तबलीगी जमात कांड से पूरे देश के लोग और सरकारें बेहद परेशान हैं। देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में फ्रंट फुट पर धमाकेदार प्रदर्शन कर रहा था, लेकिन मुस्लिम संगठन के कुछ हज़ार लोगों ने भारत की इस कोशिश पर पानी फेरने की भरपूर कोशिश की। कुछ लोग तबलीगी जमात से इसलिए भी परेशान हैं क्योंकि इन्होंने कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को कमजोर किया, लेकिन कुछ लोग इसलिए भी परेशान हैं कि आखिर तबलीगी जमात का यह नाटक इतनी जल्दी मीडिया और देश के सामने एक्सपोज कैसे हो गया।
कुछ लोगों को तबलीगी जमात से सवाल पूछा जाना और तबलीगी जमात का एक्सपोज होना पसंद नहीं आ रहा है, और इसीलिए अभी तबलीगी जमात को एक्सपोज करने वाली Asian News International न्यूज़ एजेंसी ANI भी ऐसे लोगों के निशाने पर आ गई है। हालांकि, ANI पर सवाल उठाने वाले ऐसे ही एक शख्स को ANI की एडिटर स्मिता प्रकाश ने जोरदार जवाब दिया।
दरअसल, ANI तबलीगी जमात को लेकर काफी विस्तृत रिपोर्टिंग कर रहा था और इसी कड़ी में पिछले 2 दिनों में ANI 100 से ज़्यादा बार निज़ामुद्दीन को लेकर ट्वीट कर चुका है। इसी बात का उल्लेख करते हुए ट्विटर पर रियाज़ अहमद नाम के एक शख्स ने ANI की आलोचना करते हुए लिखा “पिछले 48 घंटों में निज़ामुद्दीन को लेकर 97 ट्वीट्स, निज़ामुद्दीन से इतना लगाव कैसे”?
https://twitter.com/karmariaz/status/1245623849753821185?s=20
इस पर ANI की एडिटर स्मिता प्रकाश ने रियाज़ अहमद को मुंहतोड़ जवाब दिया। स्मिता प्रकाश ने इसका जवाब देते हुए लिखा “हम 97 क्या हम 997 ट्वीट्स करेंगे जब तक तबलीगी का हर एक सदस्य पकड़ा नहीं जाता और उन्हें क्वारंटाइन नहीं किया जाता। इस एक गलती ने देश की कोरोना के खिलाफ लड़ाई को गहरा झटका पहुंचाया है। हमें ट्रोल दबा नहीं पाएंगे, ऐसे ही गिनते रहो”।
We will post 997 posts till every Tablighi who was at markaz is not found, quarantined and cleared of Covid. This single cluster has resulted in a severe setback to India's efforts in containing the pandemic. We won't be bullied by trolls. Keep counting. https://t.co/6iGyEm10vl
— Smita Prakash (@smitaprakash) April 2, 2020
तबलीगी जमात गैंग के मेम्बर ना सिर्फ पूरे देश में कोरोना फैला रहे हैं बल्कि जिन जगहों पर इन्हें क्वारेंटाइन किया जा रहा है, उस जगह पर भी ये लोग नर्सों से और अन्य स्टाफ से बदतमीजी से पेश आ रहे हैं, उन पर थूक रहे हैं और अश्लील हरकतें कर रहे हैं। जब मीडिया इनकी करतूतों को सामने रखती है, तो रियाज़ अहमद जैसे लाखों लोगों के पेट में दर्द होना शुरू हो जाता है। इन लोगों में से किसी ने भी देशभर में कोरोना फैलाने के लिए तबलीगी जमात की आलोचना नहीं की होगी, लेकिन बाकी दुनिया की आलोचना करने में ये पीछे नहीं हट रहे हैं।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मीडिया की अहम भूमिका है। मीडिया को ना सिर्फ कोरोना को लेकर लोगों में जागरूकता फैलानी है, बल्कि समय-समय पर नियमों को तोड़ने वाले लोगों को एक्सपोज भी करना है। ANI इस काम को बखूबी कर रहा है और इसीलिए एक समुदाय विशेष के लोगों में इस एजेंसी के खिलाफ इतना रोष उमड़ रहा है।
ANI को अपनी इस विस्तृत रिपोर्टिंग को ऐसी ही जारी रखना चाहिए और ऐसे कोरोना-आतंकियों को एक्सपोज करते रहना चाहिए। कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में विघ्न डालने वालों और उनका समर्थन करने वालों का सामाजिक तिरस्कार जरूरी है और मीडिया को इस काम के लिए और भी ज़्यादा आक्रामकता के साथ रिपोर्टिंग करनी चाहिए।