MSMEs और Real Estate को ध्यान में रखते हुए, वित्तमंत्री ने अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए 6 लाख करोड़ दिया

भारत विकास को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह तैयार है

MSMEs

प्रधानमंत्री के सम्बोधन के एक दिन बाद कल यानि 13 मई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कोंफेरेंस कर देश के सामने 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज से संबन्धित सभी जानकारी सहित देश की अर्थव्यवस्था को उबारने का ब्लूप्रिंट सामने रखा। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री का सबसे ज़्यादा फोकस मध्यम वर्ग के बिजनेस यानि MSMEs पर था, जो देश में सबसे ज़्यादा रोजगार प्रदान करते हैं, लेकिन कोरोना के समय में इनके ऊपर ही सबसे ज़्यादा दुष्प्रभाव पड़ा है। MSMEs के साथ ही वित्त मंत्री ने real estate सेक्टर पर भी फोकस किया जिसे दो महीनों के लॉकडाउन के समय सबसे ज़्यादा नुकसान झेलना पड़ा है।

कल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीतारमण ने MSMEs के लिए बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ रुपये के लोन देने की घोषणा की, जिसका लगभग 45 लाख MSME फायदा उठा सकेंगे। इसकी समय-सीमा 4 वर्ष की होगी और 12 महीने तक मूलधन भी नहीं चुकाना होगा। अभी सरकार ने इस लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित नहीं की है, और आने वाले दिनों में ब्याज दर की घोषणा भी की जा सकती है। सरकार ने साथ में MSMEs की परिभाषा को भी और ज़्यादा विस्तृत कर दिया है ताकि सरकार के इन फैसलों का अधिक से अधिक बिजनेस फायदा उठा सकें।

Agriculture सेक्टर के बाद देश में MSME ही सबसे ज़्यादा रोजगार पैदा करता है। अगर यह सेक्टर धराशायी हो जाता है, तो देश की अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाना असंभव जो जाएगा। करोड़ों लोग बेरोजगार हो जाएंगे और देश कई साल पीछे चला जाएगा। कल वित्त मंत्री ने लगभग 6 लाख करोड़ रुपयों के राहत पैकेज संबन्धित जानकारी को देश से साझा किया जिसमें से लगभग 4 लाख करोड़ रुपयों को MSME के लिए ही आवंटित किया गया था।

वित्त मंत्री ने construction और power सेक्टर पर भी फोकस किया। सरकार ने power distribution कंपनियों के लिए 90 हज़ार करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया। यह राहत पैकेज इन कंपनियों को विद्युत उत्पादन कंपनियों के कर्ज़ को चुकाने में सहायता प्रदान करेगा। Discoms के लिए इस राहत पैकेज की बहुत आवश्यकता थी, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान बिजली की मांग घटने से ये कंपनियां cash flow की समस्या से जूझ रही हैं।

इसी के साथ सरकार ने कहा है कि वह real estate को राहत देने के लिए covid-19 की स्थिति को ‘force majeure’ घोषित करेंगे, जिसके तहत मार्च 25, 2020 और इसके बाद expire होने वाले सभी प्रोजेक्ट के लिए पंजीकरण और पूर्ति की deadline को छः महीनों के लिए बढ़ा दिया जाएगा ।

सरकार का यह राहत पैकेज देश की कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा और देश में “मांग” को बढ़ावा देगा, जिससे manufacturing सेक्टर को भी सहारा मिलेगा। इसी प्रकार देश की अर्थव्यवस्था दोबारा पटरी पर आएगी। सरकार देश में 17 मई के बाद से लॉकडाउन का चौथा चरण देशभर में लागू करेगी जहां देश में कुछ शर्तों के साथ दोबारा आर्थिक गतिविधियों के शुरू करने को मंजूरी दी जा सकती है। आज जब कोरोना के समय दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं डूबने की कगार पर है, तो ऐसे वक्त में देश में आर्थिक विकास दर positive रखना सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।

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