हाल ही में पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए ‘वोकल फॉर लोकल’ पर जोर दिया था. उन्होंने अपने संबोधन में देशवासियों से अपील की थी कि वे लोकल चीजों का ज्यादा प्रयोग करें. कुल मिलाकर देशवासियों को उनका एक ही संदेश था कि अब से नागरिकों को ना सिर्फ देश में बने सामानों का उपयोग करना है, बल्कि उसे प्रोमोट भी करना है। अब खबर आ रही है कि पीएम मोदी के इस पहल पर देश की बड़ी-बड़ी स्वदेशी कंपनियां अपनी कमर कस चुकी हैं.
दरअसल, पीएम मोदी के संबोधन के बाद बड़ी कंज्यूमर कंपनियां जैसे- ITC, पारले प्रॉडक्ट्स, अमूल, डाबर, बिसलरी, गोदरेज, मैरिको और वोल्टा ने वोकल फॉर लोकल के तर्ज पर टीवी, समाचार पत्रों में विज्ञापन देने जा रही हैं. ये पहल विदेशी कंपनियों के लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं साबित होने वाला.
इसी थीम के बारे में देश की सबसे बड़ी कंपनी डाबर के सीईओ मोहित मल्होत्रा कहते हैं-
‘हमने स्वदेशी के संदेश के साथ डिजिटल मीडिया और टीवी, खासतौर से न्यूज चैनल्स पर विज्ञापन करना शुरू किया है। इस बात की काफी संभावना है कि मेड इन इंडिया फैक्टर का लोगों के खरीदारी करने के निर्णय पर असर पड़ेगा। वोकल फॉर लोकल कैंपेन में आयुर्वेद सरीखे भारत के परंपरागत ज्ञान का फायदा उठाने की क्षमता है।‘
इसी तरह देश की एक और बड़ी कंपनी ITC ने भी पीएम मोदी के पहल को रफ्तार देने का काम किया है. सिगरेट से लेकर कंज्यूमर गुड्स तक का उत्पादन करने वाली ITC ने एक बयान में कहा- ‘’हम मेक इन इंडिया पर जोर देते रहेंगे. आशीर्वाद आटा, सनफीस्ट बिस्कीट और विवेल साबुन को हम पीएम मोदी के कैंपेन मेक इन इंडिया के तहत ही बनाते रहेंगे.‘’
ITC के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बी सुमंत कहते हैं-
‘ITC ने इंडियन ब्रैंड्स का दमदार पोर्टफोलियो तैयार करने में जमकर इन्वेस्ट किया है। हमारे इस पहल से लाखों किसानों को सपोर्ट मिलता है और बड़े पैमाने पर लोगों की रोजी-रोटी का इंतजाम होता है। हमने 25 इंडियन ब्रैंड्स बनाए हैं।‘
अमूल डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए कमर कस रहा है
अब बात स्वदेशी की हो तो अपना देसी अमूल कैसे पीछे रह सकता है. पूरे भारत में दूध के उत्पाद के लिए मशहूर अमूल ने पीएम मोदी के वोकल फॉर लोकल वाले अभियान की बड़ाई की. कंपनी के एमडी आरएस सोढ़ी ने कहा-
‘’हम भी पीएम मोदी के अभियान को बढ़ावा देंगे. हम तो पिछले तीन दशकों से इसी थीम पर काम कर रहे हैं. भारतीय उपभोक्ता तो ज्यादातर लोकल फूड ब्रैंड्स को ही पसंद करते हैं क्योंकि यह उनके टेस्ट के मुताबिक ताजा और किफायती होता है. इस पहल से बाजार हिस्सेदारी जबरदस्त उछाल के साथ बढ़ेगी.’’
देसी पारले जी विदेशी नेस्ले को टक्कर देगा
पीएम मोदी के स्वदेशी अभियान में पारले कैसे पीछे रह सकता है. देश की सबसे पुरानी बिस्किट कंपनी पारले ने कहा- पारले-जी, हाइड ऐंड सीक जैसे कई चर्चित उत्पादों को हमनें स्वदेशी वाले थीम पर ही प्रचारित करने का निर्णय लिया है. अब आगे भी इसी तरह हम स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए सभी प्लेटफॉर्मों का सहारा लेंगे.
तो विदेशी HUL की विदाई कर देंगे भारतीय ब्रैंड्स?
अब आपको पता चल ही गया होगा कि अगर ये कंपनियां पीएम मोदी के वोकल फॉर लोकल वाले थीम पर अपने प्रोडक्स को बढ़ावा देने लगेंगी तो विदेशी कंपनियों का क्या हाल होगा. दरअसल, आपने ध्यान दिया होगा कि वाटिका शैंपू और रेड टूथपेस्ट बनाने वाली डाबर का मुकाबला कोलगेट पामोलिव और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड सरीखी मल्टीनैशनल कंपनियों से है।
इसी तरह पारले जी, ITC के सनफीस्ट और पतंजली के खाद्य प्रोडक्ट का मुकाबला नेस्ले जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों से हैं. बता दें कि नेस्ले डेरी मिल्क, मंच, किटकैट, मैगी, मिल्क पाउडर, कॉफी इत्यादि प्रोडक्ट्स बनाती है, ऐसे में इनको इंडियन ब्रैंड्स से जबरदस्त टक्कर मिलने वाली है.