कांग्रेस पार्टी की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। 1000 बसों की सेवा के नाम पर की गई गड़बड़ी के सामने आने के बाद अपनी और पार्टी हाईकमान की साख बचाने के लिए राजस्थान कांग्रेस ने एक बेहद निकृष्ट दांव चला है, जिससे एक बार फिर सिद्ध होता है कि आखिर कांग्रेस क्यों देशभर में हंसी का पात्र बनी हुई है।
राजस्थान की सरकार ने योगी सरकार को 36 लाख रुपए का बिल भेजा है। यह उन बसों का खर्चा है, जिससे कोटा में फंसे हुए उत्तर प्रदेश के विद्यार्थी अपने अपने घर पहुंचे थे। यूपी सरकार ने राजस्थान (कोटा) में लॉकडाउन की वजह से फँसे लगभग 12000 बच्चों के लिए 560 बसें यूपी से भेजी थीं। सरकार ने अनुमान लगाया था कि इतनी बसों में सारे बच्चें आ जाएँगे। मगर सोशल डिस्टेंसिग के नियमों को देखते हुए बसों की संख्या कम पड़ गई,। जिसके लिए राजस्थान सरकार से सहायता लेनी पड़ी। हालांकि, यूपी सरकार ने बिना किसी देरी के राजस्थान सरकार के बिल का भुगतान कर दिया
अब प्रियंका गांधी की साख को बचाने के लिए कांग्रेस ने यह तरीका अपनाया है, जो ना केवल उसकी घृणित सोच को दर्शाता है, बल्कि उसकी पोल और भी खोलता है। जब कोटा से बच्चे यूपी लाए गए, तो राज्य सरकार ने राजस्थान के आवेदन पर तत्काल प्रभाव से 19 लाख रुपए का भुगतान किया था, जो उक्त वाहनों के डीजल में लगा था। अब अगर कांग्रेस के पास श्रमिकों को यूपी भेजने हेतु 1000 से ज़्यादा बस थी, और वे मुफ्त में उन्हें यूपी भेज रहे थे, तो फिर यूपी सरकार से बिल मांगने की क्या आवश्यकता थी?
इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह बिल प्रियंका गांधी के कथित तौर पर हुए अपमान का प्रतिशोध लेने हेतु भेजा गया है।
पर आखिर अपमान किस बात का? दरअसल, प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विटर के माध्यम से योगी सरकार से अपील की कि राजस्थान से 1000 बसें यूपी में श्रमिक भेजने को तैयार हैं।
अब योगी सरकार मना कैसे करती? उन्होंने कांग्रेस पार्टी के प्रस्ताव को स्वीकार भी किया, परन्तु कुछ शर्तों के साथ। उन्होंने उक्त 1000 बसों के ड्राइवर और कंडक्टर के डीटेल्स तुरंत साझा करने की मांग की।
योगी सरकार ने ये मांग यूं ही नहीं रखी। प्रवासी मजदूरों से भरा एक ट्रक जब औरैया में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, तो जांच पड़ताल में पुलिस के सामने कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। मजदूरों को जबरदस्ती राजस्थान प्रशासन ने ट्रकों में ठूंसकर भेजा था, जिसकी पुष्टि कुछ घायल मजदूरों ने भी की थी। इसीलिए योगी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
जल्द ही इस गड़बड़झाले की पोल भी खुल गई, क्योंकि पता चला कि जिन बसों की दलीलें प्रियंका गांधी ने दी थी, वे वास्तव में स्कूटर, निजी गाड़ियां, ऑटो रिक्शा और ब्लैकलिस्ट किये गए बसों के रजिस्ट्रेशन नंबर थे। इस पर योगी सरकार के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने प्रियंका गांधी की पोल खोलते हुए बताया कि इस लिस्ट में बड़ी गड़बड़ी है। कांग्रेस द्वारा सौंपी गई लिस्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने एक वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर के बारे में बताया है। 10 नवंबर 2016 को रजिस्टर हुई वाहन संख्या यूपी83टी1006 की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा है कि ये बस नहीं बल्कि एक थ्री व्हीलर है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने दावा किया है कि कांग्रेस ने राज्य सरकार को जो बसों की लिस्ट दी है, उसमें कई नंबर तिपहिया वाहन, मोटरसाइकिल और कार के हैं। सीएम के सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने इसकी लिस्ट भी जारी की है।
सच कहें तो कांग्रेस ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी नहीं, बुलडोजर चलवाया है, और इसमें कोई दो राय नहीं है कि अपनी साख बचाने हेतु राजस्थान सरकार ने स्वाभिमान का यह ढोंग रचा है। हालांकि, इससे वह अपने गड़बड़झाले को अधिक उजागर कर रहे हैं, क्योंकि इससे अब सभी को पूर्ण विश्वास हो जाएगा कि गलती कांग्रेस से ही हुई थी।