चीन की Xiaomi कंपनी आज भारत में घर-घर तक अपनी पहुंच बना चुकी है। भारत में यह कंपनी मोबाइल फोन बाज़ार के लगभग 30 प्रतिशत हिस्से पर अपना कब्जा जमा चुकी है, और आज की तारीख में यही कंपनी भारत में सबसे ज़्यादा मोबाइल फोन बेचती है। हालांकि, चीन की बाकी कंपनियों की तरह ही इस कंपनी के ऊपर भी अब यूजर के डेटा को चोरी करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। Forbes में छपी हाल ही की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ रिसरचर्स ने यह दावा किया है कि Xiaomi ना सिर्फ मोबाइल में इन्स्टाल हुई कुछ एप्स का डाटा चीन के किसी सर्वर में भेजता है, बल्कि वेब browser में browse किए जाने वाले URLs से जुड़ी जानकारी को भी कहीं फोन से बाहर भेजा जाता है, फिर चाहे यूजर किसी भी मोड में browser को इस्तेमाल कर रहा हो।
Forbes से बात करते हुए Cirlig नाम के एक व्यक्ति ने बताया कि उसके पास एक redmi note 8 फोन है, और वह कुछ दिनों से अपने फोन में कुछ अजीब बर्ताव देख रहा था। एक cyber-security researcher होने के नाते जब उसने इस मामले में और जांच की तो पता चला कि फोन का web browser कई महत्वपूर्ण जानकारियों को चीन में alibaba के सर्वर में पहुंचा रहा था। उस रिसर्चर ने यह भी दावा किया कि उसका फोन यह सब रिकॉर्ड कर रहा था कि उसने कौन सा फोल्डर खोला है और वह कहाँ swipe कर रहा है, इसके साथ ही मोबाइल की कई सेटिंग्स से जुड़ी जानकारी को भी मोबाइल स्टोर कर रहा था।
उस रिसर्चर ये आगे बताया कि वैसे तो आज की स्थिति में सभी browsers कुछ ना कुछ जानकारी को संबन्धित कंपनी के सर्वर के पास भेजते ही हैं, लेकिन Xiaomi का browser ज़रूरत से कई गुना ज़्यादा जानकारी को चीन के सर्वर में भेज रहा था। यह सबसे ज़्यादा चिंता की बात इसलिए है क्योंकि Xiaomi भारत में बेहद लोकप्रिय मोबाइल कंपनी है और इसके साथ ही दुनिया में apple, Samsung और हुवावे के बाद इसी कंपनी का सबसे बड़ा मार्केट शेयर है। हुवावे पर पहले ही लोगों का डेटा चोरी करने के आरोप लगते रहे हैं, अब एक और चीन मोबाइल निर्माता पर इस तरह के आरोप लगना चीनी mobile manufacturers के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।
बड़ा सवाल यह है कि आखिर Xiaomi करोड़ों यूजर्स के इतने सारे डेटा को अपने पास रखना क्यों चाहेगा? इसका जवाब यह है कि चीन बड़े पैमाने पर यूजर्स के रवैये को track करने की योजना पर काम कर रहा है और इसके लिए उसने एक चीनी कंपनी sensors Analytics के साथ करार भी किया है। Sensors Analytics के मुताबिक वह एक consulting सेवा प्रदान करने वाली कंपनी है और वह यूजर्स के behaviour को track करने में चीनी कंपनियों की सहायता करती है। अब Sensors Analytics कंपनी के पास इतनी बड़ी मात्रा में डेटा कहा से आता होगा, इसकी आप कल्पना ही कर सकते हैं।
Xiaomi ने इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी है,
और यह माना है कि उसके sensors Analytics कंपनी के साथ कुछ संबंध हैं, लेकिन कंपनी ने यह दावा किया है कि Xiaomi कंपनी का कोई भी डेटा Sensors कंपनी के सर्वर के साथ साझा नहीं किया जाता है और ज़रूरी डेटा को सिर्फ Xiaomi के सर्वर्स तक ही सीमित रखा जाता है। इसी के साथ Xiaomi ने यह भी कहा है कि ये दावे बिलकुल झूठे हैं कि उसके फोन इस प्रकार यूजर्स के अति-संवेदनशील डेटा को चीन में अपने सर्वर में स्टोर करती है और कंपनी ने दावा किया है की वह क्षेत्रीय निजता क़ानूनों का सख्ती से पालन करती है।
किसके दावे सही हैं और किसके दावे गलत, यह तो और ज़्यादा बड़ी जांच के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन अभी इतना साफ है कि Xiaomi पर भी निजता के उल्लंघन करने के आरोप अब लगाए जाने लगे हैं और इससे भारत के यूजर्स को सबसे ज़्यादा परेशानी होनी चाहिए क्योंकि भारत के लोग ही इसे सबसे ज़्यादा यूज़ करते हैं। भारत सरकार को भी इस मामले में दख़लअंदाज़ी कर इस कंपनी पर लगाए जा रहे आरोपों की जांच करनी चाहिए।