शंघाई से नोएडा तक, US की टॉप कंपनियां अब चीन से उत्तर प्रदेश आने की तैयारी में

चीन से भागकर उत्तर प्रदेश में बिजनेस करना चाहती हैं ये कंपनियां

चीन

कोरोना के कारण लगातार कंपनियां चीन से पलायन करने की योजना बना रही हैं। पहले हमने आपको बताया था कि कैसे लगभग 1 हज़ार कंपनियाँ चीन से भारत आने की योजना बना रही हैं, अब उत्तर प्रदेश के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यह दावा किया है कि लगभग 100 अमेरिकी कंपनियाँ चीन से अपना सारा सामान समेटकर उत्तर प्रदेश में अपने कारखाने स्थापित कर सकती हैं। सिंह ने यह दावा किया कि ये सभी कंपनियाँ अब भारत में अपना production शिफ्ट करना चाहती हैं और उन्हें विश्वास है कि वे उत्तर प्रदेश में ही आएंगी। अगर ऐसा होता है तो यह उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा क्योंकि इससे अपार संख्या में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

सिद्धार्थनाथ सिंह के मुताबिक ये सभी कंपनियाँ ऑटो, मोबाइल और लोजीस्टिक्स क्षेत्र की हैं और इन्हें लुभाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही बड़े पैमाने पर नीतिगत सुधार करने जा रही है। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक वेबिनार का भी आयोजन किया था जिसमें कई अमेरिकी कंपनियों ने हिस्सा लिया था। उत्तर प्रदेश सरकार इन कंपनियों को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती।

यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कारण ही संभव हो पाया है कि आज नोएडा में  Samsung ने दुनिया की सबसे बड़ी mobile manufacturing यूनिट स्थापित की है। जब योगी नए-नए ही CM बने थे, तब नौकरशाओं ने उन्हें बताया कि सैमसंग ने 3000 करोड़ की लागत से एक यूनिट बैठाने का फैसला लिया था लेकिन अब उसने बेहतर सुविधाओं और छूट न मिलने की वजह से दूसरे राज्य में जाने का फैसला किया है। इसके बाद उन्होंने सैमसंग के इंडिया हेड और फिर सीईओ से बातचीत करने का फैसला किया। योगी ने तुरंत Samsung के अधिकारियों की सारी चिंताओं को दूर कर दिया और उन्हें नोएडा में ही प्लांट लगाने का अनुरोध किया। उनके प्रयासों का ही नतीजा है कि सैमसंग ने दुनिया की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग इकाई को नॉएडा में स्थापित किया।

पिछले हफ्ते ही पीएम मोदी ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत कर उन्हें सुझाव दिया था कि वे चीन से बाहर आ रही कंपनियों को लुभाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाएँ। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने समय रहते नीतिगत सुधार करने का जो निर्णय लिया है, वह आने वाले सालों में यूपी को बहुत फायदा पहुंचाएगा।

बता दें कि केंद्र सरकार पहले ही इन कंपनियों को लुभाने के लिए कई ऐसे कदम उठा चुकी है। सरकार ने पिछले साल आर्थिक मंदी से निपटने के लिए कई आर्थिक सुधारों को अंजाम दिया था, जिनमें सबसे बड़ा बदलाव corporate tax को कम करना था। सरकार ने इसे घटाकर 25.17 प्रतिशत कर दिया था, इसके साथ ही नए उत्पादकों के लिए यह corporate tax सिर्फ 17 प्रतिशत कर दिया गया था, जो कि दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के मुक़ाबले सबसे कम है। सरकार के इन आर्थिक सुधारों का ही परिणाम है कि अब बड़े पैमाने पर दक्षिण कोरियन, अमेरिकी और जापानी कंपनियां चीन को छोड़कर भारत आने को लेकर उत्साहित हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट की माने तो लगभग 200 अमेरिकी कंपनियां अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को भारत शिफ्ट कर सकती हैं।

कुल मिलाकर अभी हजारों की संख्या में कंपनियाँ चीन से बाहर आने वाली हैं और जो देश या जो राज्य इन्हें सबसे ज़्यादा सहूलियत और सुविधाएं देगा, उन्हीं राज्यों में ये कंपनियाँ निवेश करेंगी। अगर भारत को manufacturing hub बनना है तो भारत के सभी राज्यों को उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ही जल्द से जल्द अपने क़ानूनों और नीतियों में बदलाव करना होगा। अगर भारत के राज्य आगे बढ़ेंगे और आर्थिक विकास करेंगे, तभी देश भी आर्थिक विकास कर पाएगा।

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