इस वर्ष 31 मार्च को जब मेडिकल सप्लाई से भरा रूसी विमान अमेरिका में लैंड हुआ था, तो दुनियाभर में इस खबर ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। हालांकि, तब अमेरिका को मेडिकल सप्लाई भेजने वाले रूस में भी अब कोरोना ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। पिछले तीन दिनों से लगातार वहाँ हर रोज़ कोरोना के लगभग 10 हज़ार नए मामले सामने आ रहे हैं। रूस में कोरोना के 1 लाख 55 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं और वहाँ लगभग 1500 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। पिछले महीने की 10 तारीख तक तो रूस में कोरोना की स्थिति सामान्य दिखाई दे रही थी, और वहाँ तब तक सिर्फ 10 हज़ार मामले ही सामने आए थे, लेकिन जिस प्रकार पिछले 20 दिनों में एकदम कोरोना के मामलों का पहाड़ टूटा है, उससे इस बात का शक बढ़ गया है कि रूस ने अब तक दुनिया से कोरोना के मामलों को छुपाया होगा।
जिस चीन के वुहान शहर से कोरोना फैलने की शुरुआत हुई थी, रूस उससे बहुत बड़ा बॉर्डर साझा करता है और जब चीन में कोरोना ने पैर पसारे थे, तो रूस ने अपने इस बार्डर को पूरी तरह सील कर दिया था। हालांकि, रूस में मार्च महीने के अंत तक किसी प्रकार लॉकडाउन या फिर सार्वजनिक जगहों पर social distancing के नियमों को लागू नहीं किया गया था, जिसके दौरान कोरोना जमकर लोगों में फैल गया होगा।
रूस ने शुरू में कोरोना को लेकर बहुत ढीला ढाला रवैया दिखाया, और इसे महामारी मानने से ही इंकार कर दिया। राष्ट्रपति पुतिन इसे लेकर बेफ़िक्र थे और खुलेआम लोगों से हाथ मिलाते नज़र आ रहे थे। लेकिन अप्रैल महीने में आकर रूस ने अपने यहा लॉकडाउन को लागू करने का विचार किया। हालांकि, अब स्थिति बेकाबू होती दिखाई दे रही है।
रूस की राजधानी मॉस्को कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित दिखाई दे रही है, वहाँ हर दिन आ रहे नए मामलों में से अधिकतर मामले मॉस्को में ही पाये जा रहे हैं। अब डर बढ़ गया है कि रूस की मेडिकल सुविधाएं कोरोना के सामने धराशायी भी हो सकती हैं। रूस में डॉक्टरों पर बेहद ज़्यादा दबाव आ गया है और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस में डॉक्टरों की रहस्यमयी तरीकों से मौत भो हो रही है। रूस में अब मरीजों की जांच के लिए पर्याप्त मेडिकल उपकरण उपलब्ध नहीं बचे हैं। इस मौके पर डॉक्टर सरकार की आलोचना कर रहे हैं और इस आलोचना के एवज में उन्हें मौत मिल रही है। पिछले दो हफ्तों में रूस में 3 डॉक्टर अस्पताल की खिड़कियों से बाहर फेंके जाने की खबरें आ चुकी हैं, जिनमें से दो डॉक्टरों की मौत हो गई है। डॉक्टरों के साथ हुए रहस्यमयी हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस बात की संभावना बेहद ज़्यादा है कि रूस ना सिर्फ अपने यहाँ कोरोना से पीड़ित हुए लोगों की संख्या को कम करके दिखा रहा है, बल्कि रूस की मेडिकल सुविधाएं भी अब लड़खड़ा चुकी हैं। डॉक्टरों का इस तरह मारा जाना पुतिन प्रशासन पर कई सवाल खड़े करता है। रूस में स्थिति बेहद चिंताजनक हो गयी है और वहाँ के प्रधानमंत्री तक को कोरोना पॉज़िटिव पाया गया है। रूस का भविष्य अब इस बात पर निर्भर करेगा कि रूस अब इस चुनौती से कैसे निपटता है। रूस की अर्थव्यवस्था पहले ही कमजोर पड़ चुकी है और कोरोना की तबाही को झेलना रूस के लिए अब बेहद मुश्किल साबित होने वाला है।