“मैं चीन से नहीं हूँ, ताइवान से हूँ”, “मैं कोरिया से हूँ, Fu*k china”, “मैं मलेशिया से हूँ, चीन से नहीं” ताइवान ने पूर्वी एशियाई देशों के उन नागरिकों के लिए इन कोट्स के साथ T-Shirts बनाई है जो अपने आप को चीन से जोड़कर देखे जाने को पसंद नहीं करते हैं। चीन पर ताइवान के इस T-SHIRT प्रहार से चीन की भी साँसे फूल चुकी हैं और चीनी मीडिया ने इसको लेकर ताइवान की निंदा की है और साथ ही यह दावा किया है कि सोशल मीडिया पर इन T-shirts की आलोचना की जा रही है, जबकि सच्चाई यह है कि यह विचार सोशल मीडिया पर कई लोगों को पसंद आ रहा है।
बता दें कि सोशल मीडिया पर इन T-Shirts को यह कहकर बेचा जा रहा है कि “अगर आप एशिया से हैं और अपने आप को चीन से हटकर दिखाना चाहते हैं, तो आप ये T-Shirt खरीद सकते हैं”। ताइवान के लोगों की इस मुहिम को देखकर चीनी मीडिया को भयंकर मिर्ची लगी हुई है। global times ने कल एक लेख लिखकर इस मुहिम की निंदा की और कहा कि विदेशों में रहने वाले चीनी नागरिकों को इससे और भी ज़्यादा खतरा बढ़ जाएगा। हालांकि, ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में एक सही तथ्य भी प्रकाशित किया और वह यह था कि “चीन के नागरिकों को विदेशों में दो मुसीबतों का एक साथ सामना करना पड़ रहा है। एक मुसीबत है कोरोनावायरस और दूसरी मुसीबत है उनके खिलाफ हो रहे नस्लभेदी हमले”। यह बात सच है कि पिछले कुछ समय में दुनियाभर में चीन विरोधी मानसिकता को बढ़ावा मिला है और इसका सबसे बड़ा कारण चीन ही है।
अगर चीन ने समय रहते कोरोना के बारे में दुनिया को बता दिया होता और इसे काबू करने के लिए सही कदम उठाए होते, तो आज यह वायरस दुनिया में इस कदर तबाही नहीं मचा रहा होता। इसी कारण दुनियाभर के लोगों में चीन के खिलाफ गुस्सा बढ़ा है और इस गुस्से के कारण कई जगहों पर चीनी नागरिकों पर हमले भी हो रहे हैं। ऐसी खबरें देखने को मिल रही हैं कि चीनी लोगों पर अमेरिका में थूका जा रहा है और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। ऐसे में डर बढ़ गया है कि चीन के नागरिकों जैसे दिखने वाले कोरिया, मलेशिया और जापान के लोगों पर ही ऐसे ही हमले हो सकते हैं, ताइवान के लोगों ने ऐसे लोगों के लिए ही ये T-Shirts बनाई हैं।
ताइवान इससे पहले भी कई तरीकों से चीनी सरकार के नाक में दम कर चुका है। ताइवान ने हाल ही में यह घोषणा की है कि जिन भी देशों में कोरोना से सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है, उन देशों को वह 10 मिलियन मास्क दान में देगा। ताइवान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह सक्रियता दिखाना चीन को बिलकुल भी नहीं भा रहा है। ऐसे में ताइवान ने चीन को आँखें दिखाने के लिए अब इस नए विचार की सहायता ली है, जिसे काफी पसंद भी किया जा रहा है। ताइवान ने अपने प्रतिकूल वातावरण में चीन के दबाव को सहकर जिस प्रकार कोरोना से टक्कर ली है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए, उतनी कम है।