‘पहले हमारे नागरिकों को भेजो तभी हम तुम्हारे नागरिकों को छोड़ेंगे’, छोटे से अफ्रीकी देश ने चीन को धमकी दी

गिनी ने चीन को दिखाई उसकी औकात

अफ्रीकन मीडिया के मुताबिक चीन के लोगों को पश्चिमी अफ्रीका के एक छोटे से देश “गिनी” द्वारा बंदी बना लिया गया है। कारण यह है कि लगातार चीन से अफ्रीका के लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया जाना, उन्हें जबरदस्ती मार-पीट कर क्वारंटाइन किए जाने की खबरें मीडिया में आ रही थीं। इसलिए अब गिनी की सरकार ने अपने देश में रह रहे चीनी नागरिकों को तब तक बंदी बना लिया है, जब तक उनके देश के सभी नागरिक चीन से सकुशल वापस नहीं लौट आते। इससे संबन्धित एक video भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जिसमें कई चीनी लोगों को बंधक बनाया हुआ देखा जा सकता है। इस video को यह कहकर शेयर किया जा रहा है कि अगर अफ्रीका के लोग सकुशल वापस नहीं लौटते हैं, तो चीन को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

https://youtu.be/0P62pBxXbhE

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स यह दावा कर रहीं हैं कि यह कदम गिनी की सरकार द्वारा उठाया गया है, क्योंकि लगातार गिनी के नागरिकों को चीन में निशाना बनाया जा रहा है। बता दें कि पिछले कई दिनों से चीन से ऐसी खबरें आ रही थीं कि अफ्रीका और काले रंग के लोगों के साथ चीन में अत्याचार किया जा रहा है। अफ्रीका के लोगों को “कोरोना वायरस” कहकर पुकारा जा रहा है और उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक अफ्रीका के लोगों को जबरदस्ती घर से बाहर निकाला जा रहा है और उन्हें जबरदस्ती क्वारंटाइन किया जा रहा है, वो भी सड़कों पर! क्वारंटाइन के नाम पर अब कई अफ्रीकी सड़कों पर रातें गुजारने को मजबूर हो चुके हैं। यहाँ तक कि कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी अफ्रीका के लोगों को किसी भी होटल और घर में घुसने नहीं दिया जा रहा है।

यही कारण है कि अब गिनी में इस प्रकार चीन के लोगों को बंधक बना लिया गया है। हालांकि, गिनी पहला ऐसा अफ्रीकी देश नहीं है जहां पर इस प्रकार चीन-विरोधी गतिविधि देखने को मिली हो। इससे पहले हमें केन्या में भी यह देखने को मिल चुका है। हाल ही में चीन के अत्याचारों के जवाब में केन्या के एक सांसद ने केन्या में मौजूद सभी चीनी नागरिकों को तुरंत देश छोड़ने के लिए कह दिया था। चीन में अफ्रीका के लोगों की पिटाई की videos पर प्रतिक्रिया देते हुए केन्या के सांसद मोसेस कुरिया ने कहा था “सभी चीनी नागरिकों को हमारे देश से चले जाना चाहिए, वो भी तुरंत! जो वायरस तुमने वुहान की लैब में बनाया, उसके लिए तुम अफ्रीका के लोगों को दोष कैसे दे सकते हो? जाओ अभी निकलो तब और भी कई सांसदों ने केन्या के इस सांसद का समर्थन किया था। केन्याई सांसद चार्ल्स जगुआ ने मोसेस का समर्थन करते हुए फेसबुक पर लिखा थाअफ्रीकन लोगों के साथ चीन में जो हो रहा है, मैं उसकी निंदा करता हूं। मैं केन्या के लोगों से यह कहने से पीछे नहीं हटूंगा कि बाइबल का अनुसरण करते हुए उन्हें आंख दिखाने वालों को पलटकर आंख दिखाने से पीछे नहीं हटना चाहिए

इन सब घटनाओं से भविष्य में अफ्रीका और चीन के सम्बन्धों में गहरा तनाव देखने को मिल सकता है। अफ्रीका में पहले ही चीन के महत्वाकांक्षी BRI प्रोजेक्ट की वजह से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के खिलाफ गुस्सा है, अब कोरोना ने इसे और बढ़ा दिया है। यही कारण है कि अब अफ्रीका से हमें ऐसी खबरें देखने को मिल रही है।

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