दुनियाभर में Tiktok को बैन करने की मांग तो आए दिन उठती ही रहती है। हालांकि, हाल ही में भारत में कुछ ऐसा हुआ जिसने टिकटॉक की लोकप्रियता को गहरा झटका पहुंचाया। एक तरफ जहां इस चीनी एप्प पर हिन्दू-विरोध, एसिड अटैक और जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा, तो वहीं दूसरी तरफ भारत में #BanTikTok ट्रेंड भी देखने को मिला था, जिसकी वजह से पिछले दो हफ्तों में ही टिकटॉक की रेटिंग 4.5 स्टार्स से गिरकर सिर्फ 1.3 स्टार्स रह गयी थी।
हालांकि, क्या आपको पता है कि इस डूबती चीनी एप्प को बचाने के लिए कौन सामने आया? इसका उत्तर है स्वयं गूगल! अब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि गूगल ने रातों-रात गूगल प्ले स्टोर से लगभग 50 लाख reviews को हटा दिया, जिसके बाद टिकटॉक की रेटिंग में सुधार देखने को मिला। अब टिक टॉक की रेटिंग बढ़कर 2.9 स्टार्स हो चुकी है।
बड़ा सवाल है कि आखिर गूगल tiktok की रेटिंग्स बचाने को लेकर इतनी तत्परता क्यों दिखा रहा है? 16 मई को tiktok की रेटिंग्स 4.5 स्टार्स पर थी, लेकिन जैसे ही YouTube ने influencer Carryminati की एक TikTok विरोधी वीडियो को अपने platform से हटाया, तो लोगों में Tiktok के खिलाफ गुस्सा बढ़ गया। इसके बाद एक तथाकथित tiktok influencer फैजल सिद्दीकी ने महिलाओं के खिलाफ एसिड अटैक्स को बढ़ावा देने वाली एक video को पोस्ट किया जिसको देखते-देखते ही देशभर में पुरजोर विरोध होने लगा।
"Oh he is not throwing acid, he is just throwing a glass of water on the girl's face coz he rejected his advances"
As if it's okay to throw water, Somehow the smaller crimes get normalised. :) pic.twitter.com/33CdctYtGP
— Gabbar (@GabbbarSingh) May 18, 2020
इसके बाद Tiktok की एक और video सोश्ल मीडिया पर वायरल होने लगी जिसमें बलात्कार का महिमामंडन किया जा रहा था। इस वीडियो को लेकर भी लोगों में TikTok के खिलाफ गुस्सा सांतवे आसमान पर चढ़ गया।
Promoting RAPE Now? #TikTok you think you will keep on promoting video’s which will spoil our country’s youth and we will accept it? RT if you support #BanTikTokInIndia #tiktokexposed #tiktokrating #tiktokapp pic.twitter.com/x9nflhPGIl
— MAYANK CHAUDHARY (Modi Ka Parivar 🇮🇳) (@IamMayank_) May 19, 2020
इन सब घटनाओं के बाद देश में ऐसा माहौल बना कि लोगों ने tiktok के ratings की बैंड बजा दी, लेकिन गूगल को यह पसंद नहीं आया, और अब वह टिक टॉक को बचाने के लिए लोगों के reviews का सफाया कर रहा है।
गूगल एक अमेरिकी कंपनी है, जहां पर अभिव्यक्ति की आज़ादी का सम्मान किया जाता है, लेकिन जिस प्रकार गूगल भारत के यूजर्स की अभिव्यक्ति की आज़ादी का दमन करने का प्रयास कर रहा है, उससे तो यही लगता है कि अब गूगल ने भी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का अनुसरण करना शुरू कर दिया है।
Facebook और Twitter पर तो पहले ही कम्युनिस्ट पार्टी का गुणगान करने के आरोप लगते रहते हैं। हाल ही में Twitter ने भी अपने executive board में एक ऐसी चीनी नागरिक को जगह दी है, जिसके कम्युनिस्ट पार्टी के साथ बड़े करीबी संबंध माने जाते हैं। अब सवाल यह है कि आखिर अमेरिका की टेक कंपनियाँ चीन का अनुसरण करने को लेकर इतना उत्साहित क्यों दिखाई देती हैं?
TikTok एक बेहद ही विवादित video प्लेटफॉर्म रहा है, जहां पर जिहाद, आतंकवाद, हिन्दू-विरोध, रेप कल्चर, महिलाओं के विरोधी अपराधों एवं देश-विरोध को बढ़ावा दिया जाता रहा है। गूगल को tiktok से होने वाले अपने आर्थिक लाभ को परे रखकर लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
अगर गूगल वाकई अपने प्लेटफॉर्म पर अभिव्यक्ति की आज़ादी और नैतिक मूल्यों को महत्वपूर्ण समझता है, तो उसे तुरंत Tiktok को गूगल प्ले स्टोर से हटा लेना चाहिए। Tiktok की भारत जैसे देश में कोई जगह नहीं हो सकती।
वर्ष 2019 में मद्रास हाई कोर्ट ने Tiktok द्वारा pornography को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश जारी कर दिया था कि इस एप्प के downloading पर तुरंत रोक लगा देनी चाहिए। बाद में Tiktok ने मद्रास हाईकोर्ट को यह यकीन दिलाया था कि भविष्य में कभी tiktok ऐसे आपत्तिजनक कंटेंट को बढ़ावा नहीं देगा।
हालांकि, आज भी tiktok पर जितनी गंदगी देखने को मिलती है, वह और कहीं नहीं मिलती। गूगल को अपना चीन प्रेम परे रखकर जल्द से जल्द इस एप्प के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।