राहुल कहते हैं नीरव मोदी केस में BJP दोषी, अब कांग्रेस नेता खुद भगोड़े की तरफ से गवाही दे रहा है

इसको हिप्पोक्रेसी नहीं, दोगलापन कहते हैं!

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कई बैंकों का घोटाला करके हिंदुस्तान से भागे हुए भगोड़े नीरव मोदी का केस अभी लंदन में चल रहा है। कल जब उस केस की सुनवाई चल रही थी जब नीरव मोदी की तरफ से गवाही देने भारत के एक पूर्व जज अभय थिस्पे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ब्रिटिश कोर्ट के समक्ष हाजिर हुए और उन्होंने गवाही देते हुए यह कहा की भगोड़े नीरव के खिलाफ हिंदुस्तान में कोई केस नहीं बनता है, उसके खिलाफ जो भी मामले हैं वो उसे दोषी ठहराए जाने को पर्याप्त नहीं हैं। संक्षेप में कहा जाए तो अभय थिस्पे ने हर तरह से नीरव को बचाने की कोशिश किया।

मामला सिर्फ एक रिटायर्ड जज से जुड़ा हुआ होता राजनीतिक गलियारों में इतनी हंगामे की उम्मीद कम थी परंतु यहां जिस पूर्व जज अभय थिस्पे की बात हो रही है वह राहुल गांधी के काफी करीबी हैं वो 2018 में ही कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे।

अगर याद हो 2019 चुनाव में राफेल के साथ राहुल गांधी का दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा भगोड़े नीरव का देश छोड़कर भागना था और आज वही नीरव मोदी कोर्ट में अपने गवाह के रूप में राहुल गांधी के करीबी को पेश करता है और वह कांग्रेसी जो कि दुर्भाग्य से देश के पूर्व जज भी हैं उसके पक्ष में गवाही देते हैं और उसे बचाने की कोशिश करते हैं।

इस खबर के आने के बाद सोशल मीडिया पर काफी हंगामा होता है। संबित पात्रा समेत भाजपा के कई बड़े नेता इस मामले पर राहुल गांधी और कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं. संबित पात्रा ने ट्वीट कर कहा-

 ‘यहां भारत में राहुल गांधी नीरव मोदी को लेकर सरकार से सवाल पूछते हैं दूसरी तरफ राहुल के खास एवं कांग्रेस के अभय थिप्से (पूर्व जज) नीरव मोदी के पक्ष में गवाह बनते हैं। आखिर क्या है जो राहुल नहीं चाहते कि नीरव भारत आए। उस रात पार्टी में राहुल और नीरव में क्या लेन-देन हुई थी?’

इसी तरह भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री रविशकंर प्रसाद ने कहा-

कांग्रेस ने हर प्रकार से नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को बचाने की कोशिश की। अब जब वो गिरफ्तार हो गए हैं, तो कांग्रेस से जुड़े एक रिटायर्ड जज उनको बचाने की कोशिश में लगे हैं।

गौरतलब है कि राहुल गांधी और नीरव मोदी के कई पुराने फोटोग्राफ पहले से ही सोशल मीडिया पर मौजूद हैं कांग्रेस के पूर्व नेता एवं शहजाद पूनावाला 2018 में ही कोंग्रेस को चैलेंज करते हुए ये दावा किया था कि सितंबर 2013 में राहुल गांधी, इम्पीरियल होटल में भगोड़े नीरव से मिले थे एवं साथ ही दोनों ने “कॉकटेल” पार्टी किया था। यह वही समय था जब नीरव मोदी-मेहुल चौक्सी को बैंकों ने लोन दिया था।

अब यहां राहुल गांधी पर सवाल उठना लाजिमी है क्योंकि पहले तो शहजाद पूनावाला के दावे के अनुसार वो नीरव मोदी को सरकारी बैंकों से लोन दिलवाने का रास्ता साफ करते हैं,फिर जब वह देश छोड़ कर भाग जाता है तब उस मुद्दे का इस्तेमाल प्रधानमंत्री मोदी जी के खिलाफ चुनावी रैलियों में करते हैं और अब जब भारत सरकार भगोड़े नीरव के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है, ब्रिटिश कोर्ट में केस लड़ रही है तो अपने लोगों द्वारा उसको बचाने की कोशिश भी करते हैं।

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