UK की लेबर पार्टी, जिसे पिछले साल लगातार अपने हिन्दू विरोध करने की वजह से चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था, अब उसके रंग-ढंग पूरी तरह बदल चुके हैं। पिछले वर्ष जब लेबर को कंजरवेटिव पार्टी से पटखनी मिली थी, तो पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। अब जो व्यक्ति पार्टी के नए अध्यक्ष बने हैं, उनका मानना है कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है और किसी अन्य देश को उसमें कोई दख्ल नहीं देना चाहिए।
30 अप्रैल को लेबर पार्टी के नए अध्यक्ष सर काइर स्टार्मर और लेबर फ़्रेंड्स ऑफ इंडिया ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा–
“हमें भारतीय उपमहाद्वीप के मामलों को यहाँ उठाकर समुदायों के बीच किसी तरह के मतभेद को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। भारत और कश्मीर में कोई भी मुद्दा भारतीय संसद के तहत आता है और पाकिस्तान और भारत दोनों देशों को शांतिप्रिय ढंग से इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए। ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के लोग इतना योगदान देते हैं, अब हमें उनके साथ दोबारा सहयोग बढ़ाने पर काम करना होगा”।
लेबर पार्टी के अध्यक्ष की ओर से ऐसा बयान आना हैरानी भरा है क्योंकि पिछले साल तक पूर्व लेबर नेता जेरेमी कश्मीर मुद्दे पर बार-बार भारत को आँख दिखा रहे थे। 25 सितंबर 2019 को लेबर पार्टी ने पार्टी कॉन्फ्रेंस में कश्मीर मुद्दे में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप और संयुक्त राष्ट्र के रेफरेंडम की मांग की थी। जब भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था, तो यूके की विपक्षी लेबर पार्टी को इससे बहुत तकलीफ पहुंची थी।
लेबर पार्टी को पाकिस्तान परस्त माना जाता है, क्योंकि ब्रिटेन में बसे पाकिस्तानी मूल के नागरिक आमतौर पर लेबर पार्टी का ही समर्थन करते हैं। इसी पाकिस्तानी परस्ती में लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने जहां कश्मीर को लेकर भारत विरोधी बयान दे डाला था, तो वहीं आधिकारिक तौर पर लेबर पार्टी ने एक प्रस्ताव पारित कर भारत सरकार की निंदा तक कर डाली थी।
इसके बाद ब्रिटेन में मौजूद भारतीय समुदाय ने लेबर पार्टी का जमकर विरोध किया था और पार्टी को मजा चखाने के लिए कंजरवेटिव पार्टी का समर्थन करना शुरू कर दिया था, जिसके बाद चुनावो में लेबर पार्टी को करारी हार मिली थी।
अब लेबर पार्टी के नए अध्यक्ष बने काइर भारत समुदाय को दोबारा अपने समर्थन में करना चाहते हैं। वे जानते हैं कि अगर वे भी भारतीय समुदाय को भड़काने वाला कोई भारत-विरोधी बयान देंगे, तो उनका भी हाल जेरेमी कोर्बिन जैसा ही हो सकता है। ऐसे में अब उन्होंने भारतीय समुदाय के साथ नज़दीकियाँ बढ़ाना ही उचित समझा है।
ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय समुदाय के साथ नजदीकी बढ़ाकर बोरिस जॉनसन पहले ही चुनावों में काफी फायदा उठा चुके हैं। उन्होंने पिछले साल हुए चुनावों से ठीक एक दिन पहले ही कहा था कि वे नया भारत बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाए जा रहे कदमों का समर्थन करते हैं, और प्रधानमंत्री बनने के बाद वे संभवतः अपना पहला दौरा भारत का ही करेंगे।
बता दें कि हाल ही में यूके के पीएम बोरिस जॉनसन ने लंदन स्थिति स्वामी नारायण मंदिर का भी दौरा किया था। वे स्वामी नारायण मंदिर में अपनी पार्टनर कैरी सिमोंड के साथ गए थे और उनके साथ गृह सचिव प्रीति पटेल भी थीं।
अब लेबर पार्टी चाहती है कि वह भी भारतीय समुदाय का समर्थन कर वापस उनसे राजनीतिक समर्थन हासिल कर सके। इसीलिए लेबर पार्टी के रुख में इतना बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अब यह देखना बाकी है कि लेबर पार्टी का रुख कुछ समय के लिए ही है या फिर वह हमेशा के लिए अब कश्मीर मुद्दे को भुलाने का फैसला ले चुकी है।