अमेरिका ने भारत-नेपाल बॉर्डर विवाद और भारत-चीन बॉर्डर विवाद पर खुलकर नई दिल्ली का साथ दिया है। अमेरिका ने चीन पर दक्षिण चीन सागर के साथ-साथ भारत से सटे बॉर्डर पर भी विवाद बढ़ाने का आरोप लगाया है। कोरोना के मामले छुपाने और WHO और चीन की जांच करने के मुद्दे पर अमेरिका और चीन एक दूसरे के आमने सामने आ चुके हैं और ऐसे में अब भारत-चीन बॉर्डर विवाद के मुद्दे पर भी अमेरिका ने चीन को घेरने का प्लान बना लिया है। अमेरिका पिछले कुछ समय से चीन को निशाने पर लेने के बहाने ढूंढ रहा है, तो ऐसे में चीन स्वयं ऐसे विवाद खड़े करके अमेरिका को उसपर हमला बोलने के मौके दे रहा है।
भारत चीन बॉर्डर विवाद के मुद्दे पर बोलते हुए अमेरिकी राजनयिक एलिस जी वेल्स ने कहा “भारत-चीन बॉर्डर पर जारी विवाद को देखते हुए हमें चीनी आक्रामकता को कम करके नहीं आंकना चाहिए। चाहे दक्षिण चीन सागर में विवाद हो, या फिर भारत से सटे बॉर्डर पर तनाव बढ़ाना हो, चीन लगातार दूसरे देशों के खिलाफ आक्रामक रुख दिखा रहा है और उकसावे भरी कार्रवाई कर रहा है। यह दिखाता है कि चीन कैसे अपनी बढ़ती ताकत का गलत इस्तेमाल कर रहा है”। इसके अलावा अमेरिका ने नेपाल को भी नसीहत दी। राजनयिक एलिस वेल्स ने नेपाल को संबोधित करते हुए कहा “हमें उम्मीद है कि नेपाल अपनी संप्रभुता का सम्मान करता है और उसकी विदेश नीति पर चीन का कोई प्रभाव नहीं है”।
The US has also backed India on India-Nepal border dispute.
On a separate matter, the US envoy said "I am confident that the government of Nepal is sovereign, that it does not take dictation from China. It does what is in the best interests of its country". https://t.co/ZSQVszXMu4— Vikrant Singh (@VikrantThardak) May 21, 2020
बॉर्डर पर विवाद के मुद्दे पर भारत को दिये गए अप्रत्याशित अमेरिकी समर्थन से बौखलाए चीन ने भी तुरंत अमेरिका पर पलटवार किया। चीनी विदेश मंत्रालय ने आज एक बयान जारी कर कहा “भारत-चीन विवाद पर अमेरिका का बयान बकवास है और Washington को इससे दूर रहना चाहिए। आगे चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा “चीनी सेना बॉर्डर पर सिर्फ चीन की सीमाओं की रक्षा करने का काम करती है और भारत की ओर से एकतरफा लिए जा रहे कदमों का मुक़ाबला करती है”।
अमेरिका ने हाल ही के बयान से दिखा दिया है कि वह भारत-चीन विवाद के मुद्दे पर भी चीन को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। अमेरिका ने कुछ दिनों पहले ही चीनी कंपनी हुवावे पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, जिसके कारण हुवावे कंपनी पर अस्तित्व का खतरा मंडराने लगा है। चीन और अमेरिका इस मुद्दे पर भी एक दूसरे के आमने-सामने आ चुके हैं। इसके अलावा कल ही अमेरिका के विदेश सचिव माइक पोम्पियो पंचन लामा के मुद्दे पर भी चीन को घेर चुके हैं। अभी भारत-चीन विवाद अमेरिका के लिए किसी नए अवसर से कम नहीं है जिसका अमेरिका भरपूर फायदा उठाना चाहता है। अमेरिका का अभी एक ही मकसद है, कैसे भी करके चीन को घेरा जाये।
दक्षिण चीन सागर में अपनी मिसाइल तैनात करने से लेकर, कोरोना के मुद्दे पर चीन की जांच करने की मांग करने तक, अमेरिका ने चीन पर चारों ओर से हमला बोलना शुरू कर दिया है। इसके अलावा कोरोना के खिलाफ जंग में अमेरिका भारत का साथ भी दे रहा है। हाल ही में अमेरिका ने भारत को वेंटिलेटर दान करने और भारत के साथ मिलकर वैक्सीन की खोज करने का ऐलान किया था। इसके अलावा अमेरिका नई दिल्ली के साथ मिलकर दक्षिण चीन सागर में भी चीन को चुनौती देने का प्लान बना रहा है। कुल मिलाकर कोरोना के समय में भारत और अमेरिका की दोस्ती और मजबूत होती जा रही है, जिससे चीन बुरी तरह चिढ़ा हुआ है।