‘आप लोग भारत में ज्यादा सुरक्षित हैं’, भारत में फंसे चीनी छात्रों को चीन के Top Medical Expert की सलाह

अमेरिकी नागरिकों के बाद चीनियों ने भी माना कि भारत ज्यादा सुरक्षित है

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कोरोना को लेकर भारत सरकार की प्रतिक्रिया इतनी शानदार रही है कि अब चीन के एक्सपर्ट्स भी भारत की तारीफ कर रहे हैं और वे भारत में फंसे अपने छात्रों से कह रहे हैं कि वे सब भारत में सुरक्षित हैं। दरअसल, बुधवार को चीन की एम्बेसी ने भारत में फंसे चीनी छात्रों और चीन के एक टॉप मेडिकल प्रोफेसर झांग वेंहोंग के बीच एक video conference का आयोजन किया था, जिसमें इस चीनी प्रोफेसर ने चीनी छात्रों को यह यकीन दिलाया कि वे भारत में पूरी तरह सुरक्षित हैं। झांग ने चीनी छात्रों से कहा

“मैंने एक बार देखा कि भारत में एक धार्मिक जमावड़े में किसी ने भी मास्क नहीं पहना हुआ, भारत वालों में कोविड-19 को लेकर शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता तो नहीं है, लेकिन मानसिक तौर पर सभी भारतीय इससे निपटने के लिए तैयार हैं”।

आगे झांग ने छात्रों से यह भी कहा कि भारत के लोग शांत दिमाग वाले होते हैं। उन्होंने बताया कि “भारत में कोरोना के मामले बहुत कम हैं और सभी चीनी भारत में सुरक्षित हैं। झांग के मुताबिक-

“हम देख रहे हैं कि हाल ही में भारत में कोरोना के मामले बढ़े हैं। भारत में मामले बढ़ तो रहे हैं, लेकिन उनके बढ़ने की रफ्तार बहुत कम है, क्योंकि भारत अमेरिका जैसे देशों की तुलना में एक बहुत बड़ा देश है”।

आखिर में झांग ने चीनी छात्रों को कहा कि भारत में किसी भी सूरत में कोरोना के मामले 10 प्रतिशत से ज़्यादा नहीं बढ़ेंगे, और आपके आसपास 90 प्रतिशत लोग वायरस के संक्रमण से सुरक्षित ही रहेंगे। बता दें कि भारत में लॉकडाउन घोषित होने के बाद से ही ये चीनी छात्र यहाँ फंसे हुए हैं और यही कारण है कि अब चीनी राजदूत ने इनकी बात चीन में मौजूद टॉप एक्सपर्ट्स से कराई है। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि भारत सरकार के समय रहते कदमों की बदौलत ही भारत में इस वायरस का संक्रमण इतने कम लोगों तक फैला है।

ऐसा इसलिए क्योंकि भारत ने चीन और हॉन्ग कॉन्ग से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग करना 18 जनवरी को ही शुरू कर दिया था, जबकि 30 जनवरी को जाकर भारत में पहला कोरोना का केस मिला था। 3 फरवरी को भारत ने सभी चीनी नागरिकों के वीज़ा रद्द कर दिये थे।

इसके बाद भारत ने फरवरी महीने के अंत आते-आते लगभग सभी देशों से आने वाली फ्लाइट्स के यात्रियों की स्क्रीनिंग करना शुरू कर दिया था और उसके बाद मार्च के अंत में तो देशभर में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था। दुनिया इस बात को मानती है कि भारत ने कोरोना की रोकथाम के लिए सबसे पहले कदम उठाए, इसीलिए आज यहाँ केस इतने कम हैं।

इसीलिए तो जब भारत में फंसे अमेरिकी नागरिकों को वापस ले जाने के लिए अमेरिकी सरकार ने एयरप्लेन भेजे तो उन्होंने अपने देश जाने साफ मना कर दिया। तब 1300 में से मात्र 10 अमेरिकी ही अपने देश जाने को तैयार हुए थे। बाकी का मानना था कि भारत जैसी सुविधाएं उन्हें शायद ही अमेरिका में मिले।

भारत सरकार ने कोरोना से निपटने में जिस सक्रियता का परिचय दिया है, उसकी तो वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गनाइज़ेशन भी तारीफ कर चुका है। मोदी सरकार ने जिस प्रकार इस विपदा के समय में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है, उसी का कारण है कि अब विदेशी एक्सपर्ट्स भी भारत पर अपना विश्वास जता रहे हैं।

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