“हम चीन छोड़कर जा रहे हैं”, दुनिया में बढ़ते चीन के विरोध के बीच TikTok ने निकाला बिजनेस बचाने का उपाय

TikTok का जिनपिंग को Bye Bye!

टिक टॉक

टिक टॉक इन दिनों काफी सुर्खियों में है, पर गलत कारणों से। वाहियात कॉन्टेंट को बढ़ावा देने से लेकर आतंकवाद, अश्लीलता और यहां तक कि अनेक प्रकार के अपराध को प्रोमोट करने को लेकर TikTok को भारत में विशेष रूप से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

इसके अलावा टिक टॉक का चीनी एंगल भी उसके लिए मुसीबतों को और अधिक बढ़ावा दे रहा है। अब मीडिया की माने तो टिक टॉक एप चीन के प्रभाव को कम करने के लिए सभी प्रयास करने को तैयार है। रॉयटर्स की रिपोर्ट में लिखा है कि

टिक टॉक का स्वामित्व संभालने वाली कंपनी बाइट दांड जल्द ही अपना बोरिया बिस्तर समेट कर चीन से निकलने वाली है।

दरअसल, बाइट डांस (ByteDance) ने यह निर्णय इसलिए लिया है ताकि वुहान वायरस से उबरने के बाद जब दुनिया भर के देश चीन पर कार्रवाई करें, तो उसकी आंच कम्पनी पर न पड़े। इसीलिए बाइट डांस अपने गैर चीनी उद्योगों को चीन से निकालने के लिए दिन रात एक किए पड़े है। इसी परिप्रेक्ष्य में कुछ हफ्तों पहले डिज्नी कम्पनी के स्ट्रीमिंग प्रमुख केविन मेयर से ना सिर्फ बातचीत की है, अपितु उन्हें बाइट डांस के कुछ कार्यों को संभालने के लिए निमंत्रित भी किया है।

अब बाइट डांस ने यह निर्णय देर से सही, पर सही निर्णय लिया है। उसके टिक टॉक एप पर चीन के लिए काम करने, यूज़र डेटा को चोरी छुपे चीन की सरकारी एजेंसियों को सौंपने के आरोप लगे हैं। ये ना सिर्फ यूजर्स की निजता का हनन है, अपितु कई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बहुत बड़ा खतरा है।

इसके अलावा टिक टॉक पर चीनी प्रभाव इस हद तक है कि चीन की सरकार यह ऑर्डर दे सकती है  कि वह क्या कॉन्टेंट चला सकती है, और क्या नहीं। द गार्जियन ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि कैसे चीन टिक टॉक पर कोई भी ऐसा कॉन्टेंट हटाने की क्षमता रखता है, हो किसी भी स्तर के चीन विरोधी हो ।

इतना ही नहीं, टिक टॉक ने भारत में भी अच्छा खासा बवाल मचाकर रखा है। लड़कियों से दुर्व्यवहार को बढ़ावा देना हो, आतंकवाद का समर्थन करना हो, या फिर धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देना हो, आप बस बोलते जाइए और टिक टॉक पर सब कुछ मिलेगा।

इन्हीं कारणों की वजह से टिक टॉक पर मद्रास हाई कोर्ट ने कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगाया था, क्योंकि इस प्लेटफार्म पर  चाइल्ड पोर्नोग्राफी को बढ़ावा दिया जा रहा था।

ऐसे में जब मद्रास हाइ कोर्ट ने कुछ समय बाद अन्तरिम रूप से प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया, तो टिकटॉक के प्रबन्धकों ने लिखित बयान में यह वादा किया कि वे इस तरह के कंटैंट को बिलकुल भी स्वीकार नहीं करेंगे। परन्तु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, और आज भी टिक टॉक पर वाहियात कॉन्टेंट धड़ल्ले से भारत में स्ट्रीम किया जाता है।

टिक टॉक वैसे भी बेहद अश्लील, फूहड़ और ऐसी भ्रामक खबरें फैलाने का सबसे सस्ता और वायरल माध्यम बन चुका है। विडम्बना तो यह है कि TikTok पर प्रसारित कोई भी वीडियो बहुत ही कम समय में कई लाख लोगों तक पहुंच जाती है। ऐसे में यदि फूहड़ कॉन्टेंट बनाने वालों पर लगाम नहीं लगाई गयी, तो स्थिति हद से ज़्यादा बिगड़ सकती है। इसलिए बाइट डांस ने अपने ऑपरेशन्स चीन से हटाकर सही दिशा में एक अहम कदम लिया है।

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