16 घंटे काम, लगातार मीटिंग्स और नो आराम- अमित शाह चुप-चाप देश को कोरोना से बचाने में लगे हैं

दहाड़ने वाला नेता इन दिनों चुप-चाप कोरोना को निपटा रहा है

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वुहान वायरस ने देश में कोहराम मचाकर रख दिया है. भारत सरकार, प्रदेश सरकार से लेकर आम लोग तक इस लड़ाई में अपना योगदान दे रहे हैं. इसके साथ ही देश के गृहमंत्री अमित शाह जोकि इन दिनों कम ही दिखाई दे रहे हैं, उन्होंने भी जबरदस्त तरीके से मोर्चा संभाला हुआ है.

एक ओर जहां गृह राज्य का मंत्री नित्यानंद राय और जी किशन रेड्डी 24 घंटे मंत्रालय में उपस्थित रहते हैं, तो वहीं अमित शाह भी बिना विशेष लाइमलाइट के अपना काम करते ही जा रहे हैं। यदि भारत में इतने दिनों ले बाद भी वुहान वायरस अपने चरम सीमा पर नहीं आ पाया है, तो उसका प्रमुख कारण है पर्दे के पीछे गृह मंत्रालय, विशेषकर अमित शाह की सक्रियता।

द प्रिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री पिछले दस दिनों से दैनिक दिनचर्या के बाद प्रतिदिन ऑफिस आते हैं, और वे अब घर पर एक कंट्रोल रूम के माध्यम से दिशा निर्देश नहीं भेजते।

एक विश्वसनीय सूत्र के अनुसार अमित शाह रोजमर्रा के काम से खाली होने के बाद एक मीटिंग लेते है और हर क्षेत्र के समस्याओं का डेली अपडेट पर चर्चा करते हैं। फिर वे साढ़े आठ बजे ऑफिस पहुंच कर अजय भल्ला (गृह सचिव) के साथ बैठक करते हैं।

सच कहें तो यदि भारत का मॉडल वुहान वायरस से निपटने में सक्षम रहा है, तो उसका पूरा श्रेय गृह मंत्रालय और उनके वर्तमान मंत्रियों को जाता है। गृह मंत्रालय ने हाल ही में निर्णय लिया था कि उनके द्वार सदैव खुले रहेंगे और जी किशन रेड्डी या नित्यानंद राय में से कोई एक व्यक्ति सदैव उपस्थित रहेगा।

इसके पीछे प्रमुख कारण है गृह मंत्री अमित शाह की सक्रियता, जिसने सुनिश्चित किया की गृह मंत्रालय कभी भी बंद ना दिखाई दे। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को साथ लेकर चलना हो, समस्याओं का निवारण करना हो, या फिर  उपद्रवियों पर कार्रवाई ही क्यों ना करनी हो, गृह मंत्रालय हमेशा सेवा में उपस्थित दिखी।

हालांकि यह निर्देश स्पष्ट रूप में जारी नहीं हुआ है, परन्तु पिछले कुछ दिनों से दोनों मंत्री काफी सक्रिय रहे हैं। दोनों डे नाइट शिफ्ट में काम कर रहे हैं, ताकि गृह मंत्रालय हमेशा खुला रहे। इन दोनों ये अलावा पूरे समय केंद्रीय गृह मंत्रालय सचिव अजय भल्ला भी काफी सक्रिय दिखे हैं। वे अवकाश के दिन भी ऑफिस में सक्रिय रहे हैं।

इतना ही नहीं, जब पुलिस दंगाइयों को पकड़ने में ढील देने लगी, तो अमित शाह दिल्ली पुलिस को दिल्ली में दंगे भड़काने वालों के विरुद्ध युद्ध स्तर पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वुहान वायरस से मोर्चा संभालने के कारण ये लड़ाई ठंडे बस्ते में डाल दी गई, जिससे अमित शाह काफी असंतुष्ट नजर आए। फलस्वरूप दिल्ली पुलिस ने काफी तगड़ी कार्रवाई करते हुए एक दिन में ही 800 से ज़्यादा उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है।

जनसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार- जब दिल्ली पुलिस के वर्तमान प्रमुख एसएन श्रीवास्तव ने उन्हें जब हालातों से अवगत कराया, तो अमित शाह ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि स्थिति कैसी भी हो, कार्रवाई नहीं रुकनी चाहिए। मंत्रालय का यह जवाब तब आया जब क्राइम ब्रांच की कुछ टीम घर से ही काम करना शुरू कर चुकी थी, जिसके कारण कई जगह गिरफ्तारियां कम हो गई थी।

इतना ही नहीं, जब भारत की लड़ाई में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रोड़ा बनते नजर आई, तो यह अमित शाह ही थे, जिन्होंने मोर्चा संभालते हुए ममता की जमकर धुलाई की। अब राज्य में लॉकडाउन के नियमों को पालन करने के लिए उन्होंने BSF जवानों की तैनाती भी कर दी है, जिससे दीदी काफी नाराज हैं।

लॉक डाउन की सफलता के लिए गृह मंत्रालय की सक्रियता काफी अहम है। कानून व्यवस्था से लेकर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति तक सभी प्रकार की आवश्यकता हेतु गृह मंत्रालय पूरी तरह तैयार है। इससे एक बार फिर अमित शाह ने सिद्ध कर दिया किं कैसे वे देश को हर प्रकार के संकट से निकालने हेतु प्रतिबद्ध है।

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