अस्पताल बनवाने से लेकर संदिग्धों को पकड़ने तक- कैसे हेमंता ने असम को Corona Proof राज्य बनाया हुआ है

हेमंता ने गांव से लेकर शहर तक कोरोना के खिलाफ जंग छेड़ दी है

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वुहान वायरस से इस समय पूरी दुनिया मोर्चा संभाल रही है, और भारत भी कहीं पीछे नहीं है। अनेकों चुनौतियों और असहयोग से जूझते हुए हमारे देश ने अभी तक वुहान वायरस के कुल मामलों को 2000 के आंकड़े से भी कम मामलों तक ही सीमित रखा है, और अब तक 120 से ज़्यादा संक्रमित मरीज़ पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। जहां दिल्ली और बंगाल जैसे कुछ राज्य अपने लचर शासन व्यवस्था के कारण स्थिति को बद से बदतर बनाने पर तुले हुए हैं, तो वहीं उत्तर प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्य इस बीमारी को जड़ से उखाड़ फेंकने के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। परंतु एक ऐसा राज्य भी है, जिसकी तैयारी पर कोई भी ध्यान नहीं देना चाहता है, और वो है असम।

वुहान वायरस को भारत में जड़ें जमाये एक महीने से भी ज़्यादा समय हो चुका है, परंतु असम में अब तक मात्र एक मामला वुहान वायरस से संक्रमित पाया गया है। ये मामला भी कल रात सामने आया, जब तब्लीघी जमात से संबन्धित एक व्यक्ति का मामला COVID 19 पॉज़िटिव पाया गया। पिछले कुछ दिनों में भारत नीतिपूर्ण गति से वुहान वायरस के विरुद्ध मोर्चा संभाले हुए था, परंतु तबलीगी जमात द्वारा संचालित निज़ामुद्दीन के मरकज़ भवन से निकले लोगों में कई लोगों के वुहान वायरस पॉज़िटिव पाये जाने से स्थिति हाथ से निकलते हुए दिखनी लगी।

परंतु असम में चिंता की कोई विषय नहीं है। इसके पीछे कारण है असम सरकार की सतर्कता, और उनके सबसे कद्दावर मंत्री हिमन्ता बिस्वा सरमा की सतर्कता। हिमन्ता ने हाल ही में बताया है की तबलीगी जमात से संबंध रखने वाले 456 लोग असम से संबन्धित पाये गए हैं, जिन्हें ढूंढ ढूंढकर आवश्यक जांच पड़ताल के लिए भेजा जाएगा। एक ट्वीट के अनुसार, “हमने जांच पड़ताल के बाद कुछ ऐसे लोगों की सूची निकाली है, जो तबलीगी जमात के जलसे में शामिल थे। यदि इनमें से कोई भी असम हाल ही में आया है, तो उसके लिए आवश्यक प्रबंध करवाया जाएगा।

जब असम में एक भी मामला नहीं सामने आया था, तब भी असम पूरी तरह से इस बीमारी से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश की तर्ज पर तैयार था। वुहान वायरस के मामले जब भारत में बढ़ने लगे, तब असम में सरकार ने कुछ ही दिनों के अंदर गुवाहाटी के एक विशाल स्टेडियम को एक अस्थायी अस्पताल में परिवर्तित किया, जिससे आवश्यकता पड़ने पर ज़्यादा से ज़्यादा मरीजों को भर्ती किया जा सके। परंतु बात यहीं पर नहीं रुकी।  असम में ग्रामीण स्तर पर भी लोग पूरी तरह तैयार दिखे, जिन्होने महज कुछ ही दिनों में प्रकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण एक ईको फ्रेंडली quarantine सेंटर का निर्माण किया।

इसके अलावा असम के स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते भी हिमन्ता बिस्वा सरमा यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि क्षेत्र में किसी प्रकार की सुविधा की कोई कमी न हो। एक ओर उन्होंने 300 बेड वाले अस्पताल के त्वरित निर्माण को मंजूरी दी, तो वहीं उन्होंने कुछ जिलों में ये भी सुनिश्चित किया कि उनके मेडिकल कॉलेज केवल और केवल COVID-19 के मरीजों की देखभाल करें।

वास्तव में हिमन्ता बिस्वा सरमा ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि वे असम में इतने लोकप्रिय क्यों है। जिस तरह से असम ने वुहान वायरस के लिए तैयारी की है, वो अपने आप में प्रशंसनीय है, और हम आशा करते हैं कि असम न केवल वुहान वायरस से इस लड़ाई में विजयी हो, अपितु देश के अन्य राज्यों को एक नई राह भी दिखाए।

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