पश्चिम बंगाल में लगातार कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहे हैं, मौत के आंकड़ें भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. टेस्टिंग को लेकर भी ममता सरकार चौतरफा घिरी हुई है. इसके साथ ही ममता बनर्जी प्रवासी मजदूरों को भी घर वापस नहीं आने दे रही हैं. इसी बात पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दीदी पर हमला बोला है.
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर बोला है कि पश्चिम बंगाल को अभी 105 ट्रेन रोजाना चलाने की आवश्यकता है, वहीं अगले 30 दिनों के लिए उन्होंने सिर्फ 105 ट्रेनों की ही लिस्ट तैयार की है लेकिन मौजूदा समय में बंगाल सरकार ने सिर्फ 8 ट्रेनों के संचालन की अनुमति दी है। यह बंगाल के कामगारों के साथ क्रूर मजाक है कि वहां की सरकार उन्हें खुद के घर जाने के लिए सुविधा नहीं दे रही है।
दरअसल, मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए रेलवे रोजाना कई ट्रेनें चला रही हैं, कुछ राज्य युद्ध स्तर पर अपने मजदूरों की घरवापसी करवा रहे हैं, लेकिन बंगाल की ममता सरकार हैं कि उन्हें अपने नागरिकों को वापस बुलाने में कोई दिलचस्पी नहीं है. केंद्र सरकार के लाख कहने पर भी ममता सरकार नहीं सुन रही है.
हाल ही में गृह मंत्रालय ने ममता सरकार को चिट्ठी लिखकर कोरोना से जुड़े कई मुद्दों पर नाराजगी जाहिर की थी, वहीं अब रेल मंत्री पीयूष गोयल ने प्रवासी मजदूरों के विषय पर पश्चिम बंगाल सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
रेल मंत्री ने कहा है-
“मेरे कल के बयान के बाद पश्चिम बंगाल जगी है और सात श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में बंगाल के मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। मैं वहां की सरकार से अपील करता हूं कि अधिक संख्या में ट्रेन चलाने की अनुमति दे।“
West Bengal is required to run 105 trains daily, while there's unconfirmed news that they've prepared list of permission for only 105 trains for next 30 days. It's cruel joke with workers of West Bengal that govt there's not giving them facility to go to their homes: Piyush Goyal https://t.co/tk4mLZ5M8s
— ANI (@ANI) May 14, 2020
रेल मंत्री ने कहा कि, “बंगाल के लिए रोजाना लगभग 105 ट्रेन चलाने की जरूरत है। जहां तक मेरी जानकारी है, वहां की सरकार ने पूरे 30 दिन में 105 ट्रेन चलाने की अनुमति देने जा रही है। यह पश्चिम बंगाल के मजदूरों के साथ क्रूर मजाक है।”
इसी बात को उन्होंने ट्वीट भी किया और उनका यह ट्वीट ममता बनर्जी के ट्वीट के जवाब में आया था।
I feel sad that while there is a need for 105 trains/day to bring back migrants to WB, the State is accepting only 105 trains over 30 days. I once again hope for the sake of Bengali brothers & sisters in different parts of the country, that WB will accept them back with open arms
— Piyush Goyal (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyal) May 14, 2020
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि ‘प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए 1200 ट्रेन तैयार हैं। परंतु कई राज्य सरकारें कम ट्रेनों को अनुमति दे रही हैं।‘
रेलमंत्री ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि अभी तक पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने पिछले हफ्ते की घोषणा के मुताबिक 8 ट्रेनों को भी चलाने नहीं दिया था। उन्होंने कहा कि ‘मैं प.बंगाल सरकार से अपील करता हूं कि इस संकट में हमारे मजदूर भाईयों के हितों के बारे में कुछ सोचें और उनके लिए श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने की अनुमति दें।’
यही नहीं उन्होंने उत्तर प्रदेश की तारीफ करते हुए कहा कि रेल मंत्री ने कहा, “उत्तर प्रदेश ने 15 दिन से भी कम समय में 400 ट्रेनों को मंजूरी देकर अपने प्रवासी मजदूरों को घर तक पहुंचाया। इस तरह की सक्रियता दिखाने की बजाय पश्चिम बंगाल की सरकार मजदूरों को घर जाने से रोक रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने ममता को एक पत्र लिखकर इस बारे में उन्हें अपनी नाराजगी से अवगत कराया है। उनका कहना है कि उन्हें बंगाल के प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए राज्य सरकार से सहयोग नहीं मिल रहा है।
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने भी चिट्ठी लिख कर ममता बनर्जी और पश्चिम बंगाल सरकार के प्रति नाराजगी जताई थी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि पश्चिम बंगाल की सरकार प्रवासी मजदरों को लेकर आ रही ट्रेनों को अपने यहां आने की इजाजत नहीं दे रही है। उन्होंने आगे कहा था कि यह प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय है और इससे उनकी मुश्किलें और बढ़ेंगी।
लॉकडाउन के बाद देश के अलग अलग हिस्सों से मजदूरों के गंतव्य शहरों तक केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों का संदर्भ देते हुए, गृह मंत्री ने पत्र में कहा कि केंद्र ने दो लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने की सुविधा की गयी है। पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिक भी घर पहुंचने के लिए बेचैन हैं और केंद्र सरकार ट्रेन सेवाओं की सुविधा भी दे रही है। लेकिन उसे राज्य सरकार से सहयोग नहीं मिल रहा है।
केंद्र सरकार ने कोरोना के मामले पर ममता बनर्जी को कई बार सहयोग करने के लिए फटकार लगा चुके हैं। लेकिन फिर भी ममता बनर्जी लोगों को भूखमरी से मारने पर तुली हुई हैं।
इस बार पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अब रेल मंत्री भी राज्य सरकार पर बहुत कम ट्रेनों की अनुमति देने के लिए ममता को आड़े हाथों लिया हैं। अब देखने वाली बात होगी कि ममता बनर्जी के कानों में जूं रेंगता है या नहीं। अगर नहीं तो केंद्र सरकार को ममता के खिलाफ एक कड़ा निर्णय लेना ही होगा।