इस समय जब देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है और सरकारें अपने नागरिकों को बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं। इन सबके बीच तृणमूल कांग्रेस यानी TMC में बिरियानी के ऊपर लड़ाई हो रही है। जी हाँ, अपने सही सुना, कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों के बीच बिरियानी को लेकर एक दूसरे पर बम चलाया जा रहा है।
दरअसल, दक्षिण-पश्चिम कोलकाता के मुस्लिम बहुल गार्डन रिच क्षेत्र में रविवार रात सड़क पर TMC के दो पार्षद गुटों के बीच हाथापाई हो गई. यही नहीं यह मामला इतना बढ़ गया कि दोनों गुटों में बम भी चले। यह मामला बिरियानी बांटने को लेकर शुरू हुआ और बम चलाने तक खत्म हुआ। TMC के तुष्टीकरण की राजनीति से सभी परिचित हैं और इसी तुष्टीकरण का एक नमूना एक दूसरे के ऊपर बम चलाने के साथ दिखा।
वॉर्ड-135 में फुटपाथ पर रहने वाले गरीबों को बिरयानी बांटी गई। इसी को लेकर कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के दो वार्डों के पार्षदों के गुटों में यह भिड़ंत हुई।
वॉर्ड 135 के पार्षद अख्तर निजामी शहज़ादा ने एबीपी आनंद टीवी चैनल को बताया, “शम्स इकबाल की बहन सबा इकबाल जो कि वॉर्ड नंबर 134 की पार्षद हैं, उन्होंने अपने वॉर्ड के आसपास और वॉर्ड नंबर 135 के क्षेत्रों में शुक्रवार शाम को बिरयानी के पैकेट बाँटे।
इस पर वॉर्ड 135 के शहज़ादा के तृणमूल समर्थकों ने सबा इकबाल को रोका, लेकिन सबा ने यह जवाब दिया कि शहज़ादा ने लॉकडाउन के दौरान गरीबों लिए कुछ नहीं किया इसलिए वे उन गरीबों को बिरयानी के पैकेट दे रही थीं। इस पर शहज़ादा और सबा इकबाल के समर्थकों के बीच बहस छिड़ गई। हालाँकि, कुछ बुजुर्गों के हस्तक्षेप के बाद स्थिति नियंत्रित हो गई।
इसके बाद शहज़ादा के समर्थकों ने बदला लेते हुए वार्ड 135 के गरीबों और वार्ड 134 से सटे कुछ हिस्सों में शनिवार शाम को बिरयानी बाँट दी। इस पर शम्स इकबाल के गुट ने अफवाह फैला दी कि बाँटी गई बिरयानी गैर-हलाला मांस से बनी थी।
इस कारण से रविवार सुबह से ही दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ा हुआ था और उसी दिन रात को सड़क पर उनके बीच भिड़ंत हो गई। शहज़ादा ने आरोप लगाया कि उनके कार्यालय और आवास में तोड़फोड़ की गई और उनके कुछ समर्थक घायल हो गए।
TMC का बम से पुराना रिश्ता रहा है। इसी वर्ष फरवरी में, एक TMC कार्यकर्ता (मुश्ताक शेख) ने बम बनाते समय अपने दोनों हाथ खो दिए थे। पिछले साल अक्टूबर में भी, तीन टीएमसी कार्यकर्ताओं की बम बनाने के दौरान अचानक विस्फोट के बाद मौत हो गई थी। यह सोचने वाली बात है कि इस पार्टी के बारे में ही बम बनाने विस्फोट होने और एक दूसरे पर फेंकने की खबरें क्यों आती हैं।
कोलकाता में इस तरह से एक ही पार्टी के दो पार्षदों के बीच घमासान देख कर यही कहा जा सकता है कि ममता बनर्जी का अपने subordinates पर नियंत्रण नहीं है, जो अपराधियों के साथ मिलकर लगातार अपराध करते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो यह संभव है कि दीदी के मार्गदर्शन में ही इस तरह का सड़क युद्ध हो रहा है। कोरोना के इस विपत्ति में TMC को इस तरह एक एक दूसरे पर बम फेंकने के बजाए लोगों की मदद करनी चाहिए जिससे न सिर्फ देश का बल्कि गरीबों का भी कुछ भला हो सके।