भारत में कोरोनावायरस के पॉज़िटिव केस में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है और अब यह संख्या 600 के पार पहुंच चुकी है। पीएम मोदी ने इस महामारी से निपटने के लिए देश को 21 दिनों तक के लिए lockdown कर दिया है और राज्य सरकारें भी इसे नियंत्रण करने में लगी हुई हैं। परंतु अभी तक उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सबसे प्रखर कदम उठाया है।
दरअसल, कोरोना से निपटने के लिए विभिन्न व्यवस्थाएं कर रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अब सूबे में पान, पान-मसाला और गुटखा के निर्माण और बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया है। प्रदेश सरकार ने कहा है कि अगले आदेश तक राज्य में पान मसाला की बिक्री, उत्पादन और वितरण को बैन कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गुटका-पान मसाला बैन करने को लेकर कड़े निर्देश दिए थे। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने इसका आदेश जारी कर दिया है। आदेश का उल्लंघन दंडनीय अपराध है। किसी प्रतिष्ठान में इस आदेश का उल्लंघन पाए जाने पर तत्काल लाइसेंस निरस्त कर प्रतिष्ठान को बंद कराए जाने के साथ ही अन्य कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त ने आदेश में कहा है कि कोविड-19 महामारी का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, जिसकी रोकथाम के लिए पूरे प्रदेश को बुधवार से लॉकडाउन किया गया है। पान मसाला खाकर थूंकने तथा पान मसाला का पाउच छोटा होने के कारण उसका उसके उपयोग से भी कोविड-19 महामारी का संक्रमण फैलने की संभावना को देखते हुए यह निर्णय किया गया है।
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की धारा 30 (2) (क) में आयुक्त खाद्य सुरक्षा को प्रदान की गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए जनस्वास्थ्य की दृष्टि से अगले आदेश तक पान-मसाला के निर्माण, वितरण व बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में गुटखा निर्माण, वितरण व बिक्री पर एक अप्रैल 2013 से प्रतिबंधित है।
वहीं वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद संभालने के कुछ सप्ताह बाद ही किसी भी सरकारी ऑफिस में पान मसाला खाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने मंगलवार को कहा था कि, ’बाजारों, सड़कों, दफ्तरों व घरों तक में लोग कोनों-कोनों में पान-मसाला खाकर थूकते हैं। थूकने से गंदगी व संक्रमण फैलता है, जिसके चलते पान मसाला को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया गया है। थूक से रोग कैसे फैलता है अब गहन विचार करने की जरूरत है।’
योगी अदित्यनाथ अपने कड़े फैसलों के लिए जाने जाते हैं और यह किसी से छिपा नहीं है। उत्तर प्रदेश की शासन व्यवस्था को दुरुस्त करने से लेकर अपराधियों को सरेंडर करने तक योगी ने एक कुशल प्रशासक के रूप में अपनी छवि भारत के सबसे अच्छे मुख्यमंत्रियों में दर्ज कराई है।
मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता में आने के बाद मुठभेड़ों में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कम से कम 76 अपराधियों को मार गिराया था। UP सरकार द्वारा जारी एक डेटा के अनुसार पुलिस के अपराधियों के साथ लगभग 3,896 मुठभेड़ हुए और इस प्रक्रिया में 8,904 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इन अपराधियों में 76 का एनकाउंटर हुआ, और 1,154 अन्य घायल हुए। योगी आदित्यनाथ की अपराध के प्रति ज़ीरो टोलरेंस की वजह से अपराधी खुद सरेंडर करने लगे। राज्य सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक 20 मार्च, 2017 और 15 मई, 2019 के बीच राज्य में कुल 15,170 अपराधियों ने स्वेच्छा से अदालतों में आत्मसमर्पण किया। योगी सरकार ने सत्ता में आते ही सपा सरकार के गुंडाराज को अपने एनकाउंटर से जवाब दिया है।
यही नहीं अवैध slaughter हाउस बंद करवाने का साहस भी योगी ने ही दिखाया और पुलिस को एक नया आत्मविश्वास दिलाया जिससे वे आधी ज़िम्मेदारी के साथ अपना कर्तव्य निभाये। जो पुलिस राज्य के कई जिलों में मौजूद ghettos में जाने से डरती थी, आज इन इलाकों को डरमुक्त किया जा चुका है।
इसके साथ ही एक नए आदेश के अनुसार, अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिन भी मस्जिदों में लाउडस्पीकर लगाए जाएंगे, वहां से सरकारी विज्ञापन भी प्रसारित करने पड़ेंगे। उत्तर प्रदेश ऊर्जा निगम ने निर्णय लिया है कि उत्तर प्रदेश के मस्जिदों में लगी लाउडस्पीकर्स का उपयोग अब किसानों के लिए सरकारी स्कीमों के विज्ञापन को प्रसारित करने हेतु किया जाएगा। ऐसा सिर्फ और सिर्फ योगी ही कर सकते हैं।
राज्य में CAA विरोधी प्रदर्शन के दौरान जब हिंसा भड़की थी तब भी योगी ने एक अनोखा कदम उठाते हुए सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दंगाइयो से ही वसूली की थी। इसके लिए उन्होंने इन दंगाइयो के फोटो भी चौराहों पर लगवा दिया था।
हालांकि, उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में पान मसाला पर प्रतिबंध लगाने का फैसला शायद अब तक का उनका सबसे साहसिक है। उत्तर प्रदेश में भारी संख्या में पान मसाला के शौकीन हैं, जो इसे खाने के बाद कहीं भी थूकने से पहले सोचते नहीं हैं। ऐसे समय में जब कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने की आवश्यकता है, तब थूकने की आदत को रोकने के लिए पान मसाला पर ही बैन लगाना सही कदम है। सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने पान मसाला पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
यह निर्णय कई लोगों को परेशान कर सकता है, विशेष रूप से पान मसाला के लिए प्रसिद्ध कानपुर सर्किट को। यही कारण है कि हम इसे अब तक का सबसे साहसिक निर्णय कह रहे हैं। यह फैसला योगी के कई समर्थकों को भी रास नहीं आएगा लेकिन फिर भी, सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों की भलाई के लिए यह निर्णय लिया है। अब लोगों को पान मसाला की आदत छोड़ कर अपने मुख्यमंत्री के इस फैसले का समर्थन करना चाहिए जिससे दूसरे राज्यों के समक्ष उत्तर प्रदेश का उदाहरण पेश करने में मदद मिले।