‘ये तो कोरोना से भी ज्यादा जहरीला है’ रजत शर्मा ने तबलीगी जमात के मौलाना की बखिया उधेड़ दी

'देश के मुस्लिम नेताओं इस पर तुम्हारा क्या स्टैंड है बताओ'

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तब्लीगी जमात के अनुयाइयों ने क्या उत्पात मचाया है, इसके बारे में कोई विशेष शोध करने की आवश्यकता नहीं है। कुछ तो इतने बेशर्म है कि वे खुलेआम धमकियां देते फिरते हैं कि यदि उनके शान में कोई गुस्ताखी हुई, तो वे पत्रकारों तक को नहीं छोड़ेंगे। परन्तु यहीं पर उन्होंने एक भूल कर दी। उन्होंने एक ऐसे पत्रकार को धमकियां दी, जो ऐसे लोगों से निपटाने में काफी माहिर हैं। हम बात कर रहे हैं इंडिया टीवी के प्रमुख संपादक और प्रख्यात पत्रकार रजत शर्मा की, जिन्होंने इन कट्टरपंथियों को समय समय-समय पर आड़े हाथों लिया है।

हाल ही में AIMIM के सदस्य मौलाना रहमान ने तब्लीगी जमात के उपद्रवी सदस्यों का बचाव करते हुए एक वीडियो पोस्ट की, जहां मौलाना कुछ चैनल जैसे इंडिया टीवी, एबीपी न्यूज़ इत्यादि का उदाहरण देते हुए उन्हें धमकी देता है देता हैं कि यदि इन चैनलों ने तबलीगी के सदस्यों को बदनाम करना बंद नहीं किया, तो इसके गंभीर परिणाम उन्हें भुगतने पड़ेंगे। वो पूछता है कि आखिर किस आधार पर ये चैनल तबलीगी के सदस्यों के विरुद्ध बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

फिर मौलाना कहता है, “मीडिया ज़ुबान संभाल कर काम करे, तबलीगी जमात और मरकज़ को बदनाम करने की कोशिश न करे। मौलाना साद अमीर उल हिन्द हैं, वो मुसलमानों के बेताज बादशाह हैं, आप मुसलमानों के जज़्बात से खिलवाड़ मत कीजिये“।

इस एक बयान ने तबलीगी के सदस्य और उसके समर्थकों की पोल खोलकर रख दी। परंतु मौलाना यहीं पर नहीं रुका, आगे कहता है, “अगर आप किसी भी जमात के सदस्य का इंटरव्यू करें, तो आपको पता चलेगा कि वे एक समय में बहुत बड़ा अपराधी थे, यदि उन लोगों ने वापस अपना पेशा अपना लिया, तो आप बहुत बड़ी मुसीबत में होंगे। मैं आपको बताना चाहता हूं, मैं मीडिया और आपको चेतावनी दे रहा हूं”।

यही नहीं, रजत शर्मा के अलावा कई अन्य पत्रकारों को भी निशाने पर लिया गया था। ज़ी न्यूज के पत्रकार सुधीर चौधरी ने एक वीडियो शेयर की, जिसमें  कट्टरपंथी, पत्रकारों को भद्दी गालियां देते हुए दिखाई दिया है। उक्त वीडियो में इल्याद शरीफुद्दीन नामक ये व्यक्ति कहता है कि ऐसे पत्रकार कुत्ते है, और उनके मालिक भाजपा में बैठे सूअर हैं। इसके अलावा जनाब यह झूठ फैला रहे थे कि हिन्दू भी बड़ी संख्या में लॉक डाउन का उल्लंघन कर रहे थे, पर सबूत के तौर पर महोदय ने कुछ नहीं पेश किया।

परन्तु रजत शर्मा को यह गीदड़ भभकी रास ना आई। बतौर न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष उन्होंने इन कट्टरपंथियों को आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया, बदक़िस्मती है कि कुछ फ़िरक़ापरस्त लीडर तब्लीगी जमात की लापरवाही की  निंदा करने के बजाय  इसकी रिपोर्टिंग करने वाले  रिपोर्टर्स और ऐंकर्स को धमकी दे रहे हैं।  मैंने उनसे कहा है चैनल तो आप के लिए भी हैं, आइये और बताइए कि तब्लीगी जमात की इस हरकत पर आप का स्टैंड  क्या है

अब बात करें रजत शर्मा की, तो पत्रकारिता की दुनिया में वे जाना माना नाम है। आज की बात, आप की अदालत में अपने बेबाक व्यक्तित्व से वे कई दर्शकों को अपने प्रशंसक बना चुके हैं। नेता हो या अभिनेता, रजत किसी के सामने नहीं झुकते हैं, और वक्तव्य में उन्हें परास्त करना सबके बस की बात नहीं।

इसके अलावा न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन ने एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की, जिसमें तुष्टिकरण का नाममात्र का अंश भी नहीं था। विज्ञप्ति में कहा गया है,

 “न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन इस बात से काफी चिंतित है कि कैसे समाज का एक तबका ऐसे धार्मिक ठेकेदारों की रक्षा कर रहा है, जो न्यूज़ चैनल के एंकरों को गालियां दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी वीडियो चल रही हैं जहां कुछ धार्मिक ठेकेदार न्यूज़ एंकर्स को गालियां दे रहे हैं और उन्हें धमकियां भी दे रहे हैं। एनबीए इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है”।

इसके साथ ही NBA ने बयान जारी कर ऐसे धार्मिक तत्वों को इस तरह की धमकियों से दूर रहने के लिए कहा है और न्यूज चैनल्स के खिलाफ इस तरह की बयानबाजी भी करने से मना किया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि ऐसे में नेता सामने आएं और कोरोना वायरस को फैलाने में तबलीगी जमात की भूमिका को लेकर अपना रुख साफ करें।

इसमें  कोई दो राय नहीं है कि मीडिया कोई दूध की धुली नहीं हैं। परन्तु यदि कुछ नमूनों को छोड़ दें, तो मीडिया ने संकट की इस स्थिति में काफी उम्दा रोल किया है। ऐसे में ये बिल्कुल अस्वीकार्य है कि कुछ दो टके के कट्टरपंथी मीडिया को इसलिए धमकाए क्योंकि उन्होंने वास्तविकता दिखाने का साहस किया था, और इस दिशा में रजत शर्मा ने एक बेहद सार्थक कदम उठाया है।

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