पूरी दुनिया जहां कोरोना से जूझती दिखाई दे रही है, दक्षिण चीन सागर में चीन और अमेरिका के बीच गर्माहट देखने को मिल रहा है। एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना से परेशान है तो वहीं चीन दोबारा अपने पड़ोसियों पर आक्रामकता दिखाना शुरू कर चुका है। इसी कारण से अब अमेरिका ने ताइवान की मदद करने के लिए अपने warship को दक्षिण चीन सागर में भेज दिया है। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को अमेरिका की एक warship ने Taiwan strait को पास किया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसे ताइवान की आर्मी गार्ड कर रही थी।
हालांकि ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इसे एक सामान्य मिशन बताया। वहीं अमेरिका के US Seventh Fleet के एक प्रवक्ता एंथनी जुन्को ने बताया कि यह जहाज guided-missile destroyer USS McCampbell, था, जिसने “अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार ताइवान स्ट्रेट में एक रूटीन पारगमन किया था।
बता दें कि ताइवान के साथ अमेरिका का कोई आधिकारिक रिश्ता नहीं है लेकिन जब से चीन ने ताइवान के खिलाफ आक्रामकता दिखानी शुरू की है तब से अमेरिका ने ताइवान का समर्थन किया है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि चीनी नेवी की वेसेल्स ने ताइवान के कोस्ट गार्ड्स पर धावा बोल दिया था। ताइवान की मीडिया के मुताबिक 16 मार्च को 10 से ज़्यादा चीनी बोट्स ने पत्थरों, बोतलों से ताइवान के कोस्ट गार्ड पर हमला किया था और इसके साथ चीनी नेवी ने अपने कुछ बोट्स से ताइवान के कोस्ट गार्ड्स की बोट्स पर सीधी टक्कर मारी थी, जिससे ताइवान की 2 से तीन बोट्स क्षतिग्रस्त हो गई थी।
जैसे-जैसे चीन से कोरोना का संकट खत्म होता जा रहा है, वैसे ही उसकी गुंडागर्दी भी अब दोबारा शुरू हो चुकी है। ताइवान मीडिया के मुताबिक चीन की कुछ बोट्स ताइवान के इलाके में गैर-कानूनी ढंग से मछली पकड़ रही थी, जब ताइवान के कोस्ट गार्ड्स ने उन्हें वापस भगाया तो चीनी बोट्स ने उन पर हमला कर दिया। अब ताइवान ने चीन से मुआवजा मांगा था।
जैसे ही यह खबर आई कि अमेरिका भी तुरंत एक्टिव हो गया है और अपने warship को भेज चुका है। कुछ दिनों पहले ही अमेरिकी नौसेना की 7 वीं फ्लीट ने दावा किया था कि आर्ले बुर्के-क्लास गाइडेड-मिसाइल Destroyer USS Barry (DDG 52) ने अपनी सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए हथियार लॉन्च किया था।
https://www.facebook.com/7thfleet/posts/10158147635887402
यह चीन को दिखाने के लिए ही लॉंच किया गया था जिससे यह संदेश दिया जा सके कि अमेरिका चीन को टक्कर देने के लिए तैयार है। अब अमेरिका ने अपने warship को सीधे ताइवान भेज दिया है। यह warship ऐसे समय में गया है जब अमेरिका और चीन के बीच राजनीतिक तनाव बढ़े हुए हैं। इसके साथ ही चीन ने वैश्विक COVID-19 महामारी के बावजूद सैन्य जेट और जहाजों के साथ लगातार ताइवान पर आक्रामकता दिखाई है।
ट्रेड वार के बाद अब कोरोना की वजह से इन दोनों ही महाशक्तियों में तनाव लगातार बढ़ रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने लगातार चीन के इस वायरस को “चीनी वायरस” कहकर संबोधित किया है, जिससे बीजिंग नाराज हो चुका है। अब यह देखना है कि इस टेंशन की घड़ी में चीन अपने कदम वापस खिचता हैं या अमेरिका के साथ यह द्वंद और बढ़ता है। अगर बढ़ता है तो यह चीन के लिए ही घातक साबित होगा।
चीन अपने यहां तो कोरोना से उबरता हुआ दिखाई दे रहा है, लेकिन अब वह नहीं चाहता कि दुनिया के बाकी देश भी इससे आसानी से उबर सकें। ताइवान अब तक कोरोना से निपटने में आगे रहा है, और चीन के इतना पास होने के बाद भी वहां 150 से कुछ ज़्यादा लोग ही संक्रमित हो पाये हैं। हालांकि, चीन अब पूरी कोशिश कर रहा है कि उसके ऊपर इस तरह के हमले कर दबाव बनाया जाए।