कोरोना की उत्पत्ति को लेकर वैश्विक दबाव झेल रहे चीन की एक के बाद एक कई करतूत खुल कर सामने आती जा रही है। पहले चीन का कोरोना को अमेरिका के सिर पर मढ़ने का आरोप और फिर प्रोपेगेंडा के लिए PR कॅम्पेन करने की कोशिश करना। अब अन्य देशों को मेडिकल सामान और मास्क देकर अपनी दरियादिली दिखाना चाह रहा है। लेकिन कई देशों को खराब मेडिकल सामान देने के बहाने चीन के इस बिजनेस की सच्चाई भी खुल चुकी है। इटली ने चीन को PPE यानि Personal Protection Equipment दे कर मदद की थी। अब जब इटली इस महामारी से भीषण रूप से जूझ रहा है और उसे PPE की जरूरत है तो ऐसी स्थिति में चीन चाहता है कि इटली उससे वह पीपीई खरीद ले।
दरअसल, चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस की शुरुआत पिछले साल के नवंबर-दिसंबर से ही हो गई थी। जनवरी और फरवरी में वहां यह महामारी चर्म पर थी, ऐसे में इटली ने बड़ी मात्रा में चीन को पर्सनल प्रोटेक्सन किट दान में दी थी। चीन में अब कोरोना वायरस का कहर थम गया है। वहां, अब प्रतिदिन 10-20 मरीज ही सामने आ रहे हैं। वहीं, इटली में कोरोना वायरस अभी भी कहर बरपा रहा है। यहां मरीजों की संख्या 1 लाख के पार पहुंच गई है। हर रोज 500 के करीब लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में इटली को PPE की बेहद जरूरत है, लेकिन चीन अब चालबाजी दिखा रहा है। खबरों के मुताबिक, चीन चाह रहा है कि इटली अब उससे पीपीई खरीदे।
स्पेक्टेटर मैगजीन ने खबर छापी है कि चीन ने इटली को उन PPE को खरीदने के लिए मजबूर कर दिया, जो उसने चीन को कोरोना वायरस फैलने के दौरान दान में दिए थे। एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस के यूरोप में दस्तक देने से पहले इटली ने चीन की मदद के लिए कई टन पीपीई भेजे थे जिससे की चीन अपने लोगों को इस महामारी के प्रभाव से बचा सके। अब यह खबर सामने आ रही है चीन इटली को वही PPE खरीदने के लिए मजबूर कर रहा है। कई रिपोर्ट्स में तो यहां तक दावा किया गया है चीन ने उसे बेच दिया है। हालांकि, अभी तक चीन या इटली की तरफ ऐसा कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। मालूम हो कि इटली में कोरोना वायरस से 14000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और यह विश्व में सबसे अधिक है।
कोरोना के समय में भी चीन चालबाजियाँ करने से नहीं पीछे हट रहा है। आज जब विश्व अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है, और हर एक देश PPE और अन्य चिकित्सा आपूर्ति की कमी का सामना कर रहा है, तो चीन एकमात्र ऐसा देश है जिसकी अर्थव्यवस्था ने कुछ हद तक फिर से काम करना शुरू कर दिया है और अन्य देशों को मेडिकल सामान बेच रहा है और ऐसे PR कैम्पेन चला रहा है जैसे उसने मुश्किल घड़ी में दान किया हो।
चीन द्वारा अन्य देशों को बेची गई अधिकांश आपूर्ति डिफेक्टिव निकली है चाहे वो स्पेन की हो या चेक गणराज्य की हो। स्पेन ने तो चीन को 50 हजार कोरोना टेस्टिंग किट वापस कर दिया था। नीदरलैंड्स ने शिकायत की है कि चीन से जो मास्क उन्हें मिले, उनमें से आधे सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे है। यही नहीं चीन ने अपने दोस्त पाकिस्तान को ऐसा मास्क दिया जो अंडरगार्मेंट्स के बने थे। अब इस तरह से इटली की ही दान की हुई PPE को चीन वापस इटली को बेचकर पैसे वसूलना चाहता है। आज चीन ऐसे चालबाजी कर अपने आप को सभी देशों का दोस्त के रूप में दिखाना चाहता है जबकि सच तो यह है कि चीन ने ही वुहान वायरस को दुनिया भर में फैलाया और अब मदद करने का नाटक कर सिर्फ और सिर्फ अपना फायदा देख रहा है जिससे उसे इन देशों में अपने बिजनेस को चाइनीज कंपनियों द्वारा फैलाने में मदद मिले। चीन अमानवीता की हद पार कर लाखों लोगों के खून से अपने बिजनेस को चमकाना चाहता है।