कल यानि 12 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना के दौरान चौथी बार देश के सामने आए। हालांकि, उनका इस बार का सम्बोधन सबसे अलग था, क्योंकि इस बार उनका सारा फोकस अर्थव्यवस्था पर था। उन्होंने ना सिर्फ 20 लाख करोड़ रुपयों के आर्थिक पैकेज की घोषणा की, बल्कि देशवासियों से आत्मनिर्भर होने के लिए भी कहा। इसके साथ ही उन्होंने लोकल चीजों को प्राथमिकता देने की भी बात कही। कुल मिलाकर देशवासियों को उनका एक ही संदेश था कि अब से नागरिकों को ना सिर्फ देश में बने सामानों का उपयोग करना है, बल्कि उसे प्रोमोट भी करना है। पीएम मोदी के इस कदम से ना सिर्फ क्षेत्रीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इससे विदेशी कंपनियों की लूट-मार में भी काफी कमी देखने को मिलेगी। भारतवासी अगर लोकल कंपनियों और दुकानों को प्राथमिकता देना शुरू कर देंगे, तो इससे एक तरफ लोकल व्यापारियों का काम बढ़ेगा, वहीं दूसरी तरफ अमेज़न और Flipkart (फ्लिपकार्ट) जैसी विदेशी कंपनियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
जब से देश में कोरोना के कारण लॉकडाउन की घोषणा हुई है, तब से देश के लोकल किराना स्टोर्स ने भी देश को चलाये रखा है। अगर देश में इन किराना स्टोर्स का इतना बड़ा नेटवर्क ना होता, तो देशभर में खाने-पीने की चीजों से लेकर ज़रूरी चीजों की बड़ी भारी किल्लत हो जाती। अब देश की सरकार ने भी इन किराना स्टोर्स की ज़रूरत को समझा है और इन्हें सहायता देने के लिए ही नीति बनाई है। जब सरकार ने देश में लॉकडाउन के दूसरे चरण की घोषणा की थी, तो सरकार ने यह साफ कर दिया था कि ई-कॉमर्स कंपनियों को आवश्यक चीजों के अलावा किसी अन्य चीज़ की सप्लाई करने की छूट नहीं दी जाएगी। अब दोबारा सरकार ने इन ई-कॉमर्स कंपनियों को बड़ा झटका दिया है।
मंगलवार को पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा “आपको आज जो ग्लोबल ब्रांड्स लगते हैं वो भी कभी ऐसे ही बिल्कुल लोकल थे। लेकिन जब वहां के लोगों ने उनका इस्तेमाल शुरू किया, उनका प्रचार शुरू किया, उनकी ब्रांडिंग की, उन पर गर्व किया, तो वे प्रोडक्ट्स लोकल से ग्लोबल बन गए। इसलिए, आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए वोकल बनना है, न सिर्फ लोकल प्रोडक्ट्स खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है। आपके प्रयासों ने, तो हर बार, आपके प्रति मेरी श्रद्धा को और बढ़ाया है”।
स्पष्ट है कि सरकार अब ऑनलाइन सेवा प्रदान करने वाली विदेशी कंपनियों की बजाय देसी कंपनियों को प्रोत्साहन दे रही है। भारत में अभी ई-कॉमर्स क्षेत्र में विदेशी कंपनियाँ ही काम कर रही हैं, जिनमें Amazon और Flipkart सबसे बड़ी कंपनियाँ हैं। सरकार इन सब को छोड़कर लोकल कंपनी Jiomart को सहायता देना चाहेगी, जो कि अपने ई-कॉमर्स मॉडल में इन किराना स्टोर्स को प्राथमिकता देता है। Jiomart ने मुंबई में पहले ही इसके ट्रायल शुरू कर दिये हैं और फेसबुक से हुई हाल ही डील के बाद jiomart whatsapp के जरिये भी ग्रामीण बाज़ारों तक पहुँच बनाने की कोशिश करेगा।
लोकल उद्योगों को प्राथमिकता देकर सरकार ने उन्हें वो दिया है, जिसके वो हकदार हैं। कई सालों तक देश में ये ई-कॉमर्स कंपनियाँ नियमों की धज्जियां उड़ाकर कारोबार करती रहीं और देश के लोकल उद्योगपतियों को उसका खामियाजा भुगतना पड़ता रहा, लेकिन अब सरकार सही दिशा में कदम उठा रही है।
पीएम मोदी अब स्वयं निजी तौर पर इन लोकल स्टोर्स के समर्थन में आ चुके हैं। ऐसा पहले भी देखने को मिल चुका है कि जब पीएम मोदी किसी चीज़ के प्रमोशन को अपने हाथों में लेते हैं, तो उस ब्रांड की कायाकल्प हो जाती है। जब पीएम मोदी ने खाड़ी को प्रमोट किया था, तो पूरे देश में खादी की मांग में अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखने को मिली थी। अब पीएम मोदी ने जब इन लोकल स्टोर और ब्रांड को प्राथमिकता दी है, तो इससे विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के दुराचार पर कुछ हद तक रोक लगने की उम्मीद है।