पहले Whatsapp फिर Instagram और अब Jio- Facebook डेटा चोरी करने के लिए हर बड़ी कंपनी में सेंध मार रहा है

अब भारतीयों पर नजर है Facebook की

PC: Moneycontrol

पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही है लेकिन इसी बीच भारत की रिलायन्स इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के जियो प्लेटफॉर्म और अमेरिका के फेसबुक के बीच बिंडिंग अग्रीमेंट पर हस्ताक्षर की घोषणा हुई है। फेसबुक जियो प्लेटफॉर्म में 43,574 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इस निवेश के बाद फेसबुक को जियो प्लेटफॉर्म में 9.99 फीसदी की हिस्सेदार मिल जाएगी। इस बड़ी डील के बाद फेसबुक अब जियो की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर बन गई है। फेसबुक के इस निवेश के बाद जियो प्लैटफॉर्म्स की एंटरप्राइज वैल्यू 4.62 लाख करोड़ हो गई है। लेकिन फेसबुक ने जियो में निवेश क्यों किया? अगर देखा जाए तो इसका उत्तर आसान है और वह है “डाटा” के लिए।

 

माइनॉरिटी इन्वेस्टमेंट के लिहाज से यह सबसे सबसे बड़ा विदेशी प्रत्क्ष निवेश(FDI) है। दोनों कंपनियों का कहना है कि साझेदारी से रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे और साथ ही बिजनस बढ़ेगा। लेकिन यहाँ पर ध्यान देने वाली बात है कि फेसबुक दुनिया भर के देशों का डेटा अपने पास जुटाना चाहता है। इसके लिए भारत में सबसे बढ़ी टेलिकॉम कंपनी जियो से अच्छा और कोई विकल्प नहीं है। कुछ वर्षों पहले ही फेसबुक ने व्हाट्सअप्प और इंस्टाग्राम का भी अधिग्रहण कर लिया था। रिलायंस के जियो मार्ट और फेसबुक के वॉट्सऐप से देश के करोड़ों किराना दुकानदारों और ग्राहकों को जोड़ा जा सकता है। व्हाट्सएप के 2 बिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा भारत के नागरिकों का है। बहुत सारे भारतीयों के लिए, इंटरनेट अभी भी व्हाट्सएप, फेसबुक और यूट्यूब जैसे कुछ ऐप तक सीमित है। जियो भारत में मोबाइल टेलीफोन, ब्रॉडबैण्ड सेवाएँ तथा डिजिटल सेवाएँ प्रदान करने वाली सबसे बड़ी कम्पनी है। यह सभी 22 दूरसंचार क्षेत्रों में एलटीई नेटवर्क संचालित करती है| ब्रॉडबैंड पैनीट्रेशन में भारत जियो से पहले पूरी दुनिया में 150वीं श्रेणी में आता था। जियो के लॉन्च के बाद भारत मोबाइल डाटा यूसेज के मामले में पूरे विश्व में नंबर 1 देश बन गया। जियो यूजर्स द्वारा प्रतिदिन 3.3 करोड़ गीगाबाइट से ज्यादा यूसेज किया गया तथा यूजर्स ने प्रतिदिन 5.5 करोड़ घंटे वीडियो देखते हुए बिताए। इस तरह से देखा जाए तो अब फेसबुक के पास भारत के लगभग सभी मोबाइल यूजर तक पंहुच जाएगा। इन सभी का डाटा वह अपने बिजनेस के लिए इस्तेमाल कर सकता है। कुछ ही दिनों पहले ऑस्ट्रेलिया ने डाटा चोरी को लेकर फेसबुक पर मुकदमा ठोक दिया था। दुनिया की इस दिग्गज सोशल नेटवर्किंग साइट पर आरोप लगाया गया है कि वह ब्रिटिश फर्म कैंब्रिज एनालिटिका को तीन लाख से ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई यूजर्स के डाटा में सेंध लगाने से रोकने में नाकाम रही। कैंब्रिज एनालिटिका वर्ष 2018 में सुर्खियों में आई थी। तब उस पर भारत और अमेरिका समेत दुनिया के आठ करोड़ से ज्यादा फेसबुक यूजर्स का डाटा चुराने का आरोप लगा था। फेसबुक को अमेरिका और ब्रिटेन में भी भारी जुर्माना का सामना करना पड़ा था। डाटा संरक्षण कानून के उल्लंघन के मामले में फेसबुक को ब्रिटेन को पांच लाख पाउंड का जुर्माना अदा करने को राजी होना पड़ा था।

फेसबुक ने भारत के घर-घर में पहुंचने के लिए अब जियो का रास्ता चुना है जिससे इस टेक कंपनी के पास लगभग सभी भारतीयों का डाटा मिल सके। जियो की भारत के गाँव और शहर शहर तक पहुंच है। जियो के भारत में लगभग 38 करोड़ उपभोगता हैं तो वहीं, फेसबुक के भारत में 34 करोड़ यूजर्स हैं। इस बार इस डाटा का इस्तेमाल किस प्रकार से होगा यह तो समय ही बताएगा लेकिन एक बात स्पष्ट है कि टेलीकॉम क्षेत्र में फेसबुक भारत में अपना यूजर बेस बढ़ाने की दिशा में काम रहा है जिसमें भारतीय टेलिकॉम सेक्टर में कदम रखना उसके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। ऐसे ही फेसबुक के सहारे जियो भी भविष्य में अपना यूजर बेस बढ़ाने की योजना पर काम कर सकता है। फेसबुक के आने से भारत का टेलिकॉम सेक्टर और ज़्यादा विकासशील होने वाला है।

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