हिन्दुओं की भावना का अपमान करने वाली रेहाना फातिमा याद है ? अब उसे नौकरी से निकाल दिया गया है

'अपने किए की सजा सभी को मिलती है'

अपने किए की सजा सभी को मिलती है, यह कोई कथन नहीं बल्कि शाश्वत सत्या है। सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में घुसने की कोशिश करने और साजिश  के तहत अपने सोशल मीडिया पोस्ट से हिंदुओं की भावनाओं को भड़काने वाली एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा को सरकारी कंपनी BSNL ने अनिवार्य सेवानिवृत्त लेने का निर्देश दिया है। BSNL के आदेश में कहा गया है कि फातिमा के कर्मों को देखने और आंतरिक जांच के बाद यह निर्णय लिया गया है।

बीएसएनएल में तकनीशियन के तौर पर कार्यरत फातिमा को नवंबर 2018 में गिरफ्तार किए जाने के बाद सस्पेंड कर दिया गया था, जब एक फेसबुक पोस्ट को लेकर उसकी गिरफ्तारी हुई थी। उस दौरान BSNL ने अपनी कार्रवाई भी फातिमा के फेसुबक पोस्ट के जरिए लोगों की धार्मिक भावना आहत करने के चलते की थी। इसके बाद बीएसएनएल ने पूरे मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया था, जिसने जांच के बाद आदेश दिया है कि रेहाना अनिवार्य रिटायरमेंट लें। रेहाना फातिमा को सौंपे गए आदेश के अनुसार, सबरीमाला में प्रवेश करने के उनके प्रयास की वजह से कंपनी को काफी नुकसान झेलना पड़ा था और साथ ही ग्राहकों में BSNL की प्रतिष्ठा को भी धक्का लगा था।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मामले में अपने फैसले में 10-50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था। जब सबरीमाला मंदिर के कपाट खुला था तब कुछ फेमिनिस्ट एक्टिविस्ट मंदिर में प्रवेश करने का प्रयास कर रही थीं उन एक्टिविस्ट में से एक फेमिनिस्ट एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा भी थी जो मंदिर में खून से सना नैपकिन लेकर आई थी ताकि मंदिर की पवित्रता को खंडित कर सके। इसके बाद रेहाना फातिमा को हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था।

सोशल एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा पर फेसबुक पोस्ट के जरिये अयप्पा के भक्तों की भावनाओं को आहत किया था। यही नहीं इस संबंध में कोच्‍चि के पथानामथिट्टा थाने में शिकायत दर्ज की गई थी। कोच्ची पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए IPC के धारा 295 ए के तहत रेहाना फातिमा को उसके घर से गिरफ्तार किया गया था।

इससे पहले इसी मामले में मुस्लिम समुदाय ने भी फातिमा को निष्कासित कर दिया था। मुस्लिम जमात काउंसिल के अध्यक्ष पूनकुंजू ने 20 अक्टूबर 2018 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि, “रेहाना फातिमा को मुस्लिम समुदाय से निष्कासित कर दिया गया है। सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने का प्रयास कर और खून के धब्बो वाली नैपकिन्स को मंदिर में ले जाने का प्रयास कर लाखों हिंदुओं की धार्मिक भावना को आहत किया है।“ इसके अलावा पूकुंजू ने कहा था कि, “रेहाना ने ‘किस ऑफ लव’ आंदोलन में हिस्सा लिया था और फिल्म में नग्न प्रदर्शन किया था, उसे मुस्लिम नाम इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं है।”

ये पहला मामला नहीं था जब इस एक्टिविस्ट ने विवाद खड़ा किया हो। रेहाना फातिमा ने यूट्यूब पर एक कुकिंग वीडियो भी डाली थी। वीडियो में रेहाना बीफ की रेसेपी बताती नजर आई थी।

वर्ष 2014 में रेहाना फातिमा ने कोच्चि में मॉरल पोलिसिंग के खिलाफ ‘किस ऑफ लव’ कैम्पेन में भी हिस्सा लिया था। बाद में इस कैम्पेन को शुरू करने वाले दंपति के खिलाफ ऑनलाइन सेक्स ट्रैफिकिंग का मामला दर्ज किया गया था।

यही नहीं वो तब भी चर्चा में थी जब उसने एक टॉपलेस तस्वीर अपलोड की थी जिसमें रेहाना फातिमा दो तरबूजों के साथ नजर आ रही थी।

लाइमलाइट में आने के लिए रेहाना फातिमा की ये हरकत बयां करती है कि वो किस तरह से विवादों में रहना पसंद करती है ताकि वो चर्चा में बनी रहे जोकि शर्मनाक है। यहां तक कि वो लोगों की धार्मिक आस्था से खिलवाड़ करने में भी नहीं हिचकती है। इस फैसले से उन लोगों को गहरा झटका लगेगा जो फेमिनिस्ट एक्टिविस्ट के नाम पर हिंदू धर्म को अपमानित करने और नीचा दिखाने का प्रयास करते हैं। अब वो ऐसा करने से पहले एक बार जरुर सोचेंगे। इससे इन एक्टिविस्ट का ढोंग भी उजागर हुआ है।

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