चीन के जिस वुहान शहर से कोरोना वायरस की बीमारी पूरी दुनिया में फैलना शुरू हुई, अब वो शहर दोबारा सामान्य जीवन की ओर बढ़ता जा रहा है। चीनी मीडिया के मुताबिक अब वुहान से कोरोना के नए मामले आना बंद हो गए हैं, और शहर को दोबारा ओपन किया जा सकता है। हालांकि, अभी चीन पर Asymptomatic मामलों का खतरा बढ़ता दिखाई दे रहा है, जिसकी वजह से वुहान में कोरोना की दूसरी मार देखने को मिल सकती है।
Asymptomatic मामलों का अर्थ है ऐसे मामले जिनमें व्यक्ति कोरोना से ग्रसित तो होता है लेकिन अभी उस व्यक्ति में कोरोना का कोई लक्षण नहीं दिखाई देता, और वह सभी तरह की जांच प्रक्रिया में भी सुरक्षित पाया जाता है, लेकिन असल में वह कोरोना से ग्रसित होता है। अब डर है कि ऐसे मरीज वुहान में दोबारा तबाही ला सकते हैं आर चीन अपने शहर को दोबारा ओपन कर बहुत बड़ी मुसीबत मोल ले सकता है।
अब कुछ मीडिया रिपोर्टस में ऐसी भी खबरें आ रही हैं जिसमें दावा किया जा रहा है कि वुहान में कोरोना से ठीक हुए लगभग 10 प्रतिशत मरीजों में दोबारा इस बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं और वुहान से अभी भी कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। लेकिन वुहान से चीन को बहुत बड़ा आर्थिक फायदा पहुंचता है और ऐसे में चीन जल्द से जल्द इस शहर को खोलकर अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना चाहता है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अभी इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि किसी रिकवर कर चुके मरीज से भी यह वायरस आगे फैल सकता है या नहीं। हालांकि, इन आकड़ों से इतना साफ है कि वुहान अभी कोरोना-रहित नहीं हुआ है और इसे दोबारा ओपन करके चीन मानवता के सामने एक बड़ी चुनौती पेश कर रहा होगा। वुहान शहर चीन के बड़े आर्थिक केन्द्रों में से एक है।
इस शहर में लगभग 1 करोड़ 10 लाख लोग रहते हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के वुहान शहर के लॉकडाउन होने की वजह से चीन को इस साल अपनी GDP ग्रोथ का एक प्रतिशत हिस्सा खोना पड़ सकता है, और वह अब अनुमानित 5.9 प्रतिशत की दर की बजाय सिर्फ 4.9 प्रतिशत की दर से विकास करेगा। वर्ष 2019 में वुहान की GDP विकास दर 7.8 प्रतिशत थी, जो कि राष्ट्रीय औसत से 1.7 प्रतिशत ज़्यादा थी। दुनिया की टॉप 500 कंपनियों में से 300 से ज़्यादा कंपनियां आज वुहान में मौजूद हैं। यहां ऑटो इंडस्ट्री में बहुत तेज विकास के कारण इस शहर को “मोटर सिटी” भी कहा जाता है।
ये सब आंकड़े दिखाते हैं कि वुहान चीन की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ज़रूरी है और इसीलिए चीन इस शहर को जल्द से जल्द ओपन करना चाहता है। यह शहर जनवरी से ही लॉकडाउन में है और इस प्रकार इसे बंद हुए 3 महीने से भी ज़्यादा का समय हो गया है। लेकिन चीन अपने आर्थिक हितों के लिए अब दोबारा पूरी मानवता को खतरे में डालने में लगा है।
Asymptomatic मामलों के खतरे को कम करके नहीं आंका जा सकता। यही कारण है कि हुबई के लोगों को चीन के अन्य प्रांत के लोग भी स्वीकार नहीं कर रहे हैं और कोरोना का डर अभी भी चीन के वासियों में साफ देखा जा सकता है। चीनी सरकार को भी इस डर को समझ लेना चाहिए और अपनी आर्थिक लालच को परे रखते हुए लाखों लोगों की ज़िंदगी को बचाने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।