“घर के भेदी-ऑस्ट्रेलिया ढाए” स्कॉट मॉरिसन की चीन विरोधी लड़ाई को उसके अपने लोग ही कमजोर करने में लगे हैं

ऑस्ट्रेलिया वालों! अभी मौका है- जागो और लड़ो!

ऑस्ट्रेलिया

कोरोना ने दुनिया की Geopolitics को हमेशा के लिए बदल कर रख दिया है। जो कभी दोस्त हुआ करते थे, आज एक दूसरे के सबसे बड़े दुश्मन बन चुके हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है ऑस्ट्रेलिया और चीन! कोरोना ने इन दोनों देशों के आपसी रिश्तों पर सबसे ज़्यादा प्रभाव डाला है। आलम यह है कि चीन ने जहां ऑस्ट्रेलिया पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिये हैं, तो वहीं Australia वैश्विक चीन-विरोधी गुट का नेतृत्व करता दिखाई दे रहा है। ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन खुलकर चीन को ललकार रहे हैं और चीन को सबक सिखाने की बात कर रहे हैं। Australia के स्कॉट मॉरिसन आज खुलकर वो बात कर रहे हैं, जिसको कहने की आज शायद ही किसी राष्ट्राध्यक्ष में हिम्मत हो! हालांकि, उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती घर के बाहर नहीं, घर के अंदर ही जन्म लेती दिखाई दे रही है।

आज ऑस्ट्रेलिया और वहाँ की सरकार कितना भी चीन विरोध क्यों न दिखा ले, लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं है कि चीन का Australia के अंदर अत्यधिक प्रभाव है। ऑस्ट्रेलिया की कई राज्य सरकारों से लेकर देश की कई युनिवर्सिटियों में चीन का बेहद गहरा दख्ल रहता है। पिछले कुछ दिनों में घटी कुछ घटनाएँ इस बात का सबूत पेश करती हैं।

उदाहरण के लिए हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की Queensland University द्वारा एक 20 वर्षीय छात्र को सिर्फ इसलिए सस्पैंड कर दिया गया, क्योंकि वह खुलकर चीन के विरोध में अपने विचार प्रकट कर रहा था। Drew Pavlou नामक उस छात्र ने अब ऑस्ट्रेलिया के supreme court में इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की है। Drew Pavlou के मुताबिक उन्हें तिब्बत, हाँग-काँग से जुड़े कई संगठनों से समर्थन हासिल हुआ है और इसके साथ ही सरकार और कुछ सांसदों ने भी उसका समर्थन किया है, लेकिन सिर्फ उसकी यूनिवर्सिटी उसके पीछे हाथ धोकर पड़ी है, और इसका कारण है कि ऑस्ट्रेलिया की इस यूनिवर्सिटी पर चीन का बहुत ज़्यादा influence है।

जैसे-जैसे ऑस्ट्रेलिया में चीन विरोध बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे Australia की सरकार में BRI का विरोध भी बढ़ता जा रहा है। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के ही कुछ राज्य BRI पर Australia की केंद्र सरकार का विरोध करते दिखाई दे रहे हैं।

उदाहरण के लिए वर्ष 2018 में ऑस्ट्रेलिया के Victoria राज्य ने चीन के BRI प्रोजेक्ट के लिए चीनी सरकार के साथ MOU पर हस्ताक्षर किए थे और इसके तहत आने वाले सालों में BRI के तहत Victoria में कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को विकसित किया जाना था। हालांकि, अब जब Australia और चीन के रिश्ते इतने खराब हो चुके हैं, तो भी Victoria के premier Daniel Andrews BRI से हाथ पीछे खींचने को राज़ी नहीं हो रहे हैं। उनके मुताबिक Victoria में BRI के बाद नई नौकरियाँ और उद्योग पैदा होंगे। हालांकि, केंद्र सरकार के मंत्री और सांसद Victoria के premier को बार-बार चेतावनी जारी कर रहे हैं कि चीन भविष्य में BRI के जरिये ऑस्ट्रेलिया में दखलंदाजी कर सकता है।

चीन और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार संबंध बेहद मजबूत रहे हैं। कोरोना से पहले ऑस्ट्रेलिया के कुल एक्स्पोर्ट्स का 30 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा चीऩ को ही एक्सपोर्ट होता था, यानि जितना एक्सपोर्ट Australia कुल मिलाकर भारत, अमेरिका, जापान और साउथ कोरिया को करता है, उतना सामान तो Australia केवल चीऩ  को एक्सपोर्ट करता था। वर्ष 2017-18 में चीऩ को ऑस्ट्रेलिया ने 123 बिलियन डॉलर से ज़्यादा का एक्सपोर्ट किया था। चीन के साथ अगर आपके रिश्ते मब्ज़ूत हैं, तो वह आप पर अपना प्रभाव तो बढ़ाएगा ही। आज चीन अपने उसी प्रभाव का इस्तेमाल कर Australia की चीन विरोधी लड़ाई को कमजोर करने में लगा है।

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