ब्राज़ील में उठी “जय ताइवान” की गूंज, चीन ने ब्राज़ील को ताइवान से दूर रहने को कहा, अब मुंह की खाई

चीन के विरुद्ध ब्राज़ील ने भी मोर्चा संभाला

ब्राज़ील

चीन इस बार गुंडई करते हुए  रंगे हाथों पकड़ा गया है। ब्राज़ील के सांसदों ने ताइवान का समर्थन करने के लिए चीन द्वारा दी जा रही धमकियों को हल्के में ना लेकर चीन के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। ब्राज़ील के सांसद पाउलो एडुआर्डो मर्टोंस ने एक पत्र की फोटो छापते हुए बताया कि कैसे चीन ब्राज़ील को दबाने का प्रयास कर रहा है।

इस पत्र में ब्राज़ील के सांसदों को चेतावनी दी गई कि वे ताइवान को बधाई के संदेश ना भेजे। बता दें कि ताइवान की राष्ट्रध्यक्ष साई इंग्वेन ने भारी बहुमत से आम चुनाव में विजय प्राप्त की थी।

चीन की इस तरह की गुंडई से ब्राज़ील बुरी तरह बौखलाया हुआ है। चीन की धमकी से आग बबूला ब्राजीली चीन के विरुद्ध ट्विटर पर अपना आक्रोश जता रहा था। लाखों ब्राज़ील के नागरिक #VivaTaiwan के नाम से ट्वीट कर चीन की हेकड़ी का मुंहतोड़ जवाब देने लगे।


अपनी पैर पर कुल्हाड़ी मारना शायद चीन से बेहतर कोई नहीं जान पाएगा। ब्राज़ील के इस सख्त कदम के प्रति ताइवान के विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से पाउलो एडुआर्डो मार्टिन्स का आभार जताया –

पर ब्राज़ील का इतने से मन नहीं भरा था। एक के बाद एक कई ट्वीट्स #VivaTaiwan के अन्तर्गत चीन को सबक सिखाने हेतु किए जाने लगे, और जल्द ही #VivaTaiwan एक वैश्विक ट्रेंड बन गया।

https://twitter.com/LOUZADA7/status/1265450539619364865?s=19

https://twitter.com/mvaglio/status/1265103320244461575?s=19

https://twitter.com/b38talkey/status/1265103253274050560?s=19

https://twitter.com/KarlaCo09746974/status/1265093298584268801?s=19

 

 

 

 

स्वयं ताइवान की राष्ट्रध्यक्ष त्साईं इंग्वेन  को भी ब्राजीली जनता का समर्थन स्वीकार करना पड़ा। आभार से परिपूर्ण एक ट्वीट करते हुए वे कहती हैं, “ब्राज़ील में हमारे सभी मित्रों का आभार, आशा करती हूं आप सब स्वस्थ और सुरक्षित रहें”।

वुहान वायरस के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने ताइवान को अपना पुरजोर समर्थन दिया है। भारत ने भी इस दिशा में अहम भूमिका निभाई, जब उसने त्साई इंग्वेन के ऑनलाइन शपथ ग्रहण में दो भाजपा सांसदों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। 2016 के अपने व्यवहार के ठीक उलट भारत ने यह अहम निर्णय लेकर सिद्ध कर दिया कि चीन से दबने वालों में भारत नहीं होगा।

जिस तरह का समर्थन ताइवान को ब्राज़ील से मिला है, वह अपने आप में चीन के मुंह पर एक करारा तमाचा हैं। जिस तरह चीनी राजदूत ब्राज़ील को धमकाते हुए पकड़ा गया है, वह अपने आप में चीन के लिए काफी शर्मनाक है। Viva Taiwan का नारा चीन को स्पष्ट संदेश है – स्वतंत्रता से बड़ी कोई शक्ति नहीं है। इस बार ब्राज़ील ने एक अहम संदेश दिया है, और अपनी एकता से सिद्ध किया है कि कैसे किसी भी समस्या को बिना घबराए सुलझाया जा सकता है। अब समय आ चुका है कि ताइवान की स्वतंत्रता के लिए सम्पूर्ण संसार एक हो, ताकि चीन पूरी तरह अलग थलग पड़ जाए, और चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी को समझ आ जाए कि पूरी दुनिया केपी शर्मा ओली या यूरोपीय संघ जितनी चाटुकार नहीं है।

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