‘Congress जैसा मूर्ख कोई नहीं’, BCG टीकाकरण नेहरु ने शुरु की थी लेकिन क्रेडिट नहीं ले पा रहे कांग्रेसी

आज BCG टीकाकरण की वजह से ही कोरोना कुछ हद तक कंट्रोल में है

राहुल गांधी, सोनिया गांधी, नेहरु, कांग्रेस, BCG, बीसीजी

सही कहा था किसी ने, अशर्फियां लुटे कोयलों पर मोहर। अर्थात किसी तुच्छ वस्तु की चाह में लोग अधिक मूल्यवान वस्तु का परित्याग कर देते हैं। शायद यह कहावत कांग्रेस पर बड़ी फिट बैठती है, जो ऐसे तो क्रेडिट चुराने में एक सेकंड भी जाया नहीं जाने देती, परन्तु जब वास्तव में किसी चीज का उचित क्रेडिट लेना हो, तो महोदयों को सांप सूंघ जाता है। आज कल वुहान वायरस से संक्रमित होने पर बीसीजी वैक्सीन का महत्व काफी बढ़ चुका है। बताया जा रहा है कि टीबी से रोकथाम में कारगर यह वैक्सीन काफी हद तक उन देशों में वुहान वायरस के घातक असर को रोक रहा है, जहां यह आज भी लागू है?

परन्तु बीसीजी वैक्सीन का वुहान वायरस से क्या कनेक्शन? ऐसा इसलिए है एक शोध में यह बात सामने आगई है कि BCG का टीका लगवाने वालों देशों में कोरोना के मामले 10 गुना कम पाये गए हैं। यह कोई आम बात नहीं है। अमेरिका और ब्रिटेन के चिकित्सा शोधकर्ताओं ने 178 देशों के डेटा का विश्लेषण कर अध्ययन में यह आंकड़ा जुटाया।

बता दें कि जन्म के समय हर नवजात को BCG का टीका लगाया जाता है, जिससे भविष्य में टीबी जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरना कम हो जाता है. भारत उन देशों में शामिल है जहां जन्म के समय ही बच्चे को टीबी का टीका लगवाया जाता है।

वहीं कई समृद्ध देशों, जैसे कि अमेरिका, इटली और हॉलैंड में कभी भी बीसीजी टीकाकरण की नीति को लागू नहीं किया गया, क्योंकि उन देशों में कभी TB बड़ी समस्या बनी ही नहीं।  इस वजह से आज इन देशों में कोरोना से तबाही अधिक है।

तो भला कांग्रेस का इससे क्या वास्ता? दरअसल, भारत में बीसीजी वैक्सीन को लाने वाली प्रथम सरकार कांग्रेस की ही थी। जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने अपनी अपनी सरकारों के शासन में इसी वैक्सीन को सफलतापूर्वक देशभर में लागू कराया गया था।

परन्तु विडंबना तो देखिए। जिन चंद क्षेत्रों में कांग्रेस ने नाम कमाया था, उसकी तरफ वे आंख उठाकर भी नहीं देखना चाहते। यही कांग्रेस है  जो भीलवाड़ा में स्थानीय प्रशासन द्वारा किए गए काम का श्रेय चुराने में एक क्षण भी व्यर्थ नहीं जाने देते, और यही कांग्रेस है को मूर्खों की तरह पीएम मोदी को HCQ एक्सपोर्ट करने  के लिए कायर भी कहते फिरते हैं।

इस शोध में 178 देशों के डेटा विश्लेषण के दौरान 9 से 24 मार्च के बीच 15 दिनों के लिए COVID-19 के पॉज़िटिव मामलों और मृत्यु दर को देखा गया और निष्कर्ष निकाला गया कि “बीसीजी टीकाकरण वाले देशों में कोरोना वायरस के पॉज़िटिव मामलों की दर केवल 38.4 व्यक्ति प्रति मिलियन ही थी। यानि 10 लाख में केवल 38 मामले सामने आए।

वहीं जिन देशों में BCG का टीका नहीं लगाया जाता वहां यह आंकड़ा 358.4 कोरोना के पॉज़िटिव मामले प्रति मिलियन रहा। यानि 10 लाख में 358 मामले। इसका मतलब यह हुआ कि जिन देशों में BCG का टीका नहीं लगाया गया, उनमें कोरोना वायरस 10 गुना की रफ्तार से फैला।

अब जिस टीकाकरण के कार्यक्रम को राजीव गांधी ने इतना आगे बढ़ाया, उसके बारे में बात करते हुए कांग्रेस को सांप क्यों सूंघ जाता है? जिस भीलवाड़ा ने अपने स्थानीय प्रशासन के सूझ-बूझ से कम्युनिटी ट्रांसमिशन में फिसलने से बचा लिया, उसका श्रेय कांग्रेस उस राहुल गांधी को देना चाहती है, जिसने अब तक अफवाह फैलाने और नौटंकी करने के अलावा कुछ नहीं किया है।

हद तो तब हो गई जब भीलवाड़ा में स्थित एक गांव की सरपंच किस्मत गुर्जर को मामला अपने हाथों में लेना पड़ा। वे ट्वीट करती हैं, “मैं बहुत दुखी हूं। भीलवाड़ा मॉडल इसलिए सफल हुआ क्योंकि भीलवाड़ा के गांववासी, महिलाओं और स्वास्थ्य कर्मियों के स्व: अनुशासन में कोई कमी नहीं थी”।

कांग्रेस के पास एक सुनहरा अवसर था, जिससे वह अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा वापस पा सके। परन्तु उन्होंने ऐसा ना करके यह सिद्ध कर दिया कि इनसे मूर्ख प्राणी संसार में कहीं ना होंगे।

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