इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत द्वारा वुहान वायरस से निपटने की लड़ाई को तबलीगी जमात के उपद्रवियों ने काफी हानि पहुंचाई है। उसके ऊपर से स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ इनका अभद्र व्यवहार किसी का भी खून खौलाने के लिए काफी है।
अब खबरें आ रही है कि भारत में उत्पात मचाने के बाद तब्लीगी जमात के कुछ विदेशी सदस्य भारत से भागते हुए पकड़े गए हैं। नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यह लोग एक विशेष फ्लाईट के जरिए अपने घर मलेशिया जाना चाहते थे।
इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर 8 मलेशियाई नागरिकों को हिरासत में लिया गया, जिन पर दिल्ली के निज़ामुद्दीन क्षेत्र में मरकज भवन में आयोजित तब्लीगी के एक समारोह में हिस्सा लेने, और उससे संबंधित आवश्यक जानकारी छुपाने का आरोप लगा है।
यह लोग मलेशिया के लिए निकलने वाली एक राहत फ्लाइट में सफर करने वाले थे, परन्तु सतर्क प्रशासन ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया। फिलहाल इन संदिग्ध व्यक्तियों को आवश्यक जांच पड़ताल के लिए हिरासत में लिया गया है।
परन्तु यह ऐसा पहला मामला नहीं है। पिछले पांच दिनों में भारत में वुहान वायरस के मामलों में जो एक ज़बरदस्त उछाल आया है, वह निस्संदेह तब्लीगी जमात की देन है। यदि जमात से संबंधी केस अलग रखे जाएं, तो भारत के कुल मामले मुश्किल से 2000 के पार होंगे।
यही, इस बीमारी के कारण देश की सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाली झुग्गियों में से एक धारावी में भी इस महामारी ने पैर पसार लिया है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक यहां एक व्यक्ति की कोरोना की वजह से मौत हो चुकी है, जबकि दो लोगों को संक्रमित पाया गया है। जिस व्यक्ति की संक्रमण की वजह से मौत हुई थी वह दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात द्वारा आयोजित जलसे में शामिल हुआ था।
बताया जा रहा है कि वह व्यक्ति जमात के कार्यक्रम में शामिल होकर 22 मार्च को मुंबई लौटा था। इस व्यक्ति के साथ पांच महिलाएं भी थीं जो उसके धारावी स्थित उसके घर में रुकी थीं । बीएमसी के एक अधिकारी के अनुसार-
‘महिलाओं के साथी पुरुष धारावी के शाहू नगर के जामा मस्जिद में रुके थे। वहीं महिलाएं डॉक्टर बलिगा नगर में जिस फ्लैट में रुकी थीं, उसका मालिक 56 वर्षीय व्यक्ति था, जिसकी मौत हो चुकी है।’
उन्होंने बताया कि ऐसी जानकारी सामने आई है कि जमात से लौटे इन सभी लोगों के 24 मार्च को केरल के कोझिकोड निकलने से पहले मृतक ने उनके साथ समय गुजारा था।
बीएमसी के अधिकारियों के मुताबिक 15 हाई रिस्क संदिग्धों के सैंपल जांचने के बाद ही पता लगाया जा सकता है कि मृतक के परिवार में से किसी को कोरोना है या नहीं। मालूम हो कि दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात का जलसा आयोजित किया गया था। जिसमें देश-दुनिया के करीब 13 हजार लोग शामिल हुए थे। जिनमें से अभी तक सैकड़ों लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। वहीं कुछ को क्वारांटाइन किया गया है।
तब्लीगी जमात के सदस्यों ने किस तरह से वुहान वायरस के विरुद्ध भारत की लड़ाई को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि भारत में 30 प्रतिशत कोरोना मरीज ऐसे हैं जिनका कहीं न कहीं तबलीगी जमात के जलसे से संबंध था. ऐसे में जो भगोड़े पकड़े गए हैं, उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।