मलेशिया में पनाह लिए बैठे ज़ाकिर नाईक के बुरे दिन जल्द ही शुरू हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ज़ाकिर नाईक के सबसे बड़े विरोधी रहे मलेशिया के पूर्व गृहमंत्री मुहियुद्दीन यासीन अब देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं। वे ज़ाकिर नाईक के कड़े विरोधी रह चुके हैं, और इसके साथ ही उसे भारत सौंपने की वकालत भी कर चुके हैं।
वहीं मलेशिया के पूर्व पीएम महातिर मोहम्मद ज़ाकिर नाईक के बेहद करीबी थे जिसके कारण वे नाईक के भारत को प्रत्यर्पित करने में आनाकानी कर रहे थे। अब चूंकि, उनको कुर्सी से हटा दिया गया है, तो इस बात की उम्मीद बढ़ गयी है कि जल्द ही नाईक को भारत लाया जा सकेगा।
मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप झेल रहा ज़ाकिर नाईक अब मलेशिया में पनाह लेकर रह रहा है। उसे मलेशिया की स्थायी नागरिकता प्राप्त है। मलेशिया में महातिर के राज के दौरान भारत सरकार की ओर से कई बार मलेशिया की सरकार को ज़ाकिर के प्रत्यर्पण की अर्जी दी गई थी और भारत सरकार ने उसे वापस लाने की कई कोशिशें की थी, लेकिन महातिर की छत्र-छाया में होने के कारण मलेशिया से उसे भारत नहीं लाया जा सका था।
पिछले वर्ष सितंबर में रूस में महातिर और पीएम मोदी की मुलाक़ात हुई थी तो पीएम मोदी ने उनसे ज़ाकिर के प्रत्यर्पण के बारे में बात की थी। हालांकि, बाद में अपने देश जाकर महातिर ने कहा कि पीएम मोदी ने उनसे ज़ाकिर नाईक को लेकर कोई बात नहीं की। बाद में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने महातिर के उस झूठे दावे की पोल खोलकर रख दी थी।
दूसरी ओर अभी हाल ही में PM का पद संभालने वाले मुहियुद्दीन यासीन शुरू से ही ज़ाकिर के धुर विरोधी रहे हैं। पिछले वर्ष अगस्त में जब ज़ाकिर ने मलेशिया के हिंदुओं को निशाने पर लेते हुए उनकी वफादारी पर शक किया था, तो यासीन ने उनके खिलाफ सख्त रुख अपनाया था। ज़ाकिर ने तब कहा था कि मलेशिया के हिन्दू मलेशिया से ज़्यादा पीएम मोदी के वफादार हैं। उसके बाद यासीन ने ज़ाकिर को चेतावनी देते हुए कहा था “कानून से ऊपर कोई नहीं है, डॉक्टर जाकिर नाइक भी नहीं”। उसके बाद ज़ाकिर नाईक पर कार्रवाई करते हुए उनके सार्वजनिक भाषणों पर रोक लगा दी गयी थी।
"None above the law, not even Dr. Zakir Naik (in file pic)," says, Malaysian Home Minister Muhyiddin Yassin: Malaysian media pic.twitter.com/l6TlbjBEHS
— ANI (@ANI) August 26, 2019
भड़काऊ भाषणों के लिए बदनाम ज़ाकिर नाईक मलेशिया में भी कई बार भड़काऊ भाषण दे चुका है। जाकिर पर मलेशिया में अल्पसंख्यक हिंदुओं और चीन के लोगों की भावनाएं आहत करने का आरोप लग चुका है। ऐसा ही नाइक ने एक बार भड़काऊ भाषण देते हुए कहा था कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत के मुस्लिमों के मुकाबले 100 गुना ज्यादा अधिकार मिले हैं।
ज़ाकिर नाइक पर भारत में 193.06 करोड़ रु. की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। गिरफ्तारी की डर से वह 2016 में मलेशिया भाग गया था। नाइक के खिलाफ 2016 में एंटी-टेरर लॉ के तहत केस दर्ज किया गया था। जून 2017 में कोर्ट ने नाइक को अपराधी घोषित किया गया था।
ऐसे व्यक्ति का मलेशिया में रहना मलेशिया के हितों के भी विरुद्ध है। ऐसे में अगर मुहियुद्दीन सरकार ज़ाकिर को भारत को सौंपती है तो ना सिर्फ मलेशिया के लोगों को इस नफरत फैलाने वाले भड़काऊ व्यक्ति से राहत मिलेगी, बल्कि इससे खटाई में पड़ चुके भारत-मलेशिया के रिश्तों में भी सुधार होने की उम्मीद बढ़ जाएगी।