तबलीगी वाले अपने ठिकानों पर मचाकर रखते हैं भयंकर गंदगी, इसीलिए कोरोना बुलेट ट्रेन की रफ्तार से फैला

गंदे बर्तन में खाना, गंदे पानी में हाथ धोना तबलीगी वालों के लिए कोई नयी बात नहीं

तबलीगी जमात

एक तरफ जहां देश कोरोना से लड़ने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ तबलीगी जमात ने कोरोना का आतंक मचा रखा है। India Today की रिपोर्ट के अनुसार देश में कोरोना के कुल मामलों का लगभग 30 प्रतिशत मामला तबलीगी जमात से है जो दिल्ली निज़ामुद्दीन में हुए जलसे से लौटे हैं। बताया जा रहा था कि मरकज़ में 9000 से अधिक लोग आए थे। आखिर क्या कारण रहा कि इतनी बड़ी संख्या में इन जामतियों को कोरोना हो गया? इसका सबसे प्रमुख कारण है इनका गंदा रहन-सहन। एक ही थाली में बारी बारी से 20-25 लोगों का खाना, 1-2 बाथरूम इस्तेमाल करने जैसी आदत ने कोरोना को बड़ी संख्या में फैलने का मौका दिया। यह हम नहीं कह रहे बल्कि उन्हीं जमातियों में शामिल होने वाला एक शख्स कह रहा है।

स्वराज्य मैगजीन की एक रिपोर्ट के अनुसार तेलंगाना से दिल्ली के मरकज़ में शामिल होने वाले व्यक्ति ने बात की और इसका खुलासा किया। उस व्यक्ति ने अपना नाम न छापने की शर्त पर तबलीगी जमात के बारे में भी बताया कि कैसे यह संस्था काम करती है और क्या सिखाती है। उसने तबलीगी का कट्टरपंथ सिखाने पर ज़ोर दिया।

उसने बताया कि तबलीगी इस्लाम का बेहद ही orthodox तरीका अपनाने को कहता है। लेकिन सबसे अहम बात जो उस व्यक्ति ने बताई वह मरकज़ में रहने वाले लोगों के गंदे रहन सहन के बारे में था। उसने बताया कि जब एक बाद एक मरकज के लोगों के कोरोना पॉज़िटिव होने की खबर आने लगी तो उसे हैरानी नहीं हुई।

उसने कहा कि अगर वहाँ एक व्यक्ति को भी कोरोना होगा तो ये सभी में फैलने की गारंटी है। इसका कारण उसने समझाते हुए बताया कि एक ही बर्तन में है लोग खाते हैं। वे एक बड़ी थाली ले लेते हैं और फिर एक साथ 4-5 लोग खाना खाते हैं, और फिर जब पहले ग्रुप का खाना खतम हो जाता है तो उसी बर्तन में दूसरा ग्रुप खाने बैठ जाता है। इसी तरह से एक ही बर्तन में उसी तरह से 6-7 ग्रुप खाना खाता है।

यह सोचने वाली बात है कि एक ही बर्तन में 30 से अधिक लोग खाना खाते हैं। अगर एक को भी कोरोना है तो इस वायरस का फैलना निश्चित है।

यही नहीं उसने बताया कि मरकज में बाथरूम भी काम ही होते हैं और यह किसी को पता नहीं होता है कि कितने लोग शामिल होने वाले हैं क्योंकि जमाती आते-जाते रहते हैं। उसने आगे बताया कि अगर किसी को बाथरूम जाना है तो उसे एक से आधे घंटे इंतज़ार करना ही पड़ता है इतनी भीड़ होती है। उसने यह भी बताया कि मरकज में बाथरूम इंडियन स्टाइल का होता है जो हमेशा दुर्गंधित रहता है।

इसी से मरकज़ में रहने वालों की गंदगी का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे हालात में तो किसी को भी 100 बीमारियाँ होने का शत प्रतिशत चांस बढ़ जाएगा। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार दिल्ली स्वास्थ्य सेवा की DG डॉ नूतन मुंडेजा का कहना है कि मरकज़ वाले एक ही बर्तन और बाथरूम का इस्तेमाल करते थे तो कोरोना का फैलना कोई हैरानी की बात नहीं है।

तेलंगाना के उस व्यक्ति ने यह भी बताया कि एक छोटा सा पानी से भरा स्विमिंग पूल जैसा स्थान होता है जहां वे सभी वजू करते हैं। मुस्लिमों में वजू नमाज से पहले किया जाने वाला सफाई की प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें नमाज़ी अपना अपना चेहरा, हाथ और पैर धोता है।

अब तक तो सभी को समझ आ ही गया होगा कि तबलीगी जमात के लोगों में कोरोना के मामले क्यों बढ़ते ही जा रहे हैं। सरकार कोशिश कर रही है कि सभी को ढूंढा जाए और इलाज किया जाए लेकिन ये जमाती इतने गंदे हैं कि ये quarantine में रहते हुए भी डॉक्टरों पर थूक रहे हैं और वहाँ भी एक साथ नमाज पढ़ रहे हैं तथा गंदगी फैला रहे हैं। अगर कोरोना से बचना है तो इन्हें सबसे पहले साफ सफाई सिखनी होगी। यह सिर्फ इन्हीं के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए है। सच कहें तो तबलीगी जमात के कट्टरपंथियों ने इस प्रकरण से सिद्ध कर दिया कि उनके लिए मानवता एक मज़ाक से ज़्यादा कुछ नहीं है और यदि आवश्यकता पड़े, तो वे पूरे देश को खतरे में डालने को भी तैयार है।

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