तमिलनाडु सरकार की लापरवाही के कारण यहां कोरोनावायरस के रिस्क को बढ़ा दिया है। यहां खुलेआम लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाई गयी है पर ऐसा क्यों हुआ?अब इसे समझते हैं। दरअसल, कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए तमिलनाडु में चेन्नई समेत कुछ शहरी इलाकों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने शुक्रवार को चेन्नई, कोयंबटूर और मदुरै को चार दिन के लिए पूरी तरह से बंद रखने का निर्देश दिया है। इस दौरान लोगों की आवाजाही के साथ-साथ किराना की दुकानें भी बंद रहेंगी।
इसके साथ ही पश्चिमी तमिलनाडु में स्थित सलेम और तिरुपुर भी 26 अप्रैल से तीन दिन के लिए पूरी तरह से बंद रहेंगे। मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने आश्वासन दिया है कि इस दौरान सब्जियां और फल लोगों के घर तक पहुंचाई जाएंगी। उन्होंने कहा, ‘सब्जियों और फलों के लिए केवल मोबाइल आउटलेट को ही अनुमति दी जाएगी।‘ इसके बाद से पूरे राज्य में लोग परेशान हो गए। और चेन्नई, मदुरै और कोयम्बटूर में रविवार से शुरू होने वाले पूर्ण लॉकडाउन से पहले ही हजारों लोगों ने बाजारों, किराना दुकानों और सुपरमार्केट और सड़कों जरूरी समान खरीदने के लिए भीड़ लगा दिया। सोशल डिस्टेन्सिंग को ताक पर रखते हुए लोगों ने प्रशासन को ही ठेंगा दिखा दिया।
https://twitter.com/moulistic/status/1253921064792571904?s=20
With total #lockdown set to kick-in in few parts of Tamil Nadu from Sunday, CM Edappadi K. Palaniswami ordered essential shops to be open till 3 p.m. on Saturday.#TNlockdown @xpresstn https://t.co/ZBdQiEw801
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) April 25, 2020
यहाँ गलती सिर्फ आम जनता की नहीं है बल्कि, तमिलनाडु राज्य सरकार की है। एक महीने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की पूरी मेहनत एक गलत फैसले के कारण बेकार हो चुका है।
Social distancing goes for a toss as TN govt decided to go on a total lockdown mode.
Panic buying in many areas. All markets, shops, stores are heavily crowded. Police & health officials will have a tough time now. #TNLockdown https://t.co/ntvGpQWX7g
— Shabbir Ahmed (@Ahmedshabbir20) April 25, 2020
#Socialdistancing goes for a toss, as people throng markets in Chennai to buy vegetables, before the #lockdown with new restrictions sets in. #TNLockdown
Express Photo | @haisat2005 pic.twitter.com/aVnukRB2Jg— The New Indian Express (@NewIndianXpress) April 25, 2020
हजारो लोग बाजार में सोशल डिटेन्सिंग की धज्जियां उड़ाते हुए सामान खरीदते दिखे। मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने राज्य को एक कोरोना विस्फोट के कगार पर धकेल दिया है। राज्य से कई विचलित करने वाली फोटो और वीडियो सामने आ रही हैं जहां हजारों लोग सब्जी और किराने की दुकानों में देखें जा सकते हैं।
https://twitter.com/ArunSankarASK1/status/1253917645285453824
https://twitter.com/ArunSankarASK1/status/1253926579593338880
बता दें कि राज्य में कोरोना का प्रकोप पहले से ही बढ़ा हुआ है और वहाँ के मंत्री भी सोशल डिटेन्सिंग का पालन नहीं कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही एक खबर आई थी तमिलनाडु के राजस्व मंत्री आरबी उदयकुमार, मदुरै पुलिस आयुक्त, जिला कलेक्टर और अन्य राजस्व अधिकारियों के साथ जिले में एक क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे थे लेकिन, उन्होंने सामाजिक दूरी का पालन किए बगैर ही प्रेस वार्ता में हिस्सा लिया था। राज्य में कई पत्रकार कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, बावजूद इसके कई जिलों में मंत्रियों और अधिकारियों की ओर से नियमों को तोड़ा जा रहा है और यहां पर सामाजिक दूरी को बनाए रखे बगैर ही प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया था।
अगर देखा जाए तो तमिलनाडु कोरोना के मामलों को रोकने में पहले ही नाकामयाब रहा है और अब इस तरह के फैसले से तमिलनाडु में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने का रिस्क बढ़ गया है। भारत में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से तमिलनाडु छठे नंबर पर आता है। इस राज्य में अभी तक 1750 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं जिसमें से अधिकतर मामले तबलीगी जमात से जुड़े हुए हैं। 17 अप्रैल तक सामने आए 1242 मामलों में से कुल 1113 लोग दिल्ली के निज़ामुद्दीन स्थित मरकज के ही थे। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि तमिलनाडु में कोरोना ने किस प्रकार से पाँव पसारा है। अभी भी तब्लगी जमात पंथ के 20 से 25 सदस्य राज्य में लापता हैं।
गृह मंत्रालय (एमएचए) के अनुसार, देश में 4,291 से अधिक पॉज़िटिव मामले 23 राज्यों में तब्लीगी जमात सदस्यों से ही फैला है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने गैर-जिम्मेदाराना ढंग से काम किया है और अब उन्हें अपनी गलतियों की जवाबदेही के लिए तैयार रहना चाहिए। जब पूरे देश में कोरोना को रोकने के प्रयास किए जा रहे है तो ऐसे समय में उनके एक फैसले ने राज्य में कोरोना फैलने के रिस्क को बढ़ा दिया है ऐसे में जवाबदेही तो बनती ही है।