीगी जमात के प्रचारकों ने दौरा किया था। इसके अलावा उन लोगों को भी ट्रैक किया जाना चाहिए जो इन प्रचारकों के संपर्क में आए थे।