कल तक प्रियंका के पास 100 बसें थीं, अब वो दुपहिया, ऑटो और ई-रिक्शा भेज रही हैं

बहुत अच्छा योगी जी, आपने मौका तो दिया

प्रियंका

लगता है प्रियंका गांधी की मुसीबतें अभी समाप्त नहीं हुई है। बसों की आवाजाही की मांग कर प्रियंका गांधी ने कांग्रेस की विचारधारा को फिर से जगजाहिर किया है। वो विचारधारा जो मदद की बात तो करती है पर मदद के नाम पर लोगों की भावनाओं का मजाक अवश्य बनाती है।

अब सूत्रों के हवाले से मालूम हुआ है कि जिन बसों की दलीलें प्रियंका गांधी ने दी थी, वे वास्तव में स्कूटर, निजी गाड़ियां, ऑटो रिक्शा और ब्लैकलिस्ट किये गए बसों के रजिस्ट्रेशन नंबर थे। इस पर योगी सरकार के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने प्रियंका गांधी की पोल खोलते हुए बताया कि इस लिस्ट में बड़ी गड़बड़ी है। कांग्रेस द्वारा सौंपी गई लिस्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने एक वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर के बारे में बताया है। 10 नवंबर 2016 को रजिस्टर हुई वाहन संख्या यूपी83टी1006 की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा है कि ये बस नहीं बल्कि एक थ्री व्हीलर है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने दावा किया है कि कांग्रेस ने राज्य सरकार को जो बसों की लिस्ट दी है, उसमें कई नंबर तिपहिया वाहन, मोटरसाइकिल और कार के हैं। सीएम के सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने इसकी लिस्ट भी जारी की है।

इस गड़बड़ी की पुष्टि यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी की है। उनके अनुसार, प्रारम्भिक जांच में ये सामने आया है कि कांग्रेस ने जो सूची दी थी, उसमें रजिस्ट्रेशन नम्बर बसों के ना होकर स्कूटर, तिपहिए वाहन और गुड्स कैरियर के थे।”

बता दें कि यूपी में अपर मुख्य सचिव गृह, अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी के निजी सचिव को पत्र लिख कर कांग्रेस की ओर से भेजी जाने वाली एक हजार बसों का फिटनेस प्रमाण पत्र, रजिस्ट्रेशन नंबर, ड्राइवर और परिचालक का पूरा ब्योरा मांगा था।  इस पत्र में उन्होंने लिखा कि, ’16 मई को सीएम योगी आदित्यनाथ को संबोधित प्रियंका गांधी के पत्र के संबंध में आपसे यह कहना है कि, प्रवासी मजदूरों के संदर्भ में आपके प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है। अविलंब 1000 बसों की सूची चालक-परिचालक के नाम व अन्य विवरण सहित उपलब्ध कराने का कष्ट करें, जिससे इनका उपयोग श्रमिकों की सेवा में किया जा सके।’

जब बस से जुड़े झुठ का पर्दाफाश हुआ, तो प्रियंका गांधी ये सफाई दे रही हैं कि बस अभी राजस्थान से निकली नहीं है। परन्तु पिछले पत्र में प्रियंका कह रही थीं कि सभी बसें निकलने के लिए तैयार हैं!

इसी परिप्रेक्ष्य में योगी सरकार ने भी आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कुछ तीक्ष्ण सवाल पूछते हुए एक ट्वीट थ्रेड पोस्ट किया था जिसमें कहा था कि,

“मजदूरों की मददगार बनने का स्वांग रच रही कांग्रेस से मजदूर भाइयों और बहनों के कुछ सवाल:-

Q 1. जब आपके पास 1000 बसें थीं, तो राजस्थान और महाराष्ट्र से ट्रकों में भरकर हमारे साथियों को उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व बंगाल क्यों भेज रहे हैं?

Q 2: औरैया में हुई दर्दनाक सड़क दुर्घटना से पूरा देश आहत है। एक ट्रक पंजाब से और दूसरा राजस्थान से आ रहा था। क्या कॉन्ग्रेस और प्रियंका गांधी जी इस दुर्घटना की जिम्मेदारी लेंगी ? हमारे साथियों से माफी मांगेंगी?

Q 3: प्रियंका जी कहती हैं कि उनके पास 1000 बसें हैं। यह और बात है कि अब तक इन बसों की सूची तक उपलब्ध नहीं कराई गई, न ही हमारे साथियों की। बसों और हमारे साथियों की सूची उपलब्ध करा दी जाए, जिससे उनके कार्य ट्विटर नहीं धरातल पर दिखें।

Q 4: देशभर में जितनी भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल रही है उनमें से आधी से ज्यादा ट्रेनें उत्तर प्रदेश ही आईं है।

अगर प्रियंका वाड्रा को हमारी इतनी ही चिंता है तो वो हमारे बाकी साथियों को भी ट्रेनों से ही सुरक्षित भेजने का इंतजाम कांग्रेस शासित राज्यों से क्यों नहीं करा रहीं?”

सच कहें तो योगी आदित्यनाथ ने प्रियंका गांधी और कांग्रेस, दोनों की पोल एक साथ खोली है। अभी तक कांग्रेस ने संबंधित बसों की जानकारी सरकार से साझा नहीं की है, जिससे स्पष्ट हो जाता है कि उनके लिए अभी भी उनका घृणित एजेंडा सर्वोपरि है, चाहे नैतिकता की बलि ही क्यों ना चढ़ा दी जाए।

 

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