पंजाब में मदद के नाम पर ईसाई NGOs कोरोना फैला रहे हैं, इन्हें पकड़ो वरना दूसरे तबलीगी साबित होगें

तबलीगियों के बाद ईसाई NGOs का आतंक

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सांंकेतिक फोटो

अभी तब्लीगी जमात से बढ़े वुहान वायरस के प्रकोप का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि भारत  के लिए एक और चिंताजनक बात सामने आई है। अभी पंजाब में वुहान वायरस से संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जिसके पीछे प्रमुख कारण है पंजाब के रोपड़ जिले में एक गांव में लगाए गए अवैध स्वास्थ्य कैंप, जिसे एक मिशनरी एनजीओ संचालित कर रही थी।

रोपड़ के चतामली गांव में एक पूर्व सरपंच, उसके पति और उसके बच्चे को वुहान वायरस से संक्रमित पाया गया है।  इनमें से चूंकि किसी की भी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी, इसीलिए प्रशासन में हड़कंप मच गया। परन्तु जांच पड़ताल में पता चला कि ये तीनों एक मेडिकल कैंप में हिस्सा लेने गए थे, जिसे अवैध रूप से एक ईसाई मिशनरी संचालित कर रही थी, और जहां 20 विदेशी भी पधारे थे।

इस कैंप को ना सरकार और ना ही स्थानीय प्रशासन से कोई मान्यता मिली थी। फलस्वरूप जिन भी गांवों में इस मिशनरी ने दौरा किया, उन सभी को सील कर दिया गया है, और उन लोगों की तलाश की जा रही है, जिन्होंने यह कैंप चलाया था। अब कल्पना कीजिए यदि इन्हे यूं ही काम करने दिया जाता, तो भारत, विशेषकर पंजाब का क्या हाल होता.

पिछले कुछ दिनों में तब्लीगी जमात के सदस्यों के कारण भारत में वुहान वायरस के मामलों में अप्रत्याशित उछाल आया है। इसका असर भारत में दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश इत्यादि में सबसे अधिक देखने को मिला है। तमिलनाडु के कुल मामलों में तो अस्सी प्रतिशत से ज़्यादा केवल तब्लीगी जमात की देन है।

इसके अलावा तब्लीगी जमात के सदस्यों ने किस प्रकार से निकृष्टता की हदें पार कर दी है, ये इसी बात से पता चलता है, जब जैसे ही दिल्ली के निज़ामुद्दीन क्षेत्र के मरकज़ भवन से पकड़े गए लोगों को quarantine सेंटर भेजा गया, तो इन लोगों द्वारा सड़कों पर, सुरक्षाकर्मियों पर और यहां तक कि quarantine सेंटर में स्थित स्वस्थ्य कर्मचारियों पर थूके जाने की खबरें सामने आने लगी।

हद तो तब हो गई, जब गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पुलिस को शिकायत करते हुए लिखा था कि गाज़ियाबाद में तब्लीगी जमात के सदस्यों को quarantine किया गया है, वे न सिर्फ अस्पतालों में उत्पात मचा रहे हैं, अपितु महिला स्टाफ, विशेषकर नर्सों के साथ बदतमीजी भी कर रहे थे, और उनके साथ छेड़खानी भी कर रहे हैं। इससे आग बबूला होकर योगी आदित्यनाथ ने न केवल इन असामाजिक तत्वों के विरुद्ध रासुका के अंतर्गत कार्रवाई की यूपी पुलिस को खुली छूट दी, अपितु इसे एक अमानवीय कार्य भी करार दिया।

अब लगता है इसाई मिशनरी भी इसी राह पर चल पड़े हैं। जिस प्रकार से नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए उन्होंने पंजाब में कैंप चलाया है और कई लोगों की जान को खतरे में डाल दिया है, उसे देखते हुए पंजाब सरकार की भी इस घोर लापरवाही पर जवाबदेही बनती है। यदि वे स्थिति को तुरंत नियंत्रण में नहीं लाते, तो पंजाब में तब्लीगी जमात की भांति वुहान वायरस के सुपर स्प्रेडर बनने में देर नहीं लगेगी।

 

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