देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस से उपजी स्थिति के मद्देनजर केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को 1 जनवरी 2020 से देय महंगाई भत्ते या DA और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों की महंगाई राहत की अतिरिक्त किश्त का भुगतान न करने का फैसला लिया है। इस प्रकार, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों को जून 2021 तक महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं हो पाएगा।
उसके बाद सभी कर्मचारियों को पहले की तरह ही DA मिलना शुरू हो जाएगा, लेकिन कांग्रेस और खासकर कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह लगातार सरकार पर केंद्र कर्मचारियों पर ज़ुल्म ढाने का आरोप लगाने की बात कर रहे हैं।
उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए हाल ही में यह बयान दिया “इस मुश्किल दौर में सरकारी कर्मचारियों और सैनिकों की परेशानियां बढ़ाई जा रही हैं, ये गलत है”। हालांकि, ये वहीं मनमोहन सिंह है जिन्होंने Chief Economic Advisor रहते हुए वर्ष 1963 और वर्ष 1974 में Compulsory Deposit scheme के तहत देश के सभी लोगों को अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा काटकर सरकार के खाते में डालने के लिए और फिर उसे 3 से 5 सालों के लिए सरकार के पास lock करने के लिए बाध्य किया था। ऐसे में देश के कर्मचारियों के लिए मनमोहन सिंह की इस सहानुभूति को राजनीति से प्रेरित ही कहा जाएगा।
There were 2 schemes in 1963 and 1974 and these were applicable to ALL tax payers including govt servants. There was a compulsory deposit scheme under which a part of the salary was withheld and deposited in a fund with a lock-in period of 3 or 5 years.
Salary and not DA! (1/n) https://t.co/SXcfUhIkeP pic.twitter.com/TN6BoeqEPh— Vikas Pandey (Sankrityayan) Modi ji’s Family (@MODIfiedVikas) April 25, 2020
आज तो केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों का सिर्फ DA ही कुछ समय के लिए रोका है, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने वर्ष 1963 और वर्ष 1974 में दो बार लोगों को अपनी सैलरी में से कुछ हिस्सा सरकार को देने के लिए मजबूर किया था। उदाहरण के लिए वर्ष 1963 में सरकार ने उन सभी लोगों को अपनी सैलरी/कमाई का एक तय प्रतिशत सरकार को देने को कहा था जो-
- सरकारी कर्मचारी हों
- Land Revenue/किसी प्रकार का किराया, tax देते हों
- व्यापारी हों
- कंपनीज़ एक्ट के तहत पंजीकृत किसी कंपनी में काम करते हों
- Income tax भरने वाला कोई भी person हो
Congress's sympathy on temporary withholding of DA hike for govt employees is completely fake. It's the same party that FORCED people to part with substantial amount of their salaries twice in 1963 & 1974 for a LOCK-IN period of upto 3-5 yrs. Yes, from SALARY and not just DA. https://t.co/tAzR6VYa2x pic.twitter.com/EyLLJNPvIs
— Suresh Nakhua (Modi Ka Parivar) 🇮🇳 (@SureshNakhua) April 25, 2020
इस प्रकार सरकार ने जबरदस्ती लगभग देश के सभी लोगों से पैसों की वसूली की थी। ठीक वैसा ही हमें वर्ष 1974 में देखने को मिला था जब सरकार ने सभी income tax भुगतान करने वालों से अपनी आय का एक अतिरिक्त हिस्सा सरकार को देने को कहा था। आज जब कांग्रेस सरकार द्वारा DA को सिर्फ कुछ महीने रोकने की बात कर रही है, तो कांग्रेस इसे क्रूर बता रही है, लेकिन मनमोहन सिंह ने तब Chief Economic Advisor होते हुए खुद लोगों को 5 सालों के लिए उनके पैसों को लोगों से छीनने का काम किया था।
कांग्रेस को लॉकडाउन की गंभीरता को समझकर इस समय राजनीति करने से बचना चाहिए और कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में अपना सकारात्मक योगदान देना चाहिए। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कहलाने वाली कांग्रेस में आज इसके गुण नाममात्र भी नहीं बचे नहीं हैं।