न्यूक्लियर टेस्टिंग का आरोप लगाकर चीन पर भयंकर प्रतिबंध लगाने वाला है अमेरिका

अमेरिका

चीन और अमेरिका शुरू से ही एक दूसरे के धुर-विरोधी रहे हैं। कोरोना से पहले ट्रेड वॉर के चलते दोनों देशों के बीच तनाव पहले ही सांतवे आसमान पर था, अब कोरोना के आगमन ने इसे और भी भड़का दिया है। अमेरिका में कोरोना ने तबाही मचा रखी है। वहाँ लगभग 6 लाख 70 हज़ार लोग इस वायरस से ग्रसित हो चुके हैं, जबकि लगभग 35 हज़ार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अमेरिका लगातार चीन पर इसका जिम्मा थोप रहा है क्योंकि चीन ने शुरू में इस वायरस की गंभीरता को लेकर दुनिया से कई महत्वपूर्ण तथ्य और आंकड़े छिपाये। अब अमेरिका ने दुनियाभर से दबाव झेल रहे चीन पर एक और बड़ा आरोप लगाया है। अमेरिका ने कहा है कि चीन ने प्रतिबंधित भूमिगत न्यूक्लियर परीक्षण किए हैं, जो कि अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों और संधियों के विरुद्ध है। अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए जा रहे इन बड़े आरोपों से यह बड़े संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही अमेरिका चीन पर बेहद कड़े प्रतिबंध लगा सकता है।

दरअसल, अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को कहा कि हो सकता है कि चीन ने सीटीबीटी संधि (व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि) का पालन करने के दावे के बावजूद गुप्त रूप से कम क्षमता का परमाणु परीक्षण विस्फोट किया हो। चीन के परमाणु परीक्षण स्थल लोप नूर पर पिछले साल काफी हलचल देखी गई थी, जिसके चलते अमेरिका के मन में ये संदेह उठ रहा है कि उसने परमाणु परीक्षण किया होगा। बता दें कि सीटीबीटी एक बहु पक्षीय संधि है जिसमें किसी भी जगह पर सैन्य एवं नागरिक उद्देश्य के लिए परमाणु विस्फोट पर रोक है। ऐसा हो सकता है कि चीन ने ये परीक्षण पिछले वर्ष या वर्ष 2018 के आखिर में किए हों, लेकिन अमेरिका द्वारा इस मुद्दे को कोविड-19 के दौरान उठाना यह संकेत देता है कि अभी अमेरिका चीन पर चारों ओर से गहरा दबाव बनाना चाहता है।

जब से वुहान वायरस ने अमेरिका में अपने पांव पसारे हैं, तभी से अमेरिका चीन को कठघरे में लाने के लिए दिन रात एक किए जा रहा है। हाल ही में रिपब्लिकन पार्टी के सांसद टेड क्रूज़ ने यह निर्णय लिया था कि सदन के दोबारा खुलते ही वह चीन से सम्बंधित हर वो व्यक्ति, जिसने वुहान वायरस से संबंधित आवश्यक जानकारी छुपाई है, उसे कठघरे में खड़ा करेगा। अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से टेड क्रूज़ ने बताया था कि वे कैसे चीनी अफसरों और राजनयिकों को वुहान वायरस से संबंधित जानकारी छुपाने के अपराध में “एंडिंग चाइनीज मेडिकल सेंसरशिप एंड कवर अप एक्ट 2020” के अन्तर्गत कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का प्रावधान रखेंगे।

चीन के लिए सबसे बुरी खबर यह है कि अमेरिका की दोनों बड़ी पार्टियां यानि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट अब काफी हद तक सहमत हैं कि कोरोना वायरस महामारी के फैलने की जिम्मेदारी चीन की है, और अब चीन के ऊपर किसी अन्य मुद्दे पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। वे चाहते हैं कि अमेरिकी सरकार चीन पर व्यापारिक प्रतिबंध लगाकर सख्त से सख्त एक्शन ले। इसी एक्शन के लिए तो अब अमेरिकी सरकार ने ज़मीन तैयार करना शुरू कर दिया है। वुहान वायरस की वजह से चीन विरोधी गुस्से की वजह से अपना खूब उबाल रहे अमेरिका को चीन पर कार्रवाई करने के लिए और भी ज़्यादा बहाने चाहिए और न्यूक्लियर टेस्ट का मुद्दा अमेरिका को सही वक्त पर मिला है। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि जैसे ही दुनिया से वुहान वायरस का प्रकोप खत्म होगा, अमेरिका चीन पर सख्त से सख्त प्रतिबंध लगा सकता है।

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