UP में बड़े सुधारों का फायदा मिलने लगा, जर्मन फुटवियर कंपनी China से Agra में कारखाना शिफ्ट कर रही है

सुधार करो तो कौन नहीं निवेश करना चाहेगा!

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केंद्र सरकार शुरू से ही चीन से बाहर निकल रही कंपनियों को लुभाने के लिए बड़े कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री स्तर पर बैठकों से लेकर विदेशी कंपनियों से लगातार संपर्क साधने तक, मोदी सरकार इन कंपनियों को अपने यहां लाने की कड़ी मशक्कत कर रही है। इसका फायदा अब भारत को होता दिखाई दे भी रहा है। इसी कड़ी में जर्मनी की फुटवियर कंपनी Von Wellx ने अब अपनी production यूनिट चीन से भारत शिफ्ट करना का ऐलान किया है जिससे उत्तर प्रदेश के आगरा में 10 हज़ार नए रोजगार पैदा होंगे।

हाल ही में पीएम मोदी ने देश के नाम अपने सम्बोधन में कहा था कि अब देशवासियों को आत्मनिर्भर बनना होगा और उन्हें भारत में बनी चीज़ें ही खरीदनी होंगी, तो इसके बाद चीन से बाहर आ रही कंपनियों पर गहरा प्रभाव पड़ा है, क्योंकि अगर ये कंपनियाँ भारत में ही अपना सामान बनाती हैं, तो ही इन कंपनियों का सामान भारत के बेहद बड़े बाज़ार में बिक पाएगा। केंद्र सरकार ने अपने स्तर पर इन कंपनियों को लुभाने के लिए कई बड़े सुधार भी किए हैं।

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत एक विशाल लैंड पूल विकसित कर रहा है, ताकि वह चीन से निकलने वाली विदेशी कम्पनियों को भारत लुभा सके। इसके लिए देशभर में 45,0000 से ज़्यादा हेक्टेयर क्षेत्र को चिन्हित भी कर लिया है। ये भूमि गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश जैसे आर्थिक दृष्टि से अहम राज्यों में स्थित भी है। इन राज्यों में ना केवल विदेशी कम्पनियों को लुभाने की क्षमता है अपितु यहां भूमि अधिग्रहण के लिए अधिक समस्या भी नहीं होगी।

उदाहरण के लिए आंध्र प्रदेश अमेरिकी, जापानी और कोरियाई कंपनियों के साथ बातचीत में जुटा है। मोदी सरकार को इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करना है कि भूमि के लिए आवश्यक अधिग्रहण और अन्य कार्यों में कोई बाधा ना उत्पन्न हो। हम सभी ने देखा है कि कैसे वामपंथी बुद्धिजीवियों और उनके सुनियोजित विरोध प्रदर्शनों के कारण महाराष्ट्र और तमिलनाडु में कई अहम प्रोजेक्ट या तो ठप पड़ गए हैं या फिर अधर में लटके हैं।

चीन से बाहर आ रही कंपनियों को लुभाने के लिए अभी भारत को सबसे ज़्यादा टक्कर वियतनाम से मिल रही थी, लेकिन मोदी सरकार के इन प्रयासों ने अब भारत को इस दौड़ में वियतनाम को कहीं पीछे छोड़ दिया है। पीएम मोदी ने भारत के बड़े बाज़ार को हथियार बनाकर वियतनाम पर प्रहार किया है, जिससे अब चीन से बाहर आ रही कंपनी यहां आने का रुख कर रही हैं।

सिर्फ केंद्र सरकार ही नहीं, कोरोना वायरस के कारण चीन से बाहर आ रही कंपनियों को लुभाने के लिए अब हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के अलावा पूर्वोत्तर के राज्य असम ने भी कमर कस ली है। ये सभी राज्य इन कंपनियों को लुभाने के लिए ना सिर्फ रोडमैप तैयार कर चुके हैं, बल्कि विदेशी संस्थाओं के संपर्क में रहकर ये सभी सरकारें यह सुनिश्चित करने में भी लगी है कि यह कंपनियां अधिक से अधिक संख्या में उनके राज्य में ही आएं।

कुल मिलाकर हमारे राज्य भी अपने स्तर पर इन कंपनियों को लुभाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। इसका फायदा भारत को अब मिलना शुरू भी हो चुका है। आने वाले समय में हमें और ऐसी खबरें देखने को मिल सकती हैं।

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