ऐसा लगता है कि सोनिया गांधी का असली नाम लेने के कारण महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार रिपब्लिक मीडिया के खिलाफ खुलकर मैदान में उतर चुकी है। रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी से 12 घंटे से अधिक पूछताछ के बाद अब मुंबई पुलिस ने कल मीडिया कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी से लंबी पूछताछ की और यह पूछताछ 5 घंटे से अधिक देर तक चली।
इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को उन लोगों द्वारा लगातार निशाना बनाया जा रहा है जिन्हें फासिस्ट प्रवृत्ति के लिए जाना जाता है। कुछ लोग इसे फासिस्ट बैकग्राउंड भी कह सकते हैं।
राजनीतिक ताकत का गलत इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है उसका नमूना महाराष्ट्र में ही देखने को मिल रहा है जहां कोरोना से निपटने के बजाए सरकार अर्नब गोस्वामी को के खिलाफ बदले की राजनीति में जुटी हुई है।
अगर ऐसा नहीं है तो आखिर एडिटर अर्नब द्वारा सोनिया को उनके असली नाम से ऑन एयर बुलाने के कारण कंपनी के वित्तीय अधिकारी, एस सुंदरम को क्यों बुलाया जाता? बता दें कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के मुख्य वित्तीय अधिकारी, एस सुंदरम को महाराष्ट्र के एक कांग्रेस नेता के इशारे पर मुंबई के एनएम जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन से ‘पूछताछ’ के लिए बुलाया गया था जो 5 घंटे से भी अधिक समय तक चला।
One of India’s top media professionals, our CFO S Sundaram is being interrogated by the Mumbai Police since this morning. Here’s our statement on media queries: pic.twitter.com/hE3CD5Jg0s
— Republic (@republic) May 2, 2020
एक मीडिया कंपनी द्वारा ऑन एयर क्या बोला जा रहा है उसका एक वित्तीय अधिकारी से क्या लेना देना? यहाँ पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा बदले की राजनीति स्पष्ट रूप से दिखाई देती है कि कैसे वह रिपब्लिक मीडिया परेशान करना चाहती है।
बेवजह कटघरे में खींचे गए CFO एस सुंदरम ने कहा–
“हमने यह सुनिश्चित किया है कि हम मुंबई पुलिस के साथ पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे और हमने ऐसा ही किया। मुझे आज (मुंबई पुलिस द्वारा) कंपनी के बैकग्राउंड बारे में पूछा गया था। कुछ सवाल कार्यक्रम के रिकॉर्डिंग के बारे में किया गया था कि यह कैसे रिकॉर्ड किया गया और प्रसारित किया गया। मुझसे पालघर पर कुछ भी सवाल नहीं किया गया।“
सोनिया गांधी का ऑन एयर असली नाम लेने के चलते 12 घंटे अर्नब से पूछताछ हुई थी
बता दें कि पिछले हफ्ते सोमवार को, रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के चीफ एडिटर और एमडी, अर्नब गोस्वामी से भी लगातार 12 घंटे तक पूछताछ ’की गई थी। और कारण था पालघर में साधुओं पर हमले को उन्होंने एक बड़ी आपराधिक साजिश का हिस्सा बताया था। महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार पुलिस बल को अपने लाभ के लिए एक मात्र साधन बना लिया है।
महा विकास अघाड़ी, जिसमें कांग्रेस, NCP और शिवसेना शामिल हैं, ये सभी मिलकर महाराष्ट्र में प्रेस की आज़ादी को कुचलने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। रिपब्लिक मीडिया के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से यह तो पता चल गया कि कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस के राज में कोई एक शब्द भी नहीं कह सकता नहीं तो उनके चाटुकार परेशान करने के लिए हमला से लेकर पुलिस तंत्र तक का इस्तेमाल करेंगे।
पुलिस का सहारा लेकर प्रेस को कुचलने की तैयारी
यह सवाल अभी तक समझ नहीं आया कि मुंबई पुलिस को पूछताछ के लिए रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीएफओ को क्यों बुलाना पड़ा? क्या मुंबई पुलिस को वित्तीय धोखाधड़ी के आधारहीन आरोपो पर लिए सवाल करने की ताकत दी गयी है? आखिर एस सुंदरम से उन्होंने किस आधार पर पूछताछ की? क्या वे देश को इस सवाल का जवाब देने का प्रयास करेंगे? बिलकुल नहीं, क्योंकि उन्होंने अपने नए राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए शायद ईमानदारी पीछे ही छोड़ आए हैं।
CFO का टीवी शो से कोई मतलब नहीं रहता फिर क्यों पूछताछ?
पूछताछ पूरा होने के बाद CFO के बयान से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस को पालघर लिंचिंग मामले में दिलचस्पी नहीं थी, बल्कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के वित्तीय जानकारी के बारे में थी। यहाँ यह समझना आवश्यक है कि महाराष्ट्र की सरकार अब पुलिस का उपयोग कर मीडिया नेटवर्क के वित्तीय जानकारी को इकट्ठा करने के लिए कर रही है। सोचने वाली बात यह है कि अब सरकारें बेवजह मीडिया घरानों के शीर्ष अधिकारियों को पुलिस स्टेशन बुलाकर परेशान कर सकती हैं और उनसे महत्वपूर्ण जानकारी निकाल सकती है जिसे बाद में मीडिया हाउस के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सके।
महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार का अर्नब पर हमले करवा कर मन नहीं भरा और अब वह उनके खिलाफ इधर उधर से जानकारी जुटाने में लगी है जिससे अर्नब को और परेशान किया जा सके।
सोनिया गांधी और उनके मंत्री अर्नब गोस्वामी की आवाज को दबाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अर्नब गोस्वामी पहले की तुलना में और अधिक मजबूत तथा प्रखर बन कर उभरेंगे।