कोरोना महामारी ने वैश्विक संगठन WHO की निष्क्रियता के बारे में कई बाते पुष्ट कर दी है। इसके साथ ही यह भी दिखा दिया है कि कैसे ये संगठन चीन के सामने घुटने टेक चुका है और उसी की तरफदारी कर रहा है। अब एक बात और निकल कर सामने आ रही है और वह है कि WHO जितना खर्च सदस्य देशों में मेडिकल किट के लिए उपयोग करता है उससे दोगुना खर्च ट्रैवल पर करता है। यानि इसके अफसर घूमने में अधिक रुपये खर्च करते हैं।
The World Health Organization spends twice as much on travel as it does on medical supplies, according to its most recent financial report#WHO https://t.co/oBxjy2WMtp
— अभिनव (@abhinavpratap_s) April 1, 2020
WHO की वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार WHO अपने 2018 के कुल बजट में से 8 प्रतिशत सिर्फ घूमने और आने जाने पर खर्च करता है। जबकि रिपोर्ट के अनुसार मेडिकल सप्लाइ और अन्य सहायता के लिए सिर्फ 4 प्रतिशत खर्च करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, “कुल यात्रा खर्च का 45% स्टाफ यात्रा के लिए था, बाकी गैर–स्टाफ यात्रा के लिए था, मुख्य रूप से सदस्य राज्यों द्वारा नामित participants से मिलने के लिए।“
यह पहली बार नहीं है जब WHO को उसके ट्रैवल खर्चों के लिए सवालों के घेरे में हो। The Associated Press की वर्ष 2017 की एक रिपोर्ट के अनुसार “WHO ने नियमित रूप से ट्रैवल खर्चों पर प्रति वर्ष लगभग 200 मिलियन डॉलर खर्च किए हैं, जो कि एड्स, TV और मलेरिया सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य की सबसे बड़ी समस्याओं से लड़ने के लिए उपयोग किए जाने वाले खर्च से अधिक है।“ उस दौरान WHO ने एड्स और हेपेटाइटिस पर लगभग 71 मिलियन डॉलर खर्च किए थे वहीं इसने मलेरिया के लिए 61 मिलियन डॉलर खर्च किया था। TV जैसे रोग के प्रसार को धीमा करने के लिए, WHO ने 59 मिलियन डॉलर का खर्च किया था। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि WHO के अधिकारी किस तरह से बीमारियों से लड़ने में कम और घूमने में अधिक खर्च करते हैं।
इसी रिपोर्ट के अनुसार 2013 से 2017 तक WHO ने यात्रा के लिए 803 मिलियन डॉलर खर्च किया था।
कई बार वरिष्ठ अधिकारियों ने आंतरिक रूप से शिकायत की है कि United Nations के कर्मचारी नए नियमों को तोड़ते हैं, जो यात्रा के व्यय पर अंकुश लगाने के लिए बनाए गए थे। उदाहरण के लिए वे फाइव-स्टार होटलों में रुकना चाहते हैं तो वहीं बिज़नेस क्लास हवाई जहाज के टिकट पर यात्रा करना चाहते हैं।
इस संगठन को चिकित्सा आपूर्ति पर अधिक खर्च करना चाहिए था क्योंकि मेडिकल सप्लाइ की कमी के कारण ही कई देश कोरोनोवायरस की महामारी झेल रहे हैं। WHO एक वैश्विक इकाई हो सकता है, लेकिन यह संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के करदाताओं द्वारा दिये गए योगदान के माध्यम से ही वित्त पोषित है। WHO का बजट इसके 194 सदस्य देशों के करदाताओं के योगदान ही वित्त पोषित होता है, जिसमें अमेरिका का सबसे बड़ा योगदान है।
अब तो अमेरिका के एक सीनेटर Rick Scott ने अमेरिकी कांग्रेस में सुनवाई के लिए भी कहा कि क्या अमेरिका को WHO का वित्त पोषण जारी रखना चाहिए। संयुक्त राज्य अमेरिका WHO के वार्षिक बजट का लगभग 15% योगदान देता है, जो किसी भी अन्य WHO सदस्य से कहीं अधिक है। और जिस तरह से WHO के अधिकारी घूमने में अधिक खर्च करते हैं और चीन की तरफदारी करते हैं उससे अमेरिका पूरी तरह से नाराज है। यह हैरान कर देने वाली बात है कि जिस संगठन का काम ही बीमारियों के बारे में बताना और सदस्य देशों की मदद करना है उसके अधिकारी घूमने पर अधिक खर्च करते हैं बजाए मेडिकल सुविधा प्रदान करने के।
एक बार फिर से इस संगठन की निष्क्रियता सभी के सामने आ चुकी है। इसकी फंडिंग रोक कर इसे प्रतिबंधित कर देना चाहिए।