‘पास लेकर दिल्ली से हरियाणा पहुंच रहे हैं कोरोना संदिग्ध’, हरियाणा के गृहमंत्री ने केजरीवाल को गुस्से में चिट्ठी लिखी

हरियाणा में सिर्फ 289 मामले हैं और दिल्ली में लगभग 3000

कोरोना जैसी महामारी के समय में भी कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री ऐसे हैं जो अपना पल्ला झाड़ने के लिए दूसरे राज्यों को निशाना बना रहे हैं। उनमें से ही एक है अरविंद केजरीवाल। केजरीवाल पर तबलीगीयों पर कोई एक्शन नहीं लेने का आरोप तो पहले ही लग चुका है, अब यह आरोप लग रहे हैं कि दिल्ली से आने वाले तबलीगी जमात की वजह से उनके प्रदेश में कोरोना फैला। अब केजरीवाल तबलीगीयों को हरियाणा भेज रहे हैं जिससे कोरोना के मामले बढ़ जाएं। बता दें कि हरियाणा में कोरोना अभी तक काबू में है और भारत में से सबसे अच्छे राज्यों में से एक रिकॉर्ड वाला राज्य है। 

हरियाणा सरकार ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर कोरोना वायरस रोकने के उनके प्रयासों पर पानी फेरने का आरोप लगाया है। हरियाणा सरकार में स्वस्थ्य मंत्री अनिल विज ने पत्र लिख कर आरोप लगाया है कि दिल्ली की वजह से हरियाणा में कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं उनका कहना है कि दिल्ली में नौकरी करने वाले हरियाणा के लोग पास बनवाकर रोजाना वहां आते हैंऐसे लोग कोरोना कैरियर बने हुए हैं। विज ने कहा, पहले तबलीगी जमात के लोग दिल्ली से हरियाणा आए, जिसमें से 120 कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसके अलावा उन्होंने दावा किया है कि सोनीपत में 9 ऐसे लोगों को कोरोना हुआ, जो दिल्ली से हरियाणा आए थे। अब बहुत सारे ऐसे लोग जो दिल्ली में नौकरी करते हैं और रहते हरियाणा में, वे रोजाना पास बनाकर आते हैं। ऐसे लोग कोरोना कैरियर बन रहे हैं।“

‘थोक में पास बांट रहे दिल्ली सरकार’

अनिल विज ने दिल्ली सरकार से अपील की है कि वो हरियाणा में रहने वाले अपने कर्मचारियों को पास जारी न करें, बल्कि उनके लिए दिल्ली में ही रहने की व्यवस्था कर दें। विज ने कहा, “हमने दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर सील कर दिए हैं। किसी को भी आने-जाने की इजाजत नहीं है। लेकिन केंद्र सरकार की एडवाइजरी के चलते पास वाले शख्स को नहीं रोका जा सकता है। लोग हरियाणा में प्रवेश करते हैं क्योंकि उनके पास दिल्ली सरकार की तरफ से जारी किए गए पास हैं और एमएचए दिशानिर्देशों के अनुसार हम सिस्टम को बदनाम नहीं कर सकते। दिल्ली सरकार को भी पास जारी करने में संयम बरतना चाहिए।”

हरियाणा के स्वस्थ्य मंत्री अनिल विज ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपने कर्मचारियों को दिल्ली में ही ठहराने की व्यवस्था करने के लिए कहा है।

बता दें, हरियाणा की तुलना में दिल्ली में काफी ज्यादा कोरोना केस हैं। दिल्ली में तीन हजार कोरोना मरीज हैं और यहां वायरस से 54 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं हरियाणा में कुल अभी तक 289 मामले सामने आए हैं, इसमें 176 लोग ठीक भी हो चुके हैं। हालांकि, तीन लोगों की मौत भी हुई है।

हरियाणा में, दिल्ली के पड़ोसी जिलों में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। अब तक, गुड़गांव (51), फरीदाबाद (45), पलवल (34), सोनीपत (20) और पंचकुला (18) सबसे बुरी तरह प्रभावित जिले हैं।

मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में, हरियाणा ने बहुत ही कुशलता से लॉकडाउन का पालन किया है और यही वजह है कि राज्य में अब तक मामलों की संख्या बहुत कम है। डॉक्टरों के वेतन को दोगुना करते हुए, खट्टर सरकार ने मेडिकल कर्मचारियों को भी तौफा दिया है जिन्होंने COVID -19 के खिलाफ राज्य में अच्छा काम किया है।

वहीं दूसरी ओर, केजरीवाल सरकार कोरोना के समय में भी राजनीति ही करती रह गयी और कोरोना के मामले तेजी से बढ़े। तब्लीगी जमात मरकज़ जैसी घटना दिल्ली सरकार की पोल खोल चुका है। मामले सामने आने के बाद भी, सरकार ने मरकज में भाग लेने वालों के खिलाफ सख्ती नहीं दिखाई।

वहीं केजरीवाल ने दिल्ली यूपी के बार्डर पर प्रवासी मजदूरों को DTC बस से छोड़ने का आदेश दे दिया था जिसके बाद UP-दिल्ली बार्डर पर लाखों की भीड़ इकट्ठा हो गयी थी जिससे कोरोना फैलने का चांस बढ़ गया था। अरविंद केजरीवाल ने कोरोना जैसी विपदा के समय में भी अपनी गंदी राजनीति नहीं छोड़ी है और लगातार तुष्टीकरण करते रहे हैं। 

Exit mobile version